हैदराबाद : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि राजनांदगांव लोकसभा सीट पर मतदान के बाद कई इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (ईवीएम) और वीवीपैट इकाइयां बदल दी गई हैं. इस पर चुनाव आयोग की ओर से भी जवाब दिया गया कि राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र के कांग्रेस उम्मीदवार के साथ साझा किए गए ईवीएम नंबरों में कथित विसंगति तथ्यों पर आधारित नहीं है.
चुनाव आयोग ने कहा कि 'मतदान के दौरान उपयोग की जाने वाली ईवीएम बिल्कुल चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के साथ रैंडमाइजेशन के बाद रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा साझा की गई मशीनों की सूची के अनुसार होती हैं.'
ये है मामला : छत्तीसगढ़ की राजनांदगांव लोकसभा सीट से उम्मीदवार वरिष्ठ कांग्रेस नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को आरोप लगाया कि मतदान के बाद कई इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (ईवीएम) और वीवीपीएटी इकाइयां बदल दी गई हैं.
बघेल ने दावा किया कि राजनांदगांव में 26 अप्रैल को हुए मतदान में इस्तेमाल की गई कई ईवीएम की संख्या फॉर्म 17 सी में उल्लिखित संबंधित बूथों की मशीनों के विवरण से मेल नहीं खाती है. हालांकि, राजनांदगांव के रिटर्निंग ऑफिसर ने किसी भी तरह की अनियमितता या संख्या में गड़बड़ी से इनकार किया है.
पूर्व सीएम ने 'एक्स' पर कहा, 'चुनाव आयोग ने उन मशीनों की संख्या दी थी जिनका उपयोग मतदान में किया गया था. इसमें मतपत्र इकाई, नियंत्रण इकाई और वीवीपैट की संख्या शामिल है. मेरे विधानसभा क्षेत्र राजनांदगांव में मतदान के बाद फॉर्म 17 सी में अंकित जानकारी के अनुसार कई मशीनों के नंबर बदल गए हैं. जिन बूथों पर मशीनों के नंबर बदले गए हैं, उससे हजारों वोट प्रभावित होते हैं.'
ईसी ने खारिज किए आरोप : राजनांदगांव लोकसभा सीट के रिटर्निंग ऑफिसर ने उनके आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि 'शिकायत निराधार और तथ्यों से परे है. लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा के बाद, ईसीआई द्वारा उपलब्ध कराए गए सॉफ्टवेयर का उपयोग करके ईवीएम का पहला रैंडमाइजेशन किया गया था, और मशीनों को विधानसभा सीट-वार आवंटित किया गया था और इस संबंध में एक सूची मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को प्रदान की गई थी.'
बयान में कहा गया है कि 'रैंडमाइजेशन चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के सामने किया गया और उन्हें एक हस्ताक्षरित सूची प्रदान की गई. ईवीएम के कमीशनिंग के दौरान जिन मशीनों में खराबी आई, उन्हें रिजर्व में रखी मशीनों से बदल दिया गया और दोषपूर्ण मशीनों और मशीनों दोनों की एक सूची दी गई.'
क्या है वीवीपीएटी : दरअसल वोटर वेरिफ़िएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) ईवीएम से जुड़ी एक स्वतंत्र प्रणाली है जो मतदाताओं को यह सत्यापित करने की अनुमति देती है कि उनके वोट उनके इच्छित उद्देश्य के अनुसार डाले गए हैं. जब वोट डाला जाता है, तो एक पर्ची प्रिंट होती है जिसमें उम्मीदवार का क्रमांक, नाम और प्रतीक होता है और 7 सेकंड के लिए एक पारदर्शी विंडो के माध्यम से खुला रहता है. इसके बाद यह मुद्रित पर्ची अपने आप कटकर वीवीपैट के सीलबंद ड्रॉप बॉक्स में गिर जाती है.