चंडीगढ़: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर भले ही बीजेपी ने हरियाणा में 10 लोकसभा सीट में से 6 प्रत्याशी मैदान में उतार दिए हैं. लेकिन, 4 सीटों पर पार्टी के लिए उम्मीदवार उतारना चुनौती बना हुआ है. वहीं, कांग्रेस अभी तक किसी भी प्रत्याशी का नाम फाइनल नहीं कर पाई है. हालांकि बीजेपी ने सोमवार (18 मार्च) को दिल्ली में इस पर मंथन किया. वहीं, कांग्रेस इस पर दिल्ली में लगातार मंथन कर रही है.
बीजेपी ने दिल्ली में किया मंथन: हरियाणा में बीजेपी ने 10 लोकसभा सीटों में से 6 उम्मीदवारों को मैदान में उतार दिया है, जबकि बाकी बची 4 लोकसभा सीटों हिसार, रोहतक, सोनीपत और कुरुक्षेत्र में उम्मीदवार के नाम को लेकर सोमवार शाम को लेकर सीएम नायब सैनी के साथ कोर कमेटी की बैठक में चर्चा की गई. जानकारी के मुताबिक पार्टी रोहतक सीट पर उम्मीदवार बदलने के मूड में है. इस सीट पर अभिनेता रणदीप हुड्डा और बाबा बालकनाथ के नाम की चर्चा है. वहीं, हिसार सीट पर पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु और कुलदीप बिश्नोई को लेकर चर्चा है. इसके साथ कुरुक्षेत्र सीट पर कांग्रेस नेता रहे नवीन जिंदल की पत्नी शालू जिंदल को पार्टी मैदान में उतार सकती है. सोनीपत सीट पर भी पार्टी नया उम्मीदवार उतारने के मूड में है. यहां पर कुश्ती खिलाड़ी रहे योगेश्वर दत्त या फिर रोहतक के सांसद अरविंद शर्मा को मैदान में उतार सकती है.
कांग्रेस का उम्मीदवारों को लेकर मंथन: इधर कांग्रेस पार्टी की तरफ से अभी तक हरियाणा में कोई भी उम्मीदवार घोषित नहीं किया गया है, जबकि इंडिया गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी ने अपना एक उम्मीदवार हरियाणा में उतार दिया है. दिल्ली में आज कांग्रेस पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हो रही है. जानकारी के मुताबिक इस बैठक में हरियाणा में उम्मीदवारों को लेकर पार्टी मंथन करेगी. हरियाणा की जिन 9 सीटों पर कांग्रेस पार्टी को चुनाव लड़ना है. उन पर पार्टी अपनी दिग्गज नेताओं को चुनावी मैदान में उतार सकती है. अंबाला सीट पर पार्टी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा को उतार सकती है.
दिग्गज नेताओं को मैदान में उतारने की तैयारी: वहीं, रोहतक सीट पर दीपेंद्र हुड्डा को उतारने को लेकर चर्चा है. हिसार सीट पर पार्टी हाल ही में बीजेपी से कांग्रेस में आए चौधरी वीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह को उतार सकती है. हालांकि चर्चा यह भी है कि पार्टी कुमारी सैलजा को सिरसा सीट पर भी उतार सकती है. वहीं, फरीदाबाद सेट को लेकर चर्चा योगी है कि शायद पार्टी यहां पर अभिनेता राज बब्बर को भी मैदान में उतरने पर विचार कर रही है. यानी पार्टी हरियाणा में सभी सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए अपने दिग्गज नेताओं को मैदान में उतरने की तैयारी में है.
क्यों हो रही बीजेपी और कांग्रेस को नाम फाइनल करने में देरी?: राजनीतिक मामलों के जानकार राजेश मोदगिल कहते हैं कि पार्टी बीजेपी हो या फिर कांग्रेस सभी सियासी समीकरणों को ध्यान में रखकर उम्मीदवार मैदान में उतरते हैं. वे कहते हैं कि बीजेपी को जिन चार सीटों पर उम्मीदवार उतारने बाकी हैं पार्टी वहां के जातीय समीकरण के साथ साथ दूसरे दल के उम्मीदवार कौन हो सकते हैं इसका भी आकलन करेगी, जिसके हिसाब से इन सीटों पर नाम फाइनल होंगे. हालांकि वे कहते हैं कि भाजपा ने 6 उम्मीदवार उतार कर कांग्रेस पर एक मनोवैज्ञानिक बढ़त तो ले ही ली है. जहां तक बात कांग्रेस की है तो कांग्रेस को लेकर भी कहते हैं कि कांग्रेस पिछले दो लोकसभा चुनाव के बाद से बैक फुट पर है. 2014 में पार्टी एक और 2019 में कोई भी लोकसभा सीट प्रदेश में नहीं जीत पाई थी. ऐसे में वह इस बार कदम फूंक फूंक कर उम्मीदवार उतारना चाह रही है जिससे कम से कम पिछले चुनाव के मुकाबले उसका हरियाणा में ग्राफ उठे.
क्या कहते हैं राजनीतिक मामलों के जानकार?: वहीं, राजनीतिक मामले को धीरेंद्र अवस्थी कहते हैं कि बीजेपी को जिन सीटों पर उम्मीदवार घोषित करने हैं, उन सीटों पर बीजेपी के लिए उम्मीदवारों का चयन सियासी समीकरणों के हिसाब से चुनौती बनी हुई है. क्योंकि इन सभी सीटों पर पार्टी को कांग्रेस से कड़ी चुनौती मिल सकती है. इसलिए बीजेपी यहां पर जो भी उम्मीदवार उतारेगी, उसके सभी समीकरण पार्टी साधना चाहेगी.
क्या दिग्गज नेताओं को चुनावी मैदान में उतारेगी कांग्रेस?: वहीं, कांग्रेस को लेकर वे कहते हैं कि इस बार अगर कांग्रेस को हरियाणा में बीजेपी को चुनौती देनी है तो उसे अपने सभी दिग्गज नेताओं को चुनावी मैदान में उतरना होगा. तभी जाकर पार्टी हरियाणा में बीजेपी को कड़ी टक्कर दे सकती है. हालांकि पार्टी के दिग्गज नेताओं के चुनावी मैदान से दूर भागने की चर्चाओं पर वे कहते हैं कि पार्टी हाईकमान हरियाणा में अपनी स्थिति को विधानसभा चुनाव से पहले बेहतर करना चाह रहा है. इसलिए उन्हें लगता है कि कांग्रेस पार्टी दिग्गज नेताओं को चुनावी मैदान में उतरेगी.
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