श्रीनगर: हुर्रियत के चेयरमैन और कश्मीर के मुख्य धर्मगुरु मीरवाइज उमर फारूक को एक बार फिर नजरबंद कर दिया गया है, जिससे वह श्रीनगर की ऐतिहासिक जामा मस्जिद में शुक्रवार को होने वाले खुतबे को संबोधित नहीं कर सके. मस्जिद की प्रबंध संस्था अंजुमन औकाफ ने यह जानकारी दी.
एक बयान में अंजुमन औकाफ ने मीरवाइज की नजरबंदी की निंदा की और उन पर लगाए गए प्रतिबंधों पर नाराजगी जताई. बयान में कहा गया, "आज लगातार तीसरा शुक्रवार है जब मीरवाइज को जामिया मस्जिद में नमाज अदा करने और खुतबा देने से रोका गया.
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन है मीरवाइज
अंजुमन औकाफ ने कहा कि नेता को उनके धार्मिक दायित्वों को पूरा करने से लगातार रोकना बेहद परेशान करने वाला और अस्वीकार्य है. मीरवाइज उमर कश्मीर की ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में 'खातिब' हैं. वह ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन भी हैं. मीरवाइज परिवार सदियों से जामा मस्जिद से जुड़ा हुआ है. इससे पहले उन्हें 6 और 13 दिसंबर को भी नजर बंद कर लिया गया था.
2019 को किए गए थे नजरबंद
बता दें कि मीरवाइज को 4 अगस्त 2019 यानी जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म होने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदलने से एक दिन पहले नजरबंद कर दिया गया था. इसके बाद उन्हें चार साल से ज्यादा समय बाद 22 सितंबर 2023 को रिहा किया गया था.
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