मुंबई : कांग्रेस की ओर से सवाल उठाया गया कि क्या चुनाव में इस्तेमाल की गई ईवीएम मशीनें हैक की गई थीं. इस संबंध में राहुल गांधी ने मुंबई नॉर्थ वेस्ट लोकसभा चुनाव का उदाहरण देते हुए एलन मस्क की पोस्ट सोशल मीडिया पर शेयर की.
दरअसल सांसद रवींद्र वायकर के साले के मतगणना केंद्र में कथित रूप से मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. आरोप है कि ईवीएम मशीन से जुड़ा फोन वायकर के बहनोई को दिया गया था. मुंबई नॉर्थ वेस्ट चुनाव में यह स्थिति सामने आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 'एक्स' पर पोस्ट कर अपनी चिंता जाहिर की है.
रवींद्र वायकर के साले के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद एक बार फिर ईवीएम पर सवाल उठ रहे हैं. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा, 'ईवीएम एक 'ब्लैक बॉक्स' है. किसी को भी ब्लैक बॉक्स की जांच करने की इजाजत नहीं है. हमारी चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएं हैं. जब (चुनाव आयोग) संस्थाओं में जवाबदेही नहीं रखता, जब लोकतंत्र केवल एक व्यवस्था बनकर रह जाता है, तो धोखाधड़ी की संभावना रहती है.'
कांग्रेस ने उठाए सवाल : कांग्रेस ने सत्ता पक्ष से दो सवाल किए हैं. कांग्रेस ने कहा कि 'भारत निर्वाचन आयोग को स्पष्टीकरण देना चाहिए. एनडीए प्रत्याशी के रिश्तेदार का मोबाइल फोन ईवीएम से क्यों जुड़ा था? मतगणना केंद्र पर मोबाइल फोन कैसे ले जाया गया.' इस पर आदित्य ठाकरे ने शिव सेना शिंदे गुट पर कटाक्ष किया, एक बार का गद्दार (traitor) हमेशा गद्दार रहता है.
पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि 'भारत निर्वाचन आयोग ने मतदान केंद्र से सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया. मुझे लगता है कि उन्होंने एक बार फिर चंडीगढ़ जैसी स्थिति को टाल दिया है. हम लगातार कह रहे हैं कि बीजेपी और मिंधे गैंग हमारे लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं और संविधान को बदलने की कोशिश कर रहे हैं.' पूर्व मंत्री ने दावा किया कि कदाचार चल रहा है.
एलन मस्क ने किया था पोस्ट : इससे पहले टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने एक्स पर पोस्ट किया था कि ईवीएम सुरक्षित नहीं हैं. उन्होंने 'एक्स' पर पोस्ट में कहा, 'इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें इंसानों या एआई द्वारा हैक किए जाने के प्रति संवेदनशील हैं. उन्हें हटाया जाना चाहिए.' जिसके बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने दावा किया कि ईवीएम पर एलन मस्क का बयान सच नहीं है. उन्होंने कहा कि 'भारतीय ईवीएम मशीनें सुरक्षित हैं. किसी भी नेटवर्क से स्वतंत्र. ईवीएम से किसी भी मीडिया, ब्लूटूथ और वाईफाई को कनेक्ट नहीं किया जा सकता है. उनकी प्रोग्रामिंग स्वतंत्र है. भारत से कुछ सबक सीखें.'
श्रीनिवास ने भी उठाए सवाल : भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास ने EVM की पारदर्शिता पर सवाल उठाए. उन्होंने पोस्ट में कहा, 'चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करना चुनाव आयोग का प्राथमिक संवैधानिक कर्तव्य है. नागरिकों के मताधिकार के प्रति विश्वास पैदा करना भी प्राथमिक संवैधानिक कर्तव्य है. ईवीएम से छेड़छाड़ को लेकर चिंता जताई जा रही है. ऐसा प्रतीत होता है कि भारत का चुनाव आयोग सत्तारूढ़ दल के हितों को प्राथमिकता दे रहा है. कई विकसित देश में ईवीएम पर वोट क्यों नहीं? सोचने की जरूरत है.'