मुंबई: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को एक पासपोर्ट एजेंट के घर और दफ्तर पर छापेमारी की. इस कार्रवाई में टीम ने 1.59 करोड़ रुपये नकद बरामद किए हैं. सीबीआई ने यह छापेमारी पिछले हफ्ते पकड़े गए इस बड़े घोटाले की जांच के सिलसिले में की है. छापेमारी में पांच डायरियां और डिजिटल गैजेट भी बरामद हुए हैं, जिनकी जांच की जा रही है.
सीबीआई ने पिछले वीकेंड महाराष्ट्र में 33 स्थानों पर छापेमारी की और रिश्वत के बदले संदिग्ध पासपोर्ट जारी करने के कथित रैकेट में 32 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया. सीबीआई ने शिकायतों के बाद नासिक के अलावा मलाड और लोअर परेल स्थित पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीएसके) के 14 पासपोर्ट विभाग अधिकारियों के खिलाफ मुंबई तथा नासिक में 12 केस दर्ज किए और मंगलवार को विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की.
जिन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है उनमें पासपोर्ट सेवा केंद्रों के 14 पासपोर्ट सहायक और वरिष्ठ पासपोर्ट सहायक शामिल हैं. इनके अलावा शेष 18 एजेंट और दलाल हैं. यह सभी भ्रष्ट गतिविधियों में लिप्त हैं. आरोपी एक-दूसरे के साथ संपर्क में थे. उन्होंने उनके साथ मिलकर कथित रूप से अपर्याप्त या अधूरे दस्तावेजों के साथ संदिग्ध पासपोर्ट जारी करवाने या पासपोर्ट आवेदकों के व्यक्तिगत डिटेल में हेरफेर करने की साजिश रची थी.
सीबीआई टीम ने विदेश मंत्रालय के पासपोर्ट सेवा प्रोग्राम डिवीजन के विजिलेंस अधिकारियों और क्षेत्रीय पासपोर्ट दफ्तर (मुंबई) के अधिकारियों के साथ मिलकर छापेमारी की. छापेमारी के दौरान टीम ने संदिग्ध अधिकारियों के कार्यालय, डेस्क, मोबाइल और अन्य सामानों की जांच की, जिसमें आपत्तिजनक सामान बरामद हुआ.
दस्तावेजों, सोशल मीडिया चैट और यूपीआई पहचान गतिविधियों के विश्लेषण से कुछ अधिकारियों की ओर से संदिग्ध लेनदेन सामने आए, जो अपर्याप्त, नकली या जाली दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट जारी करने के लिए एजेंटों या दलालों के जरिए रिश्वत की मांग और मंजूरी का संकेत देते हैं.
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