हैदराबाद: उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन और 5 बार विधायक रहे मुख्तार अंसारी की मौत के साथ ही अपराध जगत के उन सरगनाओं का अंत हो गया, जिनको एक वक्त मे खौफ का दूसरा नाम माना जाता था. मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की एक साल के भीतर मौत हो गई, तो मोहम्मद शहाबुद्दीन ने 1 मई 2021 को दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में कोरोना संक्रमण से दम तोड़ दिया था.
पूर्वांचल का बाहुबली, माफिया डॉन कहलाने वाले मुख्तार अंसारी के खिलाफ देश के 3 राज्यों में कुल 65 मुकदमे दर्ज हैं. इनमें से उसे 8 मामलों में सजा हो चुकी थी. 21 केस विचाराधीन हैं. वो करीब 19 साल से जेल में बंद था. जिस भी जेल में अंसारी होता था, वह उसका क्राइम हेडक्वार्टर बन जाता था.
दो साल रोपड़ जेल में बंद रहा अंसारी: मुख्तार अंसारी ने 2019 से 2021 तक पंजाब की जेल में लंबे समय तक वक्त बिताया. इससे राज्य में राजनीतिक हंगामा मच गया, खासकर तब जब सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद अंसारी को उत्तर प्रदेश वापस भेजा गया था. अंसारी को जनवरी 2019 में मोहाली के सेक्टर 70 में एक बिल्डर से 10 करोड़ रुपये की जबरन वसूली के मामले में प्रोडक्शन वारंट पर रोपड़ जेल लाया गया था. वह 6 अप्रैल, 2021 तक रोपड़ जेल में रहा.
2021 में यूपी लाया गया था अंसारी: उत्तर प्रदेश सरकार ने अंसारी की हिरासत के लिए पंजाब सरकार को कम से कम 25 रिमाइंडर भेजे थे. आखिरकार, उत्तर प्रदेश ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. आरोप लगाया कि पंजाब सरकार कांग्रेस नेताओं के साथ संबंधों के कारण अंसारी को बचा रही है. शीर्ष अदालत ने 26 मार्च, 2021 को पंजाब को दो सप्ताह के भीतर अंसारी की हिरासत उत्तर प्रदेश को सौंपने का निर्देश दिया था.
पंजाब से व्हीलचेयर पर आया अंसारी: पंजाब में कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार लगभग 2 वर्षों से अंसारी को रोपड़ जेल से उत्तर प्रदेश में स्थानांतरित करने से बच रही थी. उस दौरान अंसारी को जेल में VVIP ट्रीटमेंट मिलने के आरोप भी लगे थे.
पंजाब सरकार अंसारी का चिकित्सीय स्थिति का हवाला देती रही, जिसके लिए उसे व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ा. पंजाब में व्हील चेयर पर दिखने वाला मुख्तार अंसारी बांदा जेल पहुंचने के बाद अपने पैरों से चलकर जेल के अंदर गया था. जानकारी के मुताबिक बांदा पहुंचने के बाद जब चिकित्सकों ने अंसारी की जांच की, तो वो फिट पाया गया.
ऐसा कोई अपराध नहीं जो अंसारी ने किया नहीं: अंसारी के खिलाफ कुल 65 केस दर्ज हैं. इनमें हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण, धोखाधड़ी, गुंडा एक्ट, आर्म्स एक्ट, गैंगस्टर एक्ट, सीएलए एक्ट से लेकर एनएसए तक शामिल है. पहला मामला 1978, तो हत्या का पहला मामला 1986 में दर्ज किया गया था. दशकों तक दबंगई, आतंक, हत्या, जबरन वसूली जैसे मामलों में 2022 अंसारी को दोषी ठहराया गया. सितंबर 2022 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को जेलर को धमकी देने के आरोप में 7 साल की सजा सुनाई.
परिवार पर भी कई केस दर्ज: मुख्तार अंसारी समेत उसके परिवार पर कुल 101 केस दर्ज हैं. भाई अफजाल अंसारी पर 7, भाई सिगबतुल्लाह पर 3, मुख्तार अंसारी की पत्नी अफसा अंसारी पर 11, बेटे अब्बास पर 8 तो छोटे बेटे उमर पर 6 केस दर्ज हैं. मुख्तार अंसारी की बहू निखत पर 1 मुकदमा दर्ज है.
