जशपुर: नारायणपुर जिले के ओरछा में नक्सलियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए जशपुर के लाल नितेश एक्का को जशपुर नगर में अंतिम विदाई दी गई. इस दौरान आसपास के गांव वालों के साथ ही जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे. शहीद के पार्थिव शरीर को जशपुर से लगे ग्राम चराईडांड स्थित उनके पैतृक गांव लाया गया. यहां शहीद के पार्थिव शरीर को देख पूरा गांव रो पड़ा. शहीद की मां ने जैसे ही बेटे का पार्थिव शरीर देखा चीख-चीख कर रोने लगी.
विशेष विमान से लाया गया पार्थिव शरीर: रायपुर से शहीद के पार्थिव शरीर को सेना के विशेष विमान से जशपुर पुलिस लाइन हैलीपेड पहुंचाया गया. यहां से शहीद के परिजनों और ग्रामीणों सहित नगर के जनसमूह ने वीर जवान को श्रद्धांजलि दी. विमान से शव को उतारने के बाद शहीद के परिजन, पूर्व राज्यसभा सांसद रणविजय प्रताप सिंह जूदेव, विक्रमादित्य सिंह जूदेव सहित अन्य लोगों ने शव को कंधा दिया. इसके बाद शव को पूरे नगर में भ्रमण कराया गया. शहीद के बड़े भाई अशोक एक्का ने कहा, "शहीद नितेश की पोस्टिंग साल 2017 में हुई थी. उसके बाद STF में साल 2018 में गये थे. एक सप्ताह पहले वो घर आये हुए थे, जिसमें बीच में ही छुट्टी कैंसिल कर के वापस लौट गए थे.गर्व की बात है कि भाई शहीद हुआ है."
15 जून को नारायणपुर जिले में नक्सलियों से हुए मुठभेड़ में एसटीएफ के जवान नितेश एक्का शहीद हो गए . उनका पार्थिक शरीर ससम्मान उनके गृह ग्राम चराईडंडा लाया गया. यहां उन्हें पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. हमें गर्व है कि जशपुर के इस बहादुर बेटे ने राष्ट्र के लिए अपना बलिदान दिया. नक्सलवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई अंतिम चरण में है, जिसे हम जीतेंगे और हमारे नितेश एक्का के लिए वह एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी. -अंकित गर्ग, आईजी, सरगुजा
शहीद जवान को दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर: शहीद जवान को उनके पैतृक गांव में पूरे सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. अधिकारियों सहित जनप्रतिनिधियों ने श्रद्धांजलि दी. इस दौरान ‘शहीद जवान नितेश एक्का अमर रहें.जब तक सूरज चांद रहेगा. अमर शहीद नितेश का नाम रहेगा." जैसे नारों से पूरा नगर और गांव गूंज उठा. शहीद जवान को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इसके बाद रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया गया.