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कुरुक्षेत्र सीट से बीजेपी के नवीन जिंदल के सिर सजा जीत का ताज...इंडी गठबंधन के प्रत्याशी सुशील गुप्ता को हराया - Naveen Jindal won Kurukshetra

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jun 4, 2024, 8:31 PM IST

Updated : Jun 4, 2024, 10:48 PM IST

Naveen Jindal Won Kurukshetra : हरियाणा की हॉट सीट कुरुक्षेत्र में मुकाबला बेहद रोमांचक रहा. यहां पर बीजेपी के नवीन जिंदल शुरुआती दौर में पिछड़ते हुए नजर आए. लेकिन बाद में उन्होंने इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी सुशील गुप्ता को कांटे की टक्कर में 29,021 वोटों के मार्जिन से मात दी.

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कुरुक्षेत्र सीट से नवीन जिंदल जीते (Etv Bharat)

चंडीगढ़: कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट पर बीजेपी के नवीन जिंदल ने इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी और आम आदमी पार्टी के नेता सुशील गुप्ता को कांटे की टक्कर में मात दी है. इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला तीसरे स्थान पर रहे. बीजेपी के नवीन जिंदल इससे पहले कुरुक्षेत्र से दो बार कांग्रेस पार्टी की ओर से भी लोकसभा सांसद रह चुके हैं. इस बार बीजेपी ने उन्हें टिकट दिया. जिसके बाद वे यहां से अब तीसरी बार सांसद बने हैं.

जनता के प्रति आभार: कुरुक्षेत्र लोकसभा से जीत हासिल करने के बाद नवीन जिंदल ने संसदीय क्षेत्र की जनता का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि जनता ने इतना प्यार, समर्थन और आशीर्वाद देकर उन्हें सेवा करने का मौका दिया है.

जीत का जश्न (Etv Bharat)

जिंदल का राजनीतिक सफर: आपको बता दें कि जिंदल ने 2004 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के टिकट पर हरियाणा के कुरुक्षेत्र निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा. उन्होंने अपने विरोधी अभय चौटाला को 1,30,000 मतों के अंतर से हराया था, जिसके बाद वे साल 2009 के चुनाव में फिर सांसद चुने गए. जिंदल 2014 में कुरुक्षेत्र लोकसभा चुनाव हार गए थे. इसके बाद उन्होंने 24 मार्च 2024 को कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया. बीजेपी ने जिंदल को कुरुक्षेत्र से लोकसभा चुनाव के लिए अपना प्रत्याशी बनाया.

कोरोनाकाल में किया बड़ा योगदान: नवीन जिंदल को समाज सेवी के तौर पर भी जाना जाता है. जिंदल का तिरंगे के लिए संघर्ष 1992 में शुरू हुआ. जब उन्होंने रायगढ़ में अपनी फैक्ट्री में तिरंगा फहराया. वहीं, कोरोना काल में जब चारों ओर मौत का मंजर था तो भारतीय इस्पात उद्योग आगे आया और उत्पादन रोकने और लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन के अपने स्टॉक को अस्पतालों में भेजने का फैसला किया. जिंदल के इस निस्वार्थ सेवा की सभी ने खूब सराहना की. इस दौरान हजारों लोगों की जान जिंदल की वजह से बच पाई थी.

नवीन जिंदल का पारिवारिक परिचय: नवीन जिंदल के पिता किसान परिवार से संबंध रखते थे और बाद में वे स्टील और बिजली समूह, ओपी जिंदल समूह के संस्थापक बने. ओम प्रकाश जिंदल ने हरियाणा विधानसभा के लिए चुनाव लड़ा और 1991, 2000 और 2005 में तीन बार जीते और 1996 में हरियाणा के कुरुक्षेत्र निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुनाव लड़े जिसमें उनको जीत भी मिली. उन्होंने 2005 में 74 वर्ष की आयु में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में अपनी मृत्यु तक हरियाणा सरकार में मंत्री के रूप में कार्य किया. बता दें कि नवीन जिंदल देश की सबसे अमीर महिला और ओपी जिंदल ग्रुप की चेयरपर्सन सावित्री जिंदल के बेटे है. सावित्री जिंदल ने इसी साल कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थामा था. सावित्री जिंदल ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स में 56वें नंबर पर आती हैं और दुनिया के बड़े-बड़े अरबपतियों को टक्कर देती हैं.

