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कर्ज में डूबी मध्य प्रदेश सरकार के मंत्रियों की चांदी, बढ़ने जा रही है सैलरी, एक अरब रुपये से वल्लभ भवन की मरम्मत - MP Ministers Allowance Hike - MP MINISTERS ALLOWANCE HIKE

मध्य प्रदेश सरकार एक तरफ कर्ज लेने का रिकॉर्ड बना रही है, तो दूसरी तरफ मंत्रियों के वेतन भत्ते और वल्लभ भवन में सरकार पानी की तरह पैसे खर्च करने जा रही है.

MP Ministers Allowance Hike
कर्ज में डूबी मध्य प्रदेश सरकार के मंत्रियों की चांदी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 1, 2024, 8:17 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार इतना कर्ज ले चुकी है, कि वह कर्ज तले दब गई है. एक बार फिर मध्य प्रदेश सरकार कर्ज लेने जा रही है. एक तरफ सरकार कर्ज के मामले में देश में पांचवे नंबर पर है. हालत यह है कि सरकार कर्मचारियों के वेतन का बोझ नहीं उठा पा रही है, तो वहीं दूसरी तरफ सोमवार को हुई मोहन कैबिनेट की बैठक में मध्य प्रदेश मंत्री (वेतन और भत्ता) संशोधन विधेयक 2024 को अनुमोदन प्रदान किया गया है. इतना ही नहीं सरकार 107 करोड़ रुपए में वल्लभ भवन के पुरानी बिल्डिंग की मरम्मत कराने जा रही है. जनता के पैसों का उपयोग या दरुपयोग कहें, किस प्रकार किया जा रहा है, इसे साफ देखा जा सकता है.

कर्ज में सरकार, फिर भी मंत्रियों की चांदी

सोमवार को विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री के चैंबर में कैबिनेट की बैठक हुई. जहां कई अहम फैसलों पर कैबिनेट की मुहर लगी. इसी में एक फैसला मंत्रियों के वेतन भत्ता को लेकर भी हुआ. मध्य प्रदेश मंत्री (वेतन और भत्ता) संशोधन विधेयक 2024 को अनुमोदन प्रदान किया गया है. विधेयक पर आवश्यक कार्रवाई करने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को अधिकृत किया गया है. जबकि कुछ दिन पहले ही मध्य प्रदेश सरकार एक बार फिर कर्ज लेने जा रही है. यह अब तक का सबसे बड़ा कर्ज होगा. मोहन सरकार 2024-25 के लिए 88540 करोड़ का कर्ज लेने जा रही है. जबकि इससे पूर्व प्रदेश पर 3.50 लाख करोड़ से ज्यादा का लोन पहले से है. ऐसे में मोहन सरकार के मंत्रियों की चांदी का कोई मौका नहीं छोड़ रही है.

वल्लभ भवन में लगेंगे 107 करोड़ रुपए

इसी कैबिनेट की बैठक में एक और फैसला लिया गया है. जो प्रदेश सरकार के फिजूल खर्च की झलक है. एमपी सरकार वल्लभ भवन की एनेक्सी वीबी-1 का रिनोवेशन कराने जा रही है. इसके लिए कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. रिनोवेशन पर 107 करोड़ रुपए खर्च होंगे. संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि इस बिल्डिंग में दो बार आग लग चुकी है, लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाएं फिर न हो इसके लिए नेशनल बिल्डिंग कोड के अनुसार इसका रिनोवेशन होगा. इसके तहत वल्लभ भवन की एनेक्सी की पूरी बिजली फिटिंग का काम होगा. साथ ही इसे नए सिरे से संवारा जाएगा.

यहां पढ़ें...

मोहन यादव कैबिनेट का फैसला, गौवंश तस्करों की गाड़ी होगी जब्त, मध्य प्रदेश में कुलपति बने कुलगुरु

कर्ज में डूबी मध्य प्रदेश सरकार नहीं उठा पाएगी कर्मचारियों की तनख्वाह का भार? क्यों पड़ेंगे वेतन के लाले -

मध्य प्रदेश पर बढ़ता जा रहा कर्ज

अगर कर्ज की बात करें तो शिवराज सिंह चौहान जब सत्ता में आए थे, तब एमपी सरकार पर 44000 करोड़ रुपए का कर्ज था. जो दिग्विजय सरकार के दौरान लिया गया था. वहीं शिवराज सरकार में यह कर्ज 3.50 लाख करोड़ पहुंच गया. आखिरी दौर में शिवराज सिंह चौहान को हर महीने कर्ज लेना पड़ा था. अब कर्ज लेने की रिवायत को मोहन सरकार आगे बढ़ा रही है. भले ही प्रदेश पर कर्ज बढ़ता ही जाए, लेकिन मंत्रियों के सुख-सुविधाओं में कोई कमी नहीं आनी चाहिए.

