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एग्जिट पोल और शुरुआती रुझान को लेकर CEC की मीडिया को नसीहत, बोले- यह बकवास है

CEC Rajiv Kumar on Exit poll: सीईसी राजीव कुमार ने एग्जिट पोल और शुरुआती रुझान की कवरेज को लेकर मीडिया को लताड़ लगाई दी है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 2 hours ago

major distortion being created due to Exit Polls pollsters need to introspect CEC Rajiv Kumar initial trends
सीईसी राजीव कुमार (ANI)

नई दिल्ली: महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की घोषणा के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने एग्जिट पोल और शुरुआती रुझान की कवरेज को लेकर मीडिया पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, एग्जिट पोल के अनुमान लोगों में भारी भ्रम पैदा करते हैं, इसलिए चुनाव विशेषज्ञों को आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है. उन्होंने चुनाव विशेषज्ञों से एग्जिट पोल की प्रक्रिया का आत्मनिरीक्षण करने का आग्रह किया.

एग्जिट पोल फेल होने पर सीईसी कुमार ने कहा, "पिछले कुछ चुनावों में अगर हम पूरे परिदृश्य को एक साथ देखें तो दो चीजें एक साथ हो रही हैं... पहली, एग्जिट पोल आता है - हम इसे नियंत्रित नहीं करते... लेकिन आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है, जैसे कि सैंपल साइज क्या था, सर्वे कहां किया गया, नतीजे कैसे आए और अगर मैं उस नतीजे से मेल नहीं खाता तो मेरी क्या जिम्मेदारी है, क्या कोई खुलासा हुआ है? - इन सभी बातों को देखने की जरूरत है."

यह बकवास है...
उन्होंने मतगणना शुरू होने के 15-30 मिनट के भीतर टीवी चैनलों पर दिखाए जाने वाले शुरुआती रुझानों पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा, "अपेक्षाएं शाम 6 बजे से बढ़ जाती हैं... लेकिन इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है. जब मतगणना शुरू होती है, तो सुबह 8.05-8.10 बजे नतीजे आने शुरू हो जाते हैं. यह बकवास है. (ईवीएम की) पहली गिनती सुबह 8.30 बजे शुरू होती है... क्या शुरुआती रुझान एग्जिट पोल को सही ठहराते हैं?... हम सुबह 9.30 बजे (ईसी) वेबसाइट पर नतीजे डालना शुरू करते हैं... इसलिए, जब वास्तविक नतीजे आने शुरू होते हैं, तो उनमें अंतर होता है."

विचार-विमर्श की जरूरत...
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि इस बेमेल के कारण लोगों में भ्रम पैदा हो सकता है. उन्होंने इस पर जोर देते हुए कहा कि उम्मीदों और नतीजों के बीच का अंतर कुछ और नहीं बल्कि हताशा है. उन्होंने कहा, "इसलिए, इस मुद्दे पर कुछ विचार-विमर्श की जरूरत है."

पहले लोकसभा चुनाव और फिर हरियाणा, जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव को लेकर एग्जिट पोल के अनुमान गलत साबित हुए हैं. लोकसभा चुनावों में अधिकांश एग्जिट पोल ने भाजपा की स्पष्ट जीत की भविष्यवाणी की थी, लेकिन नतीजे इसके उलट आए. इसी तरह हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में भी अधिकांश एग्जिट पोल ने हरियाणा में कांग्रेस की जीत की भविष्यवाणी की थी, लेकिन अंतिम परिणाम इसके बिल्कुल विपरीत आए. भाजपा ने चुनाव में जीत हासिल की.

यह भी पढ़ें- 'पेजर में विस्फोट किया जा सकता है तो EVM हैक क्यों नहीं हो सकता', CEC ने दिया जवाब

नई दिल्ली: महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की घोषणा के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने एग्जिट पोल और शुरुआती रुझान की कवरेज को लेकर मीडिया पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, एग्जिट पोल के अनुमान लोगों में भारी भ्रम पैदा करते हैं, इसलिए चुनाव विशेषज्ञों को आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है. उन्होंने चुनाव विशेषज्ञों से एग्जिट पोल की प्रक्रिया का आत्मनिरीक्षण करने का आग्रह किया.

एग्जिट पोल फेल होने पर सीईसी कुमार ने कहा, "पिछले कुछ चुनावों में अगर हम पूरे परिदृश्य को एक साथ देखें तो दो चीजें एक साथ हो रही हैं... पहली, एग्जिट पोल आता है - हम इसे नियंत्रित नहीं करते... लेकिन आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है, जैसे कि सैंपल साइज क्या था, सर्वे कहां किया गया, नतीजे कैसे आए और अगर मैं उस नतीजे से मेल नहीं खाता तो मेरी क्या जिम्मेदारी है, क्या कोई खुलासा हुआ है? - इन सभी बातों को देखने की जरूरत है."

यह बकवास है...
उन्होंने मतगणना शुरू होने के 15-30 मिनट के भीतर टीवी चैनलों पर दिखाए जाने वाले शुरुआती रुझानों पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा, "अपेक्षाएं शाम 6 बजे से बढ़ जाती हैं... लेकिन इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है. जब मतगणना शुरू होती है, तो सुबह 8.05-8.10 बजे नतीजे आने शुरू हो जाते हैं. यह बकवास है. (ईवीएम की) पहली गिनती सुबह 8.30 बजे शुरू होती है... क्या शुरुआती रुझान एग्जिट पोल को सही ठहराते हैं?... हम सुबह 9.30 बजे (ईसी) वेबसाइट पर नतीजे डालना शुरू करते हैं... इसलिए, जब वास्तविक नतीजे आने शुरू होते हैं, तो उनमें अंतर होता है."

विचार-विमर्श की जरूरत...
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि इस बेमेल के कारण लोगों में भ्रम पैदा हो सकता है. उन्होंने इस पर जोर देते हुए कहा कि उम्मीदों और नतीजों के बीच का अंतर कुछ और नहीं बल्कि हताशा है. उन्होंने कहा, "इसलिए, इस मुद्दे पर कुछ विचार-विमर्श की जरूरत है."

पहले लोकसभा चुनाव और फिर हरियाणा, जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव को लेकर एग्जिट पोल के अनुमान गलत साबित हुए हैं. लोकसभा चुनावों में अधिकांश एग्जिट पोल ने भाजपा की स्पष्ट जीत की भविष्यवाणी की थी, लेकिन नतीजे इसके उलट आए. इसी तरह हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में भी अधिकांश एग्जिट पोल ने हरियाणा में कांग्रेस की जीत की भविष्यवाणी की थी, लेकिन अंतिम परिणाम इसके बिल्कुल विपरीत आए. भाजपा ने चुनाव में जीत हासिल की.

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