नागपुर: महाराष्ट्र में नागपुर के चंदादेवी सराफ स्कूल ने विद्यार्थियों में एकाग्रता बढ़ाने के लिए एक अनूठी पहल शुरू की है. विद्यार्थियों में एकाग्रता बढ़ाने के लिए स्कूल की ओर से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 'चरखे' का इस्तेमाल किया गया है. स्कूल ने कहा है कि इस गतिविधि के माध्यम से विद्यार्थियों में एकाग्रता और धैर्य की भावना बढ़ी है.
स्कूल का कहना है कि पिछले साल से छात्र चरखे के माध्यम से 'धैर्य' रखना सीख रहे हैं. कोरोना काल में भारत समेत पूरी दुनिया की शिक्षा व्यवस्था ऑनलाइन हो गई. ऑनलाइन शिक्षा के दौरान छात्र भले ही अगले स्तर पर पहुंच गए हों, लेकिन इसके बेहद गंभीर दुष्प्रभाव अब बहुत स्पष्ट दिखाई देने लगे हैं.
किताबों के साथ-साथ आउटडोर गेम्स में लिप्त रहने वाले छात्र कोरोना काल में इन दोनों से दूर हो गए थे. ऑनलाइन शिक्षा के कारण उनके हाथों में मोबाइल, लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट आ गए, जिससे वे ऑनलाइन के जाल में फंस गए. इसके कारण वास्तव में यह देखा गया कि स्कूल खुलने के बाद छात्रों का धैर्य और एकाग्रता कम हो गई.