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केरल: मुरुगन मंदिर में गैर हिंदुओं के प्रवेश मामले पर मद्रास हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, पढ़ें खबर

पलानी दंडयुथापानी स्वामी मंदिर में गैर-हिंदू लोगों का प्रवेश वर्जित करने के लिए एक बोर्ड लगाया था. किसी कारणवश कुछ समय पहले यह बोर्ड हटा दिया गया था. वहीं, मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच की सुनवाई के बाद आज से सूचना बोर्ड फिर से लगाने की अनुमति मिल गई है. पढ़ें पूरी खबर...

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 30, 2024, 5:20 PM IST

मदुरै: मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै शाखा ने आज कोर्ट में बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने आज अपने फैसले में आज एक आदेश जारी करते हुए कहा कि गैर-हिंदू लोगों को ध्वज वृक्ष से परे पलानी मुरुगन मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है. बता दें, डिंडीगुल जिले के पलानी निवासी सेंथिल कुमार ने उच्च न्यायालय की मदुरै शाखा में याचिका दायर की थी. उस याचिका में कहा गया है कि प्रसिद्ध पलानी मुरुगन मंदिर में हर दिन हजारों लोग आते हैं. ऐसे में हिंदू धर्म के अलावा अन्य धर्मों के लोग या भगवान में आस्था न रखने वाले लोग मंदिर में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे भगवान में आस्था रखने वालों को दुख होता है.

इसलिए गैर हिंदू लोगों को मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए. उन्होंने मांग की थी कि मंदिर के कई हिस्सों में एक बैनर लगाया जाए जिसमें लिखा हो कि दूसरे धर्म के लोगों को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं है. न्यायाधीश श्रीमती इस याचिका पर सुनवाई की और आज फैसला सुनाया. तदनुसार, अदालत ने आदेश दिया कि गैर-हिंदू लोगों, अन्य धर्मों के लोगों और भगवान में विश्वास नहीं करने वाले लोगों को स्वामी के दर्शन के लिए ध्वज वृक्ष से परे मंदिर में प्रवेश करने से प्रतिबंधित किया जाए. कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि गैर-हिन्दुओं को मंदिर में प्रवेश करने से रोकने वाले बैनर फिर से मंदिर के विभिन्न हिस्सों में लगाए जाएं.

साथ ही मंदिर के प्रवेश द्वार पर एक उपस्थिति रजिस्टर भी रखें. उन्होंने कहा कि यदि अन्य धर्मों के लोग मंदिर में प्रवेश करना चाहते हैं, तो वे उपस्थिति रजिस्टर में यह आश्वासन देकर मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं कि वे भगवान में अपनी आस्था के कारण मंदिर में प्रवेश करना चाहते हैं. बता दें, तमिलनाडु में पलानी दंडयुथापानी स्वामी मंदिर, जिसे अरूपाडा घरों का तीसरा घर भी कहा जाता है, यहां प्रतिदिन हजारों भक्त दर्शन के लिए आते हैं और त्योहारों व विशेष अवसरों पर भक्तों की संख्या लाखों में पहुंच जाती है. हिंदू धार्मिक बंदोबस्ती विभाग के नियमों के अनुसार गैर-हिंदुओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं है. हिंदू धार्मिक धर्मार्थ विभाग के अंतर्गत आने वाले सभी मंदिरों में इस कानून का पालन किया जाता है.

यह मंदिर एक पहाड़ी पर स्थित है और इस नियम के चलते कई सालों से पहाड़ी की तलहटी पर इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन ट्रेन स्टेशन पर एक बैनर लगा हुआ था, जिसमें साफ-साफ घोषणा की गई है कि मंदिर प्रशासन द्वारा केवल हिंदुओं को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी. हालांकि कुछ घटनाओं के चलते इस बैनर को पिछले दिनों हटा दिया गया था, लेकिन कोर्ट ने आज एक बार फिर से इस बैनर को मंदिर क्षेत्र में लगाने की अनुमति दे दी है.

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मदुरै: मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै शाखा ने आज कोर्ट में बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने आज अपने फैसले में आज एक आदेश जारी करते हुए कहा कि गैर-हिंदू लोगों को ध्वज वृक्ष से परे पलानी मुरुगन मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है. बता दें, डिंडीगुल जिले के पलानी निवासी सेंथिल कुमार ने उच्च न्यायालय की मदुरै शाखा में याचिका दायर की थी. उस याचिका में कहा गया है कि प्रसिद्ध पलानी मुरुगन मंदिर में हर दिन हजारों लोग आते हैं. ऐसे में हिंदू धर्म के अलावा अन्य धर्मों के लोग या भगवान में आस्था न रखने वाले लोग मंदिर में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे भगवान में आस्था रखने वालों को दुख होता है.

इसलिए गैर हिंदू लोगों को मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए. उन्होंने मांग की थी कि मंदिर के कई हिस्सों में एक बैनर लगाया जाए जिसमें लिखा हो कि दूसरे धर्म के लोगों को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं है. न्यायाधीश श्रीमती इस याचिका पर सुनवाई की और आज फैसला सुनाया. तदनुसार, अदालत ने आदेश दिया कि गैर-हिंदू लोगों, अन्य धर्मों के लोगों और भगवान में विश्वास नहीं करने वाले लोगों को स्वामी के दर्शन के लिए ध्वज वृक्ष से परे मंदिर में प्रवेश करने से प्रतिबंधित किया जाए. कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि गैर-हिन्दुओं को मंदिर में प्रवेश करने से रोकने वाले बैनर फिर से मंदिर के विभिन्न हिस्सों में लगाए जाएं.

साथ ही मंदिर के प्रवेश द्वार पर एक उपस्थिति रजिस्टर भी रखें. उन्होंने कहा कि यदि अन्य धर्मों के लोग मंदिर में प्रवेश करना चाहते हैं, तो वे उपस्थिति रजिस्टर में यह आश्वासन देकर मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं कि वे भगवान में अपनी आस्था के कारण मंदिर में प्रवेश करना चाहते हैं. बता दें, तमिलनाडु में पलानी दंडयुथापानी स्वामी मंदिर, जिसे अरूपाडा घरों का तीसरा घर भी कहा जाता है, यहां प्रतिदिन हजारों भक्त दर्शन के लिए आते हैं और त्योहारों व विशेष अवसरों पर भक्तों की संख्या लाखों में पहुंच जाती है. हिंदू धार्मिक बंदोबस्ती विभाग के नियमों के अनुसार गैर-हिंदुओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं है. हिंदू धार्मिक धर्मार्थ विभाग के अंतर्गत आने वाले सभी मंदिरों में इस कानून का पालन किया जाता है.

यह मंदिर एक पहाड़ी पर स्थित है और इस नियम के चलते कई सालों से पहाड़ी की तलहटी पर इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन ट्रेन स्टेशन पर एक बैनर लगा हुआ था, जिसमें साफ-साफ घोषणा की गई है कि मंदिर प्रशासन द्वारा केवल हिंदुओं को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी. हालांकि कुछ घटनाओं के चलते इस बैनर को पिछले दिनों हटा दिया गया था, लेकिन कोर्ट ने आज एक बार फिर से इस बैनर को मंदिर क्षेत्र में लगाने की अनुमति दे दी है.

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