ETV Bharat / bharat

पोषक तत्वों से भरपूर है आम, गर्मी में हाजमा भी करेगा दुरुस्त, रिसर्च में खुलासा - Mango Eliminates indigestion

Mango Eliminates indigestion: हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी (HCU) के प्रोफेसरों ने अपने रिसर्च में पाया कि बदहजमी (Indigestion) को रोकने के लिए एक प्राकृतिक औषधि का काम करता है.

Mango
आम से दूर होगी बदहजमी (ANI)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 4, 2024, 2:38 PM IST

हैदराबाद: तेलंगाना की हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी (HCU) के प्रोफेसरों ने अपने रिसर्च में पाया कि जो आम अपने पोषक तत्वों और स्वाद के लिए जाना जाता है, वह बदहजमी (Indigestion) को रोकने के लिए एक प्राकृतिक औषधि का काम करता है. चूहों पर की गई रिसर्च से यह प्रूव हो चूका है कि

आम में मौजूद मैंगिफेरिन अपच को रोकने के लिए कारगर होता है. इस स्टडी की डिटेल हाल ही में 'अमेरिकन केमिकल सोसाइटी फार्माकोलॉजी, ट्रांसलेशन' मैगजीन में पब्लिश हुई थी.

क्या आम में पाया जाने वाला मैंगिफेरिन नामक रसायन अपच को कम करता है? क्या बड़ी आंत और छोटी आंत में पाचन तंत्र एक्टिव रूप से कार्य करता है? क्या यह कोलन कैंसर कोशिकाओं को मारता है? इस तरह के सवालों का पता लगाने के लिए हैदराबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रेड्डन्ना और रिसर्चर डॉ गंगाधर, के. सुरेश और के अनिल तीन साल के अध्ययन कर रहे हैं.

चूहों पर किया ट्रायल
चूहों पर किए गए एक्स्पेरिमेंट में चूहों को आर्टिफिशियल इंडिगेस्चन देना शुरू किया गया और दवा के रूप में मैंगिफेरिन का प्रयोग शुरू किया गया. इस प्रक्रिया में इंडिगेस्चन में कमी के साथ-साथ पाचन तंत्र की सक्रिय कार्यप्रणाली और कोलन कैंसर सेल लाइन को लगभग पूरी तरह से खत्म कर दिया. इसके साथ ही मैंगिफेरिन को दवा रूप में विकसित करने के लिए प्राइमरी क्लीनिक्ल ट्रायल करने का निर्णय लिया गया.

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की समस्या को दूर करेगा आम
प्रोफेसर रेडन्ना ने कहा, 'हमारे देश में मसालेदार भोजन के सेवन से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल फंक्शन धीरे-धीरे कम हो रहा है. इसके कारण आंत्र में सूजन जैसे रोगों से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ रही है. 1990 से 2019 के बीच, इस बीमारी से पीड़ित लोगों की संख्या दोगुनी हो गई है.'

उन्होंने कहा कि खान-पान की आदतों और जीवनशैली में बदलाव की वजह से लोगों में अपच बीमारी बन जाती है. हमने अपनी रिसर्च में पाया कि गर्मियों में मिलने वाले आम से इस समस्या में फायदा मिल सकता है.

आम खाने से बढ़ता है ग्लूकोज
आम खाने से खून में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ती है. हालांकि, कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि डायबटिज के रोगियों को भी इन फलों को खाने में कोई समस्या नहीं होती है, क्योंकि इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स लेवल केवल 51 होता है. रेडडन्ना के अनुसार डायबिटीज पीड़ित भी इन्हें डॉक्टरों की सलाह से खा सकते हैं.

यह भी पढ़ें- EMI पर बिकता है अल्फांसो आम, स्वाद और कीमत के लिए मशहूर, सीजन खत्म होने से पहले करें बुक

हैदराबाद: तेलंगाना की हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी (HCU) के प्रोफेसरों ने अपने रिसर्च में पाया कि जो आम अपने पोषक तत्वों और स्वाद के लिए जाना जाता है, वह बदहजमी (Indigestion) को रोकने के लिए एक प्राकृतिक औषधि का काम करता है. चूहों पर की गई रिसर्च से यह प्रूव हो चूका है कि

आम में मौजूद मैंगिफेरिन अपच को रोकने के लिए कारगर होता है. इस स्टडी की डिटेल हाल ही में 'अमेरिकन केमिकल सोसाइटी फार्माकोलॉजी, ट्रांसलेशन' मैगजीन में पब्लिश हुई थी.

क्या आम में पाया जाने वाला मैंगिफेरिन नामक रसायन अपच को कम करता है? क्या बड़ी आंत और छोटी आंत में पाचन तंत्र एक्टिव रूप से कार्य करता है? क्या यह कोलन कैंसर कोशिकाओं को मारता है? इस तरह के सवालों का पता लगाने के लिए हैदराबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रेड्डन्ना और रिसर्चर डॉ गंगाधर, के. सुरेश और के अनिल तीन साल के अध्ययन कर रहे हैं.

चूहों पर किया ट्रायल
चूहों पर किए गए एक्स्पेरिमेंट में चूहों को आर्टिफिशियल इंडिगेस्चन देना शुरू किया गया और दवा के रूप में मैंगिफेरिन का प्रयोग शुरू किया गया. इस प्रक्रिया में इंडिगेस्चन में कमी के साथ-साथ पाचन तंत्र की सक्रिय कार्यप्रणाली और कोलन कैंसर सेल लाइन को लगभग पूरी तरह से खत्म कर दिया. इसके साथ ही मैंगिफेरिन को दवा रूप में विकसित करने के लिए प्राइमरी क्लीनिक्ल ट्रायल करने का निर्णय लिया गया.

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की समस्या को दूर करेगा आम
प्रोफेसर रेडन्ना ने कहा, 'हमारे देश में मसालेदार भोजन के सेवन से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल फंक्शन धीरे-धीरे कम हो रहा है. इसके कारण आंत्र में सूजन जैसे रोगों से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ रही है. 1990 से 2019 के बीच, इस बीमारी से पीड़ित लोगों की संख्या दोगुनी हो गई है.'

उन्होंने कहा कि खान-पान की आदतों और जीवनशैली में बदलाव की वजह से लोगों में अपच बीमारी बन जाती है. हमने अपनी रिसर्च में पाया कि गर्मियों में मिलने वाले आम से इस समस्या में फायदा मिल सकता है.

आम खाने से बढ़ता है ग्लूकोज
आम खाने से खून में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ती है. हालांकि, कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि डायबटिज के रोगियों को भी इन फलों को खाने में कोई समस्या नहीं होती है, क्योंकि इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स लेवल केवल 51 होता है. रेडडन्ना के अनुसार डायबिटीज पीड़ित भी इन्हें डॉक्टरों की सलाह से खा सकते हैं.

यह भी पढ़ें- EMI पर बिकता है अल्फांसो आम, स्वाद और कीमत के लिए मशहूर, सीजन खत्म होने से पहले करें बुक

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.