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कोलकाता डॉक्टर रेप-हत्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट में कल होगी सुनवाई - Kolkata doctor rape murder case

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By Sumit Saxena

Published : Sep 16, 2024, 6:55 PM IST

Kolkata Doctor Rape Murder Case, कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टर से रेप और हत्या से संबंधित मामले की सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा. पढ़िए पूरी खबर...

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट (IANS)

नई दिल्ली : ममता बनर्जी सरकार द्वारा प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों को बातचीत के लिए पांचवीं बार आमंत्रित किए जाने की पृष्ठभूमि में, सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक रेजिडेंट डॉक्टर के बलात्कार और हत्या से संबंधित मामले की सुनवाई करेगा.

डॉक्टरों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की है. सोमवार को राज्य सरकार ने गतिरोध को समाप्त करने के लिए प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों को पांचवीं और अंतिम बार बातचीत के लिए आमंत्रित किया. बता दें कि लाइव-स्ट्रीमिंग जैसे कई मुद्दों पर असहमति के कारण पिछली बैठकें रद्द कर दी गई थीं.

मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि रेजिडेंट डॉक्टर सुप्रीम कोर्ट द्वारा शाम 5 बजे तक काम पर लौटने के निर्देश के बावजूद अपनी हड़ताल जारी रखे हुए हैं. 10 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों से कहा था कि वे राज्य सरकार की दंडात्मक कार्रवाई से बचने के लिए काम पर लौट आएं. राज्य सरकार ने दावा किया था कि डॉक्टरों के काम से अनुपस्थित रहने के कारण 9 सितंबर तक 23 मरीजों की मौत हो गई थी. 9 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में बलात्कार और हत्या की शिकार ट्रेनी डॉक्टर के पोस्टमार्टम के लिए जरूरी एक महत्वपूर्ण दस्तावेज की अनुपस्थिति के बारे में भी चिंता व्यक्त की थी और सीबीआई से मामले की जांच करने को कहा था.

जूनियर डॉक्टरों के लगातार विरोध और बड़े पैमाने पर जन आक्रोश के बीच प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने उसके समक्ष पेश किए गए रिकॉर्ड में ‘चालान’ की गैर-मौजूदगी पर नौ सितंबर को चिंता जताई थी, जो उस प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजे जाने के संबंध में एक महत्वपूर्ण दस्तावेज था, जिसकी आरजी कर अस्पताल में कथित तौर पर बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी.

एक वकील ने कहा कि यह दस्तावेज कलकत्ता उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान प्रस्तुत किया गया था. इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उल्लेख न होने के कारण, दस्तावेज के बाद में बनाए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. पश्चिम बंगाल सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मेहता की दलील का कड़ा विरोध किया और कहा कि बाद में कुछ भी नहीं बनाया जा रहा है. सिब्बल ने कहा, 'हम एक हलफनामा दायर करेंगे.'

मेहता ने पीठ को सूचित किया कि केंद्रीय एजेंसी ने आगे की जांच के लिए फोरेंसिक नमूने एम्स भेजने का फैसला किया है. पीठ ने मामले की अगली सुनवाई अगले मंगलवार के लिए निर्धारित करते हुए कहा कि सीबीआई द्वारा एक स्थिति रिपोर्ट दायर की गई है, ऐसा प्रतीत होता है कि जांच प्रगति पर है, हम सीबीआई को एक नई स्थिति रिपोर्ट दायर करने का निर्देश देते हैं...हम सीबीआई को उसकी जांच में मार्गदर्शन नहीं देना चाहते हैं.

इस बीच, राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत ने प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों को ईमेल भेजकर सोमवार को शाम पांच बजे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कालीघाट स्थित आवास पर बातचीत के लिए पहुंचने को कहा. बनर्जी ने 14 सितंबर को प्रदर्शन स्थल का दौरा किया और आंदोलनकारी डॉक्टरों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया. हालांकि, उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन देने के बावजूद बातचीत अभी तक नहीं हो पाई है. कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक रेजिडेंट डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के बाद सुप्रीम कोर्ट ने खुद ही मामला शुरू किया था.

