बीजापुर: विष्णु देव साय सरकार की कोशिश है कि बस्तर से माओवाद का जल्द से जल्द अंत हो. बस्तर में फोर्स पहले से ही नक्सिलयों के खिलाफ नक्सल विरोधी अभियान चला रही है. अब लोगों को जागरुक करने के लिए सरकार शॉर्ट फिल्मों की मदद भी ले रही है. सरकार की कोशिश है कि फिल्मों के जरिए लोगों को नक्सल समस्या के प्रति जागरुक किया जाए. माना जाता है कि गांव के भोले भाले लोगों को बहकाकर नक्सली उनका फायदा उठाते हैं.
शार्ट फिल्मों के जरिए लोगों को जागरुक करने की कोशिश: बीजापुर पुलिस ने माओवादियों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने और सरेंडर के लिए एक शॉर्ट फिल्म बनाई है. शार्ट फिल्म का नाम आवेग है. फिल्म के जरिए माओवाद से पनपने वाली दिक्कतों को दिखाया गया है. फिल्म में ये बताने की कोशिश की गई है कि नक्सली कैसे लोगों को विकास से दूर कर रहे हैं. जिस साफ पानी, पढ़ाई और मूलभूत सुविधाओं के वो हकदार हैं उनसे उनको महरुम रखा जा रहा है.
फिल्म के जरिए सरकार का संदेश: फिल्म के अंत में बीजापुर एसपी का एक संदेश भी नक्सलियों के नाम आता है. अपने संदेश में एसपी जितेंद्र यादव कहते हैं कि''अगर वो आत्मसमर्पण कर विकास की मुख्य धारा से जुड़ना चाहते हैं तो पुलिस से संपर्क करें. सरेंडर कर नई जिंदगी की शुरुआत करें. अपने साथियों और लोगों को बेहतर जिंदगी देने के लिए आगे बढ़ें.''
माओवादियों के बहकावे या दबाव में आए युवाओं को विष्णु के सुशासन में नई शुरुआत करने का सुनहरा मौक़ा मिल रहा है।
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) June 29, 2024
मुख्यमंत्री जी की युवाओं से अपील है कि माओवादी आतंक के दलदल में फँसे युवा बुराई का रास्ता छोड़कर मुख्य धारा में जुड़ने के लिये छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ… pic.twitter.com/dugDBBoLei
बस्तर में चल रहा एंटी नक्सल ऑपरेशन: बस्तर में चल रहे नक्सल विरोधी अभियान के दौरान बड़ी संख्या में नक्सली मारे जा रहे हैं. सरकार के आंकड़ों के मुताबिक साल 2024 में अबतक 123 नक्सली सरेंडर कर चुके हैं. सर्च ऑपरेशन के दौरान अबतक 273 माओवादी गिरफ्तार हुए हैं. बीते चार से पांच महीनों के बीच 150 से ज्यादा नक्सली अलग अलग मुठभेड़ में ढेर हो चुके हैं. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने भी साफ कहा है कि नक्सली हथियार डाल दें.