ये भी पढ़ें: हुड्डा के गढ़ में फिर से "हुड्डा" का कब्जा...दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने लिया 2019 का बदला...रोहतक में 3 लाख से ज्यादा वोटों से BJP कैंडिडेट को दी मात

ये भी पढ़ें: करनाल में बीजेपी की बल्ले-बल्ले...हरियाण के पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर ने जीता चुनाव

चंडीगढ़: कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट पर बीजेपी के नवीन जिंदल ने इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी और आम आदमी पार्टी के नेता सुशील गुप्ता को कांटे की टक्कर में मात दी है. इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला तीसरे स्थान पर रहे. बीजेपी के नवीन जिंदल इससे पहले कुरुक्षेत्र से दो बार कांग्रेस पार्टी की ओर से भी लोकसभा सांसद रह चुके हैं. इस बार बीजेपी ने उन्हें टिकट दिया. जिसके बाद वे यहां से अब तीसरी बार सांसद बने हैं.

जनता के प्रति आभार: कुरुक्षेत्र लोकसभा से जीत हासिल करने के बाद नवीन जिंदल ने संसदीय क्षेत्र की जनता का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि जनता ने इतना प्यार, समर्थन और आशीर्वाद देकर उन्हें सेवा करने का मौका दिया है.

जीत का जश्न (Etv Bharat)

जिंदल का राजनीतिक सफर: आपको बता दें कि जिंदल ने 2004 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के टिकट पर हरियाणा के कुरुक्षेत्र निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा. उन्होंने अपने विरोधी अभय चौटाला को 1,30,000 मतों के अंतर से हराया था, जिसके बाद वे साल 2009 के चुनाव में फिर सांसद चुने गए. जिंदल 2014 में कुरुक्षेत्र लोकसभा चुनाव हार गए थे. इसके बाद उन्होंने 24 मार्च 2024 को कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया. बीजेपी ने जिंदल को कुरुक्षेत्र से लोकसभा चुनाव के लिए अपना प्रत्याशी बनाया.

कोरोनाकाल में किया बड़ा योगदान: नवीन जिंदल को समाज सेवी के तौर पर भी जाना जाता है. जिंदल का तिरंगे के लिए संघर्ष 1992 में शुरू हुआ. जब उन्होंने रायगढ़ में अपनी फैक्ट्री में तिरंगा फहराया. वहीं, कोरोना काल में जब चारों ओर मौत का मंजर था तो भारतीय इस्पात उद्योग आगे आया और उत्पादन रोकने और लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन के अपने स्टॉक को अस्पतालों में भेजने का फैसला किया. जिंदल के इस निस्वार्थ सेवा की सभी ने खूब सराहना की. इस दौरान हजारों लोगों की जान जिंदल की वजह से बच पाई थी.

नवीन जिंदल का पारिवारिक परिचय: नवीन जिंदल के पिता किसान परिवार से संबंध रखते थे और बाद में वे स्टील और बिजली समूह, ओपी जिंदल समूह के संस्थापक बने. ओम प्रकाश जिंदल ने हरियाणा विधानसभा के लिए चुनाव लड़ा और 1991, 2000 और 2005 में तीन बार जीते और 1996 में हरियाणा के कुरुक्षेत्र निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुनाव लड़े जिसमें उनको जीत भी मिली. उन्होंने 2005 में 74 वर्ष की आयु में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में अपनी मृत्यु तक हरियाणा सरकार में मंत्री के रूप में कार्य किया. बता दें कि नवीन जिंदल देश की सबसे अमीर महिला और ओपी जिंदल ग्रुप की चेयरपर्सन सावित्री जिंदल के बेटे है. सावित्री जिंदल ने इसी साल कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थामा था. सावित्री जिंदल ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स में 56वें नंबर पर आती हैं और दुनिया के बड़े-बड़े अरबपतियों को टक्कर देती हैं.

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Last Updated : Jun 4, 2024, 10:48 PM IST
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