श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के गंदेरबल में रविवार शाम को 7 नागरिकों की हत्या के बाद, कश्मीर डिविजन प्रशासन ने प्रवासी मजदूरों पर घाटी छोड़ने के लिए दबाव डालने की अफवाहों का खंडन करते हुए उन्हें झूठा करार दिया है. एक आधिकारिक बयान के अनुसार प्रशासन ने सूचित किया है कि उसने घाटी में गैर-स्थानीय मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए हैं.
कश्मीर में प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा के लिए जम्मू कश्मीर प्रशासन के आश्वासन के बावजूद आतंकवादियों ने हाल ही में की गई हत्याओं के बाद डर के कारण कई गैर स्थानीय लोग जम्मू रेलवे स्टेशन पहुंचे. जम्मू के मुख्य रेलवे स्टेशन के अंदर दर्जनों गैर स्थानीय लोग बेसब्री से उस ट्रेन का इंतजार कर रहे हैं जो उन्हें जम्मू से उनके डेस्टिनेशन तक ले जाएगी.
पुलिस ने सतर्क रहने को कहा
ट्रेन के इंतजार में जम्मू के रेलवे स्टेशन पर बैठे मोहम्मद सिराज ने ईटीवी भारत को बताया कि पुलिस और सिविलियन अफसरों ने उन्हें सतर्क रहने को कहा है, जिसके कारण हम डरे हुए हैं और सुरक्षा की तलाश में कश्मीर छोड़कर जा रहे हैं.मोहम्मद सिराज ने दावा किया कि उन्हें सरकारी प्रशासन ने कहा कि आप यहां कश्मीर में सुरक्षित नहीं हैं और कश्मीर छोड़ दीजिए. सिराज को अब दोबारा काम के लिए कश्मीर आने की कोई उम्मीद नहीं है.
एक अन्य प्रवासी मजदूर ने कहा कि हम मंगलवार को सुबह-सुबह कई अन्य लोगों के साथ किराए के मकान से निकलकर कश्मीर में बस पकड़ने के लिए निकले और जम्मू पहुंच गए. हम कश्मीर में तीन महीने और बिताने की योजना बना रहे थे, क्योंकि कश्मीर में सेब की कटाई अपने चरम पर थी, लेकिन हमारी जान को लगातार खतरा बना हुआ है, इसलिए हमने कश्मीर छोड़ने का फैसला किया.
कामगारों के एक समूह पर हमला
20 अक्टूबर को मध्य कश्मीर के गंदेरबल में एक निर्माण स्थल पर कामगारों के एक समूह पर हुए ताजा हमले के बाद वे पलायन करने लगे, जिसमें दो स्थानीय लोगों सहित सात कामगार मारे गए थे. इस हमले की जम्मू-कश्मीर में सामाजिक और राजनीतिक समूहों द्वारा व्यापक रूप से निंदा की गई थी.
पिछले पांच साल में कश्मीर घाटी में आतंकवादी समूहों द्वारा कई प्रवासी श्रमिकों की हत्या की गई है. हाल ही में गंदेरबल में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर जम्मू कश्मीर में बुनियादी ढांचे और विकास परियोजनाओं के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.
यह भी पढ़ें- जानें कौन हैं वे 2 मुस्लिम उम्मीदवार, जिनपर अजित पवार की NCP ने लगाया दांव