ये भी पढ़ें- 'सीबीआई पिंजरे में बंद तोता ... इस छवि से बाहर निकलने की जरूरत'

नई दिल्ली : ममता बनर्जी सरकार द्वारा प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों को बातचीत के लिए पांचवीं बार आमंत्रित किए जाने की पृष्ठभूमि में, सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक रेजिडेंट डॉक्टर के बलात्कार और हत्या से संबंधित मामले की सुनवाई करेगा.

डॉक्टरों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की है. सोमवार को राज्य सरकार ने गतिरोध को समाप्त करने के लिए प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों को पांचवीं और अंतिम बार बातचीत के लिए आमंत्रित किया. बता दें कि लाइव-स्ट्रीमिंग जैसे कई मुद्दों पर असहमति के कारण पिछली बैठकें रद्द कर दी गई थीं.

मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि रेजिडेंट डॉक्टर सुप्रीम कोर्ट द्वारा शाम 5 बजे तक काम पर लौटने के निर्देश के बावजूद अपनी हड़ताल जारी रखे हुए हैं. 10 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों से कहा था कि वे राज्य सरकार की दंडात्मक कार्रवाई से बचने के लिए काम पर लौट आएं. राज्य सरकार ने दावा किया था कि डॉक्टरों के काम से अनुपस्थित रहने के कारण 9 सितंबर तक 23 मरीजों की मौत हो गई थी. 9 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में बलात्कार और हत्या की शिकार ट्रेनी डॉक्टर के पोस्टमार्टम के लिए जरूरी एक महत्वपूर्ण दस्तावेज की अनुपस्थिति के बारे में भी चिंता व्यक्त की थी और सीबीआई से मामले की जांच करने को कहा था.

जूनियर डॉक्टरों के लगातार विरोध और बड़े पैमाने पर जन आक्रोश के बीच प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने उसके समक्ष पेश किए गए रिकॉर्ड में ‘चालान’ की गैर-मौजूदगी पर नौ सितंबर को चिंता जताई थी, जो उस प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजे जाने के संबंध में एक महत्वपूर्ण दस्तावेज था, जिसकी आरजी कर अस्पताल में कथित तौर पर बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी.

एक वकील ने कहा कि यह दस्तावेज कलकत्ता उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान प्रस्तुत किया गया था. इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उल्लेख न होने के कारण, दस्तावेज के बाद में बनाए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. पश्चिम बंगाल सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मेहता की दलील का कड़ा विरोध किया और कहा कि बाद में कुछ भी नहीं बनाया जा रहा है. सिब्बल ने कहा, 'हम एक हलफनामा दायर करेंगे.'

मेहता ने पीठ को सूचित किया कि केंद्रीय एजेंसी ने आगे की जांच के लिए फोरेंसिक नमूने एम्स भेजने का फैसला किया है. पीठ ने मामले की अगली सुनवाई अगले मंगलवार के लिए निर्धारित करते हुए कहा कि सीबीआई द्वारा एक स्थिति रिपोर्ट दायर की गई है, ऐसा प्रतीत होता है कि जांच प्रगति पर है, हम सीबीआई को एक नई स्थिति रिपोर्ट दायर करने का निर्देश देते हैं...हम सीबीआई को उसकी जांच में मार्गदर्शन नहीं देना चाहते हैं.

इस बीच, राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत ने प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों को ईमेल भेजकर सोमवार को शाम पांच बजे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कालीघाट स्थित आवास पर बातचीत के लिए पहुंचने को कहा. बनर्जी ने 14 सितंबर को प्रदर्शन स्थल का दौरा किया और आंदोलनकारी डॉक्टरों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया. हालांकि, उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन देने के बावजूद बातचीत अभी तक नहीं हो पाई है. कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक रेजिडेंट डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के बाद सुप्रीम कोर्ट ने खुद ही मामला शुरू किया था.

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