नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने एक जुलाई से तीन नए आपराधिक कानूनों को लागू करने के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की है. इसके तहत सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रत्येक पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी नए कानूनों की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालेंगे. गृह मंत्रालय (एमएचए) की विस्तृत योजना के अनुसार एक जुलाई को प्रत्येक पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी द्वारा एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. इसमें नए आपराधिक कानूनों की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डाला जाएगा.
गृह मंत्रालय ने कहा, 'पुलिस स्टेशन या उपयुक्त स्थान पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में महिलाएं, युवा, छात्र, वरिष्ठ नागरिक, सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी, प्रतिष्ठित व्यक्ति, स्वयं सहायता समूह, आंगनवाड़ी केंद्र और स्थानीय शांति समिति के सदस्य तथा स्कूल, कॉलेज आदि शैक्षणिक संस्थान भी शामिल होंगे.' यूजीसी, एआईसीटीई और सीएफआई के साथ-साथ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी उच्च शिक्षा संस्थान उसी दिन एक दिन के कार्यक्रम का आयोजन करेंगे.
इसमें ग्रुप डिस्कशन, कार्यशालाएं, सेमिनार, प्रश्नोत्तर सत्र, नए आपराधिक कानूनों के विभिन्न प्रावधानों पर प्रश्नोत्तरी शामिल होंगी. छात्रों, संकायों और अन्य कर्मचारियों की व्यापक भागीदारी के साथ न्याय के लक्ष्यों को प्राप्त करने के उद्देश्य से किए गए बड़े परिवर्तन पर प्रकाश डाला जाएगा.
तीन नए विधेयक, अर्थात भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता 2023, और भारतीय साख (द्वितीय) विधेयक, 2023, संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किए गए. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा अनुमोदित किए गए और पिछले साल 25 दिसंबर को भारत के राजपत्र में अधिसूचित किए गए.
केंद्र सरकार ने इन तीनों कानूनों के प्रावधान लागू होने की तिथि एक जुलाई, 2024 तय की है. राजपत्र अधिसूचना के प्रकाशन के बाद, गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ नियमित बैठकें कीं. गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने प्रचार अभियान, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, उच्च शिक्षा विभाग, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, कानूनी मामलों के विभाग, बीपीआरएंडडी, एनसीआरबी और एनआईसी के साथ नौ समीक्षा बैठकें की.
भल्ला ने कानूनों के सफल कार्यान्वयन के लिए समयबद्ध रोडमैप तैयार करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और महानिदेशकों के साथ 5 समीक्षा बैठकें की. गृह मंत्रालय ने कहा, 'राज्य और केंद्र शासित प्रदेश एक जुलाई, 2024 से नए आपराधिक कानूनों को लागू करने के लिए प्रौद्योगिकी, क्षमता निर्माण और जागरूकता पैदा करने के मामले में पूरी तरह तैयार है.'
पाठ्यक्रम/प्रशिक्षण कार्यक्रमों में समावेश:
बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने शैक्षणिक वर्ष 2024-25 से विश्वविद्यालयों और कानूनी शिक्षा केंद्रों के पाठ्यक्रम में तीन नए आपराधिक कानूनों को शामिल करने का आदेश दिया है. एनसीईआरटी स्कूली शिक्षा के विभिन्न चरणों के लिए विशेष मॉड्यूल शामिल करेगा. इसके तहत कक्षा VI-VIII के लिए अक्टूबर 2024 तक, कक्षा IX-X के लिए जनवरी 2025 तक और कक्षा XI-XII के लिए मार्च 2025 तक का लक्ष्य है.
राष्ट्रीय विधि एवं प्रशासन केंद्र, मसूरी के लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी 24 से 28 जून तक आईएएस और आईपीएस अधिकारियों, न्यायिक अधिकारियों, राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो, अभियोजन विभाग, राज्य फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं आदि के अधिकारियों के लिए 5 दिवसीय इन-सर्विस प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेगा. इसका विषय रहेगा ‘भारत में आपराधिक कानून सुधारों पर क्षमता निर्माण और संवेदनशीलता कार्यक्रम’. कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने सभी मंत्रालयों और विभागों से कहा है कि वे अपने द्वारा आयोजित विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों में नए कानूनों की विषय-वस्तु को शामिल करें.