नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की केंद्रीय मंत्रिमंडल समिति ने बुधवार को राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (एनआईसीडीपी) के तहत घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 10 राज्यों में 12 नए औद्योगिक स्मार्ट शहरों की स्थापना को मंजूरी दी. इन परियोजनाओं पर 28,602 करोड़ रुपये का अनुमानित निवेश होगा. 10 राज्यों में फैली और छह प्रमुख गलियारों के साथ रणनीतिक रूप से नियोजित ये परियोजनाएं भारत की विनिर्माण क्षमताओं और आर्थिक विकास को बढ़ाने की दिशा में बड़ी छलांग साबित हो सकती हैं.
#WATCH | After the cabinet meeting, Union Minister Ashwini Vaishnaw says, " ...cabinet today approved 12 industrial smart cities under national industrial corridor development programme. the government will invest rs 28,602 crore for this project..." pic.twitter.com/KxNYqNZ5dT
— ANI (@ANI) August 28, 2024
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट बैठक के बाद प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि ये औद्योगिक स्मार्ट शहर उत्तराखंड के खुरपिया, पंजाब के राजपुरा-पटियाला, महाराष्ट्र के दिघी, केरल के पलक्कड़, उत्तर प्रदेश के आगरा व प्रयागराज, बिहार के गया, तेलंगाना के जहीराबाद, आंध्र प्रदेश के ओर्वाकल (Orvakal) व कोपार्थी और राजस्थान के जोधपुर-पाली में विकसित किए जाएंगे.
10 लाख प्रत्यक्ष रोजगार की संभावनाएं
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि औद्योगिक शहरों से करीब 10 लाख प्रत्यक्ष रोजगार और 30 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार की संभावनाएं पैदा होंगी, क्योंकि रोजगार पर काफी फोकस रहेगा. उन्होंने कहा कि आज दुनिया भर से मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां भारत की ओर शिफ्ट हो रही हैं. चाहे इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हो, मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग हो या डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग, ये सभी भारत की ओर शिफ्ट हो रहे हैं. नई औद्योगिक क्षेत्र परियोजनाओं से इसका लभा उठाया जा सकता है.
#WATCH | After the cabinet meeting, Union Minister Ashwini Vaishnaw says, " ...about 10 lakh direct jobs and 30 lakh indirect employment potential will be created through this...there will be a lot of focus on plugin play and walk-to-work concepts. today, manufacturing activities… pic.twitter.com/Ry5Gh6HyIM
— ANI (@ANI) August 28, 2024
रणनीतिक निवेश
इन परियोजनाओं के अहम बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए वैष्णव ने बताया कि एनआईसीडीपी को बड़े प्रमुख उद्योगों और सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) दोनों से निवेश की सुविधा प्रदान करके एक जीवंत औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन किया गया है. ये औद्योगिक शहर 2030 तक 2 ट्रिलियन डॉलर के निर्यात को प्राप्त करने के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेंगे, जो सरकार के आत्मनिर्भर और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी भारत के दृष्टिकोण को मजबूत करेगा.
स्मार्ट शहर और आधुनिक बुनियादी ढांचा
उन्होंने कहा कि नए औद्योगिक शहरों को वैश्विक मानकों के ग्रीनफील्ड स्मार्ट शहरों के रूप में विकसित किया जाएगा, जिन्हें 'प्लग-एन-प्ले' और 'वॉक-टू-वर्क' अवधारणाओं पर 'मांग से आगे' बनाया जाएगा. यह दृष्टिकोण सुनिश्चित करता है कि शहर उन्नत बुनियादी ढांचे से लैस हों जो टिकाऊ और कुशल औद्योगिक संचालन का समर्थन करते हैं.
रेल मंत्रालय की तीन परियोजनाओं को मंजूरी
कैबिनेट ने रेल मंत्रालय की 3 परियोजनाओं सहित कई परियोजनाओं को मंजूरी दी. रेलवे की तीन परियोजनाओं के बारे में बात करते हुए वैष्णव ने कहा कि आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने रेल मंत्रालय की 3 परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनकी कुल अनुमानित लागत 6,456 करोड़ रुपये है. उन्होंने कहा कि स्वीकृत परियोजनाएं असंबद्ध क्षेत्रों को जोड़कर रसद दक्षता में सुधार करेंगी, मौजूदा लाइन क्षमता को बढ़ाएंगी और परिवहन नेटवर्क को मजबूत करेंगी, जिससे सुव्यवस्थित आपूर्ति श्रृंखलाएं और त्वरित आर्थिक विकास होगा.
उन्होंने कहा कि नई लाइन के प्रस्ताव सीधे संपर्क प्रदान करेंगे और गतिशीलता में सुधार करेंगे, जिससे भारतीय रेलवे की दक्षता और सेवा विश्वसनीयता बढ़ेगी. मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्ताव परिचालन को आसान बनाएगा और भीड़भाड़ को कम करेगा, जिससे भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्त रेलखंडों पर बहुत जरूरी बुनियादी ढांचागत विकास होगा. ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ के 7 जिलों को कवर करने वाली ये तीन परियोजनाएं भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 300 किलोमीटर तक बढ़ा देंगी.
इन परियोजनाओं के साथ 14 नए स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा, जिससे नुआपाड़ा और पूर्वी सिंहभूम को बेहतर संपर्क मिलेगा. नई लाइन परियोजनाओं से 1,300 गांवों और लगभग 11 लाख लोगों को कनेक्टिविटी मिलेगी. मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना से 1,300 गांवों और लगभग 19 लाख लोगों को कनेक्टिविटी मिलेगी.
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