कार्डिएक अरेस्ट से मौत: यूपी की बांदा जेल में बंद माफिया और बाहुबली नेता बने मुख्तार अंसारी का दिल का दौरा पड़ने से गुरुवार को मौत हो गई. बांदा मेडिकल कॉलेज की मेडिकल बुलेटिन के अनुसार अंसारी की मौत कार्डिएक अरेस्ट से हुई.
मुख्तार, शहाबुद्दीन, अतीक, अशरफ और रमजान
जुर्म की दुनिया चार बड़े नाम... मुख्तार, अतीक, अशरफ और शहाबुद्दीन. अपराध के अलावा एक और रिश्ता जुड़ चुका है. ये वो रिश्ता इन चारों की मौत से जुड़ा है. वैसे तो मौत अनिश्चित है, अब इसे इत्तेफाक कहें या पता नहीं. इन चारों की मौत रमजान के महीने में हुई, और मुसलमानों के लिए रमजान का महीना बहुत पवित्र होता है.
मुख्तार की मौत- 28 मार्च 2024 (रमजान का 17वां दिन)
मुख्तार अंसारी के बारे में तो बांदा जेल के अधिकारियों ने यहां तक बताया कि अपने आखिरी दिनों में मुख्तार जेल के अंदर भी रोजे रख रहा था. मुख़्तार अंसारी का एक ऑडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ. इसका भी कनेक्शन रमजान से है. मुख्तार अपने बेटे उमर अंसारी से कह रहा है कि उसे रोजा रखने में परेशानी हो रही है.
शायद मौत के डर और गुनाहों के बोझ ने फिर भी उसको रोजे रखने पर मजबूर कर दिया था. 26 मार्च को तबियत बिगड़ने पर जब उसे अस्पताल ले जाया गया. पर अपराध इतने थे कि ऊपरवाले के आगे दुआ भी काम नहीं आई. महज दो दिन बाद दिल का दौरा पड़ने पर अंसारी की मौत हो गई.
शहाबुद्दीन की मौत- 1 मई 2021 (रमजान का 18वां दिन)
बाहुबली नेता कहे जाने वाला मोहम्मद शहाबुद्दीन अपराध की दुनिया का बड़ा नाम रहा है. शहाबुद्दीन 1986 से मात्र 19 साल की उम्र में ही अपराध की दुनिया में शामिल हो चुका था. उम्र कैद काट रहा माफिया डॉन शहाबुद्दीन मई 2021 में तिहाड़ जेल में रहकर गुनाहों से तौबा कर रहा था. वो भी रमजान का ही महीना था. शहाबुद्दीन पहले से बीमार तो था ही, कोविड के इंफेक्शन ने उसे बुरी तरह तोड़ दिया. रमजान के दौरान ही बिहार के सबसे खतरनाक डॉन मोहम्मद शहाबुद्दीन की मौत हो गई.
अतीक अहमद और अशरफ की मौत- 15 अप्रेल 2023 (रमजान का 22वां दिन)
अतीक अहमद पर 100 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज थे, तो वहीं अतीक के भाई अशरफ के खिलाफ भी हत्या, अपहरण और डकैती समेत कुल 52 मुकदमे चल रहे थे. कोर्ट के आदेश पर दोनों भाई गुजरात की साबरमती जेल से प्रयागराज पहुंचे, तब भी रमजान का महीना चल रहा था. अतीक और अशरफ बार-बार पुलिस पर एनकाउंटर का शक जता रहे थे. 15 अप्रेल 2023 की रात तीन शूटरों ने पुलिस कस्टडी में ही ताबड़तोड़ फायरिंग कर अतीक और अशरफ को मौत के घाट उतार दिया.
'माफिया' के एक युग का अंत
जहां एक तरफ कत्ल और खूनखराबा को अंजाम देने वाले मुख्तार अंसारी और मोहम्मद शहाबुद्दीन की बीमारी के चलते मौत हो गई, तो वहीं अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई. ये अपराध जगत के बड़े डॉन, खुद को ‘बाहुबली' मानने वाले माफियाओं के एक युग का अंत है.
कुल मिला कर इन अपराधियों के लिये रमजान का महीना इनके गुनाहों के हिसाब-किताब का महीना बन कर आया. जिंदगी भर जुल्म और आतंक फैलाने वाले ये डॉन उस ऊपरवाले के न्याय से नहीं बच पाए. कुछ गुनाहों की माफी नहीं होती, वही इनके साथ हुआ. इन चारों को भी रमजान महीने मे ही माफी के बजाए मिली सजाए मौत.