सुकमा: नक्सल विरोधी अभियान का असर अब बस्तर में दिखाई देने लगा है. सुकमा में शुक्रवार को तीन हार्डकोर नक्सलियों ने पुलिस की मौजूदगी में सरेंडर कर दिया. सरेंडर करने वाले नक्सलियों में मदकम सुक्का शामिल है. सुक्का लंबे वक्त से नक्सली संगठन के पिडमेल रिवोल्यूशनरी पीपल्स काउंसिल का मिलिशिया डिप्टी कमांडर था.सरेंडर करने वाले दूसरे नक्सली सोमा और भीमा भी प्रतिबंधित माओवादियों के संगठन से जुड़ा था. सोमा और भीमा दोनों चार सालों से पोलमपल्ली इलाके में नक्सली वारदातों को अंजाम दे रहे थे.
माओवादी विचारधारा से थे परेशान: सरेंडर करने वाले नक्सलियों का कहना है कि वो माओवादी विचारधारा से परेशान होकर आत्मसमर्पण कर रहे हैं. सरकार की पुनर्वास नीति से भी नक्सली लगातार प्रभावित होकर सरेंडर कर रहे हैं. सरेंडर करने वाले ज्यादातर नक्सलियों का कहना है कि वो आतंक की लड़ाई से त्रस्त हो चुके हैं. नक्सलियों के बड़े नेता अपने नीचे के माओवादियों का शोषण भी करते हैं.
30 जनवरी को टेकलगुडेम में हुआ था मुठभेड़: 30 जनवरी को टेकलगुडेम में नक्सलियों ने घात लगातार जवानों पर हमला बोल दिया था. नक्सलियों के हमले में तीन जवान शहीद हो गए थे जबकी 14 जवान जख्मी हो गए थे. नक्सली हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे सीएम ने कहा था कि लाल आतंक के खात्मे तक ये लड़ाई जारी रहेगी.