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क्या विरोध के बावजूद BJP और BJD के बीच दोस्ती बरकरार रह पाएगी ? - Lok sabha election 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024

BJP Targets BJD:ओडिशा में लोकसभा और विधानसभा चुनाव चार चरणों में होंगे. राज्य में 13, 20, 25 मई और 1 जून को मतदान होगा. वहीं, पीएम मोदी ने सोमवार (6 मई) को दावा किया कि ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल 'अस्त' हो रहा है. जबकि विपक्षी कांग्रेस 'पस्त' है....

LOK SABHA ELECTION 2024
पीएम मोदी और सीएम नवीन पटनायक (Photo Credit: ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 6, 2024, 5:49 PM IST

Updated : May 6, 2024, 5:57 PM IST

हैदराबाद: भारतीय जनता पार्टी और बीजू जनता दल के बीच क्या खिचड़ी पक रही है. इस पर तमाम मीडिया की नजरें टिकी हुई हैं. हालांकि,ओडिशा विधानसभा और लोकसभा चुनावों को लेकर दोनों ही राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे पर हमलावर है. ओडिशा के बेरहामपुर, नबरंगपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रैली में जिस प्रकार से पटनायक सरकार पर तंज कसा और उसको लेकर जो प्रतिक्रिया बीजेडी की तरफ से दी गई, उसे देख कर लगता है कि, दोनों ही तरफ से आग बराबर ही लगी हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जोरदार तंज कसा. उन्होंने मौजूदा नवीन पटनायक सरकार पर हमला करते हुए कहा कि, 4 जून को बीजू जनता दल (बीजेडी) सरकार की एक्सपायरी डेट लिखी हुई है. मोदी ने कहा कि जिस दिन विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित किए जाएंगे उसी दिन ओडिशा में बीजेडी सरकार की समाप्ति का दिन होगा. पीएम मोदी ने दावा करते हुए कहा कि वे 10 जून को बीजेपी के सीएम के शपथ ग्रहण समारोह में वहां की जनता को आमंत्रित करने आए हैं. वहीं, ओडिशा के सीएम और बीजू जनता दल के अध्यक्ष नवीन पटनायक ने पीएम मोदी के ओडिशा में भाजपा सरकार बनाए जाने के दावे को 'दिवास्वप्न' करार दिया. बीजेडी के विश्वस्त सहयोगी वीके पांडियन ने कहा कि, नवीन पटनायक 9 जून को लगातार छठी बार ओडिशा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे.

इन मुद्दों पर किया था समर्थन
वैसे देखा जाए तो पीएम मोदी ने ओडिशा यात्रा के दौरान कई मौकों पर सीएम नवीन पटनायक की तारीफ कर चुके हैं. वहीं, बीजेडी ने हमेशा बीजेपी के जरूरी मुद्दों के पक्ष में ही मतदान किया है. हालांकि, उनके हालिया बयान ने ओडिशा में सियासी पारा को हाई कर दिया है. वैसे पिछले रिकॉर्ड पर ध्यान दिया जाए तो बीजेडी ने नागरिकता संशोधन अधिनियम, जीएसटी, दिल्ली अध्यादेश और सर्जिकल स्ट्राइक, नोटबंदी, वन नेशन वन इलेक्शन जैसे मुद्दों पर बीजेपी का पक्ष लिया था.

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पीएम मोदी और सीएम नवीन पटनायक (Photo Credit: ANI)

विधानसभा चुनाव में बीजेपी और बीजेडी
साल 2000 में बीजेपी और बीजेडी पहली बार एक साथ विधानसभा चुनाव लड़ा था. जिसके बाद नवीन पटनायक पहली बार ओडिशा के मुख्यमंत्री बने थे. साल 2000 में बीजेडी ने 84 सीटों पर और बीजेपी ने 63 सीटों पर लड़ाई लड़ी. उस समय बीजेपी और बीजेडी का कुल वोट शेयर 47. फीसदी थी.बीजेपी ने 63 सीटों में से 38 सीटों पर जीत दर्ज की जबकि, बीजेडी ने 84 में से 68 सीटों पर जीत दर्ज की थी.