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार इतना कर्ज ले चुकी है, कि वह कर्ज तले दब गई है. एक बार फिर मध्य प्रदेश सरकार कर्ज लेने जा रही है. एक तरफ सरकार कर्ज के मामले में देश में पांचवे नंबर पर है. हालत यह है कि सरकार कर्मचारियों के वेतन का बोझ नहीं उठा पा रही है, तो वहीं दूसरी तरफ सोमवार को हुई मोहन कैबिनेट की बैठक में मध्य प्रदेश मंत्री (वेतन और भत्ता) संशोधन विधेयक 2024 को अनुमोदन प्रदान किया गया है. इतना ही नहीं सरकार 107 करोड़ रुपए में वल्लभ भवन के पुरानी बिल्डिंग की मरम्मत कराने जा रही है. जनता के पैसों का उपयोग या दरुपयोग कहें, किस प्रकार किया जा रहा है, इसे साफ देखा जा सकता है.

कर्ज में सरकार, फिर भी मंत्रियों की चांदी

सोमवार को विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री के चैंबर में कैबिनेट की बैठक हुई. जहां कई अहम फैसलों पर कैबिनेट की मुहर लगी. इसी में एक फैसला मंत्रियों के वेतन भत्ता को लेकर भी हुआ. मध्य प्रदेश मंत्री (वेतन और भत्ता) संशोधन विधेयक 2024 को अनुमोदन प्रदान किया गया है. विधेयक पर आवश्यक कार्रवाई करने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को अधिकृत किया गया है. जबकि कुछ दिन पहले ही मध्य प्रदेश सरकार एक बार फिर कर्ज लेने जा रही है. यह अब तक का सबसे बड़ा कर्ज होगा. मोहन सरकार 2024-25 के लिए 88540 करोड़ का कर्ज लेने जा रही है. जबकि इससे पूर्व प्रदेश पर 3.50 लाख करोड़ से ज्यादा का लोन पहले से है. ऐसे में मोहन सरकार के मंत्रियों की चांदी का कोई मौका नहीं छोड़ रही है.

वल्लभ भवन में लगेंगे 107 करोड़ रुपए

इसी कैबिनेट की बैठक में एक और फैसला लिया गया है. जो प्रदेश सरकार के फिजूल खर्च की झलक है. एमपी सरकार वल्लभ भवन की एनेक्सी वीबी-1 का रिनोवेशन कराने जा रही है. इसके लिए कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. रिनोवेशन पर 107 करोड़ रुपए खर्च होंगे. संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि इस बिल्डिंग में दो बार आग लग चुकी है, लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाएं फिर न हो इसके लिए नेशनल बिल्डिंग कोड के अनुसार इसका रिनोवेशन होगा. इसके तहत वल्लभ भवन की एनेक्सी की पूरी बिजली फिटिंग का काम होगा. साथ ही इसे नए सिरे से संवारा जाएगा.

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मध्य प्रदेश पर बढ़ता जा रहा कर्ज

अगर कर्ज की बात करें तो शिवराज सिंह चौहान जब सत्ता में आए थे, तब एमपी सरकार पर 44000 करोड़ रुपए का कर्ज था. जो दिग्विजय सरकार के दौरान लिया गया था. वहीं शिवराज सरकार में यह कर्ज 3.50 लाख करोड़ पहुंच गया. आखिरी दौर में शिवराज सिंह चौहान को हर महीने कर्ज लेना पड़ा था. अब कर्ज लेने की रिवायत को मोहन सरकार आगे बढ़ा रही है. भले ही प्रदेश पर कर्ज बढ़ता ही जाए, लेकिन मंत्रियों के सुख-सुविधाओं में कोई कमी नहीं आनी चाहिए.

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