रामबन: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के विशेषज्ञों की एक टीम ने रामबन में जमीन खिसकने, पेरनोट के व्यापक सर्वेक्षण के लिए साइट का दौरा किया.
मुख्य वैज्ञानिक प्रोफेसर डी.पी. कानूनगो के नेतृत्व में तकनीकी विशेषज्ञ समिति, जिसमें एनडीएमए से दीपाली जिंदल और रानू चौहान, यूएनडीपी से विवेक कोएल्हो और एनआईडीएम से डॉ. रविंदर सिंह शामिल थे. इन लोगों ने 7 मई से अपना मूल्यांकन शुरू किया. टीम ने रामबन जिले के पेरनोट क्षेत्र में भूमि धंसने के कारणों की गहन जांच की.
मुख्य वैज्ञानिक प्रो. डी.पी. कानूनगो ने इस बात पर प्रकाश डाला कि समिति सर्वेक्षण के बाद क्षेत्र के सतत विकास के लिए मंत्रालय को एक व्यापक रिपोर्ट सौंपेगी. प्राकृतिक आपदा की प्रकृति पर जोर देते हुए टीम मिट्टी के बहाव से होने वाले भविष्य के नुकसान को रोकने के लिए सावधानियों का प्रस्ताव देगी. इसके अतिरिक्त, वे भविष्य में आवास और कृषि गतिविधियों की व्यवहार्यता का मूल्यांकन कर रहे हैं.
विशेषज्ञों ने कृषि या निवास उद्देश्यों के लिए प्रभावित क्षेत्र में तब तक प्रवेश न करने की सलाह दी जब तक कि इसे सुरक्षित और स्थिर घोषित नहीं कर दिया जाता. डीएसईओ गणेश कुमार सहित जिला प्रशासन के अधिकारियों की उपस्थिति ने क्षेत्र में भूमि धंसाव से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करने की दिशा में उपायुक्त, रामबन, बसीर-उल-हक चौधरी के सहयोगात्मक प्रयास को रेखांकित किया.
एनडीएमए के विशेषज्ञ वैज्ञानिकों की टीम भूमि धंसने के बाद पेरनोट में कारणों, सावधानियों, आवास/कृषि की व्यवहार्यता का विश्लेषण कर रही है.