मुंबई: महाराष्ट्र के मुंबई, रायगढ़ और रत्नागिरी में बारिश जारी है. रायगढ़ में मूसलाधार बारिश के बाद सैकड़ों लोगों को बचाया गया. रायगढ़ में बाढ़ के कई हृदय विदारक वीडियो भी सामने आए हैं. उद्योग मंत्री उदय सामंत ने पर्यटकों से सावधानी बरतने की अपील की है. साथ ही, मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने भी मुंबईकरों से घरों से बाहर न निकलने की अपील की है.
मुंबई में भारी बारिश: रविवार रात से मुंबई में भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, अलर्ट जारी किया गया है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भी नागरिकों से अपील की है कि वे जरूरी होने पर ही घरों से बाहर निकलें.
सड़क और रेल सेवाएं प्रभावित: मुंबई शहर और उपनगरों में पिछले 24 घंटों में 300 मिलीमीटर से अधिक बारिश दर्ज की गई. इस बारिश के कारण मुंबई में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और उपनगरीय रेल सेवाएं चरमरा गई हैं. लंबी दूरी की ट्रेनें भी रेलवे ट्रैक पर फंसी हुई हैं.
कई जगहों पर सड़कों पर पानी जमा होने के कारण यातायात बाधित हुआ है और कई जगहों पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई है. मुंबई के दादर, वडाला, सांताक्रूज, अंधेरी, भांडुप इलाके में भारी जलभराव के कारण यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है.
मुख्यमंत्री की नागरिकों से अपील: इस संबंध में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबईकरों से अपील की है. मुंबई में व्यापक बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. रेलवे प्रशासन द्वारा रेलवे ट्रैक से पानी हटाने का काम जारी है, तथा जल्द ही रेल यातायात बहाल करने का प्रयास किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि सभी आपातकालीन प्रणालियों को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया गया है. मुख्यमंत्री शिंदे ने नागरिकों से अपील की है कि वे आवश्यक होने पर ही अपने घरों से बाहर निकलें तथा मुंबई महानगरपालिका, पुलिस प्रशासन तथा आपातकालीन प्रणाली के साथ सहयोग करें.
अजीत पवार की नागरिकों से अपील: उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने भी नागरिकों से घर में सुरक्षित रहने की अपील की है.रविवार रात को मुंबई में छह घंटे में 300 मिमी बारिश हुई. यह मुंबई में होने वाली वार्षिक वर्षा का 10% है. भारत और दुनिया भर के शहरों की तरह, मुंबई भी जलवायु परिवर्तन से पीड़ित है.
उन्होंने कहा कि हमें जलवायु परिवर्तन के कारण भविष्य की पर्यावरणीय समस्याओं को ध्यान में रखते हुए मुंबई और महाराष्ट्र में बुनियादी ढांचे का निर्माण करना चाहिए. हमें साल के 365 दिन सूखे, बाढ़, तूफान का सामना करने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए. इसके साथ ही, हमें ऐसी समस्याओं को उत्पन्न होने से रोकने का भी प्रयास करना चाहिए.