LOK SABHA ELECTION 2024
पीएम मोदी और सीएम नवीन पटनायक (Photo Credit: ANI)

लोकसभा चुनाव में भाजपा और बीजेडी
जनता दल के कद्दावर नेताओं में से एक और पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक की मृत्यु के बाद, 26 दिसंबर 1997 में बीजू की विरासत को आगे ले जाने के लिए एक क्षेत्रीय पार्टी बीजेडी का गठन किया गया था. उस समय भाजपा ओडिशा में अपने आधार को मजबूत करने के लिए संघर्ष कर रही थी. उस समय ओडिशा में कांग्रेस दूसरी सबसे मजबूत पार्टी मानी जाती थी. इन सब वजहों को लेकर पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और आडवाणी समेत बीजेपी के कई कद्दावर नेता बीजद के साथ अच्छे रिश्ते कायम करने की कोशिश की. बता दें कि, साल 1998 में भाजपा और बीजेडी ने एक साथ चुनाव लड़ा था. उस दौरान बीजेडी ने 12 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 9 पर जीत हासिल की, जबकि बीजेपी ने 9 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 7 पर जीत हासिल की. उनका वोट शेयर 48.7 फीसदी था. इनमें बीजेडी के वोट शेयर 27.5 फीसदी और बीजेपी का 21.2 फीसदी था. साल 1999 के लोकसबा चुनावों में बीजेपी और बीजेडी ने सीटों के बंटवारे का फार्मूला दोहराया. जिसकी वजह से 21 सीटों में 19 सीटों पर जीत का परचम लहराया. बीजेडी को 10 और बीजेपी को 9 सीटें प्राप्त हुई थी. 2004 में गठबंधन में ओडिशा की 21 सीटों में से 18 सीटों पर जीत दर्ज की. इस बार बीजेडी को 11 और बीजेपी को 7 सीटें हासिल हुईं.

LOK SABHA ELECTION 2024
पीएम मोदी और सीएम नवीन पटनायक (Photo Credit: ANI)

क्यों अलग हो गए?
साल 2008 में कंधमाल जिले में विश्व हिंदू परिषद के नेता लक्ष्मणानंद सरस्वती की हत्या हो गई. जिसको लेकर सांप्रदायिक दंगे हुए , जिसमें 38 लोगों की मौत हो गई. साल 2009 के चुनाव से पहले बीजेडी और बीजेपी के रास्ते अलग हो गए. जिसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ा. 2009 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने लगभग सभी सीटों पर चुनाव लड़ा था. लेकिन पार्टी को सिर्फ 6 सीटों पर जीत मिली.

राज्य में 4 चरणों में लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराए जा रहे हैं. पीएम मोदी ने दावा कर दिया है कि, 4 जून को बीजू जनता दल सरकार की एक्सपायरी डेट लिखी हुई है. इसको लेकर ओडिशा में सियासी पारा काफी हाई हो चला है. दोनों ही पार्टियां एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं. अब ऐसे में ओडिशा में चुनावी सरगर्मी को देखना काफी दिलचस्प होने वाला है.

ये भी पढ़ें: 'NDA को 150 से भी कम सीटें मिलेंगी, BJP संविधान बदलना चाहती है', राहुल गांधी का बड़ा दावा

हैदराबाद: भारतीय जनता पार्टी और बीजू जनता दल के बीच क्या खिचड़ी पक रही है. इस पर तमाम मीडिया की नजरें टिकी हुई हैं. हालांकि,ओडिशा विधानसभा और लोकसभा चुनावों को लेकर दोनों ही राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे पर हमलावर है. ओडिशा के बेरहामपुर, नबरंगपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रैली में जिस प्रकार से पटनायक सरकार पर तंज कसा और उसको लेकर जो प्रतिक्रिया बीजेडी की तरफ से दी गई, उसे देख कर लगता है कि, दोनों ही तरफ से आग बराबर ही लगी हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जोरदार तंज कसा. उन्होंने मौजूदा नवीन पटनायक सरकार पर हमला करते हुए कहा कि, 4 जून को बीजू जनता दल (बीजेडी) सरकार की एक्सपायरी डेट लिखी हुई है. मोदी ने कहा कि जिस दिन विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित किए जाएंगे उसी दिन ओडिशा में बीजेडी सरकार की समाप्ति का दिन होगा. पीएम मोदी ने दावा करते हुए कहा कि वे 10 जून को बीजेपी के सीएम के शपथ ग्रहण समारोह में वहां की जनता को आमंत्रित करने आए हैं. वहीं, ओडिशा के सीएम और बीजू जनता दल के अध्यक्ष नवीन पटनायक ने पीएम मोदी के ओडिशा में भाजपा सरकार बनाए जाने के दावे को 'दिवास्वप्न' करार दिया. बीजेडी के विश्वस्त सहयोगी वीके पांडियन ने कहा कि, नवीन पटनायक 9 जून को लगातार छठी बार ओडिशा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे.

इन मुद्दों पर किया था समर्थन
वैसे देखा जाए तो पीएम मोदी ने ओडिशा यात्रा के दौरान कई मौकों पर सीएम नवीन पटनायक की तारीफ कर चुके हैं. वहीं, बीजेडी ने हमेशा बीजेपी के जरूरी मुद्दों के पक्ष में ही मतदान किया है. हालांकि, उनके हालिया बयान ने ओडिशा में सियासी पारा को हाई कर दिया है. वैसे पिछले रिकॉर्ड पर ध्यान दिया जाए तो बीजेडी ने नागरिकता संशोधन अधिनियम, जीएसटी, दिल्ली अध्यादेश और सर्जिकल स्ट्राइक, नोटबंदी, वन नेशन वन इलेक्शन जैसे मुद्दों पर बीजेपी का पक्ष लिया था.

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पीएम मोदी और सीएम नवीन पटनायक (Photo Credit: ANI)

विधानसभा चुनाव में बीजेपी और बीजेडी
साल 2000 में बीजेपी और बीजेडी पहली बार एक साथ विधानसभा चुनाव लड़ा था. जिसके बाद नवीन पटनायक पहली बार ओडिशा के मुख्यमंत्री बने थे. साल 2000 में बीजेडी ने 84 सीटों पर और बीजेपी ने 63 सीटों पर लड़ाई लड़ी. उस समय बीजेपी और बीजेडी का कुल वोट शेयर 47. फीसदी थी.बीजेपी ने 63 सीटों में से 38 सीटों पर जीत दर्ज की जबकि, बीजेडी ने 84 में से 68 सीटों पर जीत दर्ज की थी.

LOK SABHA ELECTION 2024
पीएम मोदी और सीएम नवीन पटनायक (Photo Credit: ANI)

लोकसभा चुनाव में भाजपा और बीजेडी
जनता दल के कद्दावर नेताओं में से एक और पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक की मृत्यु के बाद, 26 दिसंबर 1997 में बीजू की विरासत को आगे ले जाने के लिए एक क्षेत्रीय पार्टी बीजेडी का गठन किया गया था. उस समय भाजपा ओडिशा में अपने आधार को मजबूत करने के लिए संघर्ष कर रही थी. उस समय ओडिशा में कांग्रेस दूसरी सबसे मजबूत पार्टी मानी जाती थी. इन सब वजहों को लेकर पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और आडवाणी समेत बीजेपी के कई कद्दावर नेता बीजद के साथ अच्छे रिश्ते कायम करने की कोशिश की. बता दें कि, साल 1998 में भाजपा और बीजेडी ने एक साथ चुनाव लड़ा था. उस दौरान बीजेडी ने 12 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 9 पर जीत हासिल की, जबकि बीजेपी ने 9 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 7 पर जीत हासिल की. उनका वोट शेयर 48.7 फीसदी था. इनमें बीजेडी के वोट शेयर 27.5 फीसदी और बीजेपी का 21.2 फीसदी था. साल 1999 के लोकसबा चुनावों में बीजेपी और बीजेडी ने सीटों के बंटवारे का फार्मूला दोहराया. जिसकी वजह से 21 सीटों में 19 सीटों पर जीत का परचम लहराया. बीजेडी को 10 और बीजेपी को 9 सीटें प्राप्त हुई थी. 2004 में गठबंधन में ओडिशा की 21 सीटों में से 18 सीटों पर जीत दर्ज की. इस बार बीजेडी को 11 और बीजेपी को 7 सीटें हासिल हुईं.

LOK SABHA ELECTION 2024
पीएम मोदी और सीएम नवीन पटनायक (Photo Credit: ANI)

क्यों अलग हो गए?
साल 2008 में कंधमाल जिले में विश्व हिंदू परिषद के नेता लक्ष्मणानंद सरस्वती की हत्या हो गई. जिसको लेकर सांप्रदायिक दंगे हुए , जिसमें 38 लोगों की मौत हो गई. साल 2009 के चुनाव से पहले बीजेडी और बीजेपी के रास्ते अलग हो गए. जिसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ा. 2009 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने लगभग सभी सीटों पर चुनाव लड़ा था. लेकिन पार्टी को सिर्फ 6 सीटों पर जीत मिली.

राज्य में 4 चरणों में लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराए जा रहे हैं. पीएम मोदी ने दावा कर दिया है कि, 4 जून को बीजू जनता दल सरकार की एक्सपायरी डेट लिखी हुई है. इसको लेकर ओडिशा में सियासी पारा काफी हाई हो चला है. दोनों ही पार्टियां एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं. अब ऐसे में ओडिशा में चुनावी सरगर्मी को देखना काफी दिलचस्प होने वाला है.

ये भी पढ़ें: 'NDA को 150 से भी कम सीटें मिलेंगी, BJP संविधान बदलना चाहती है', राहुल गांधी का बड़ा दावा

Last Updated : May 6, 2024, 5:57 PM IST
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