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लोकसभा चुनाव: आखिरी चरण की लड़ाई अहम, बदले समीकरण BJP के लिए चुनौती, जानें कौन किस पर भारी - Lok Sabha Election 2024

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 27, 2024, 7:11 PM IST

Lok Sabha Election 2024 Phase 7 BJP vs Congress Fight: लोकसभा चुनाव 2024 के आखिरी चरण में आठ राज्यों की 57 लोकसभा सीटों पर एक जून को मतदान होना है. इन राज्यों में पंजाब (13), चंडीगढ़ (1), उत्तर प्रदेश (13), बिहार (8), पश्चिम बंगाल (9) ओडिशा (6), हिमाचल प्रदेश (4) और झारखंड (3) शामिल हैं. पंजाब, हिमाचल, बिहार समेत अधिकांश राज्यों में इस बार राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं. पढ़ें पूरी खबर.

Lok Sabha Election 2024 Phase 7 BJP vs Congress Fight
लोकसभा चुनाव आखिरी चरण की लड़ाई अहम (फोटो- ANI)

हैदराबाद: लोकसभा चुनाव 2024 आखिरी चरण में पहुंच चुका है. एक जून को पंजाब समेत आठ राज्यों की बाकी बची 57 लोकसभा सीटों पर वोटिंग होगी. सातवें और अंतिम चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कुल 904 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. पीएम मोदी वाराणसी से लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं. सातवें चरण में पंजाब (13), चंडीगढ़ (1), उत्तर प्रदेश (13), बिहार (8), पश्चिम बंगाल (9) ओडिशा (6), हिमाचल प्रदेश (4) और झारखंड (3) में चुनाव होगा.

पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में इस सीटों पर भाजपा का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा था. पीएम मोदी की लहर में भाजपा 57 सीटों में से 25 सीट जीतने में सफल रही थी. जबकि एनडीए को 32 सीटें मिली थीं. वहीं, कांग्रेस के खाते में सिर्फ आठ सीटें आई थीं. इसके अलावा टीएमसी को 9 सीट, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को तीन सीट, अपना दल (एस) को दो, बीजेडी को दो, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) को दो और आम आदमी पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चा को एक-एक सीट मिली थी.

गोरखपुर में संयुक्त रैली में अखिलेश यादव और प्रियंका गांधी
गोरखपुर में संयुक्त रैली में अखिलेश यादव और प्रियंका गांधी (फोटो- ANI)

यूपी में एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच मुकाबला
यूपी में लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण में पूर्वांचल की 13 लोकसभा सीटों पर वोटिंग होगी. वाराणसी, गोरखपुर, कुशीनगर, महराजगंज, देवरिया, घोसी, बांसगांव, सलेमपुर, गाजीपुर, बलिया, चंदौली, मिर्जापुर और रॉबर्ट्सगंज सीटें पर कुल 144 उम्मीदवार मैदान में हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इनमें से नौ सीटें जीती थी. जबकि बसपा और एनडीए में शामिल अपना दल (एस) को दो-दो सीटें मिली थीं.

भाजपा इस बार अपना दल (एस) और ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है. भाजपा ने तीन सीटें अपने सहयोगी दलों को दी हैं, जबकि 10 सीटों पर खुद चुनाव लड़ रही है. वहीं, इंडिया गठबंधन में शामिल सपा नौ सीट और कांग्रेस चार सीट चुनाव लड़ रही है. बसपा ने सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. पूर्वांचल में एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच मुख्य मुकाबला बताया जा रहा है. सभी दल अपनी नैया पार लगाने के लिए जातीय समीकरण के साथ दलित वोट बैंक को साधने की कोशिश में लगे हैं.

बंगाल के बारासात में चुनावी रैली करतीं सीएम ममता बनर्जी
बंगाल के बारासात में चुनावी रैली करतीं सीएम ममता बनर्जी (फोटो- ANI)

पंजाब में बदले सियासी समीकरण
सातवें चरण में पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटों पर एक साथ चुनाव होगा. 2019 के चुनाव के मुकाबले इस बार राज्य में सियासी समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं. कांग्रेस, भाजपा, शिअद, आम आदमी पार्टी समेत सभी बड़े दल अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं. पिछले चुनाव में भाजपा-शिअद ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था. वहीं, इंडिया गठबंधन का हिस्सा होने के बाद भी कांग्रेस और 'आप' पंजाब में अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि दिल्ली में दोनों दलों ने मिलकर चुनाव लड़ा है. पिछले आम चुनाव में राज्य में कांग्रेस की सरकार थी लेकिन इस बार 'आप' सत्ता में है, इसलिए आम आदमी पार्टी की सीटें बढ़ने की उम्मीद हैं. भाजपा पहली बार शिअद से अलग होकर अपने दम पर चुनाव लड़ रही है. इस वजह से दोनों दलों को नुकसान उठाना पड़ सकता है.

हिमाचल प्रदेश में चुनावी रैली में राहुल गांधी
हिमाचल प्रदेश में चुनावी रैली में राहुल गांधी (फोटो- ANI)

भाजपा के लिए पिछला प्रदर्शन दोहराना आसान नहीं
भाजपा ने पिछले चुनाव में हिमाचल प्रदेश की सभी चार सीटों पर कब्जा जमाया था. तब पार्टी की राज्य में सरकारी थी. लेकिन इस बार पहाड़ी राज्य में कांग्रेस की सत्ता है. भाजपा के लिए इस बार पिछला प्रदर्शन दोहराना आसान नहीं होगा.

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हैदराबाद: लोकसभा चुनाव 2024 आखिरी चरण में पहुंच चुका है. एक जून को पंजाब समेत आठ राज्यों की बाकी बची 57 लोकसभा सीटों पर वोटिंग होगी. सातवें और अंतिम चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कुल 904 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. पीएम मोदी वाराणसी से लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं. सातवें चरण में पंजाब (13), चंडीगढ़ (1), उत्तर प्रदेश (13), बिहार (8), पश्चिम बंगाल (9) ओडिशा (6), हिमाचल प्रदेश (4) और झारखंड (3) में चुनाव होगा.

पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में इस सीटों पर भाजपा का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा था. पीएम मोदी की लहर में भाजपा 57 सीटों में से 25 सीट जीतने में सफल रही थी. जबकि एनडीए को 32 सीटें मिली थीं. वहीं, कांग्रेस के खाते में सिर्फ आठ सीटें आई थीं. इसके अलावा टीएमसी को 9 सीट, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को तीन सीट, अपना दल (एस) को दो, बीजेडी को दो, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) को दो और आम आदमी पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चा को एक-एक सीट मिली थी.

गोरखपुर में संयुक्त रैली में अखिलेश यादव और प्रियंका गांधी
गोरखपुर में संयुक्त रैली में अखिलेश यादव और प्रियंका गांधी (फोटो- ANI)

यूपी में एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच मुकाबला
यूपी में लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण में पूर्वांचल की 13 लोकसभा सीटों पर वोटिंग होगी. वाराणसी, गोरखपुर, कुशीनगर, महराजगंज, देवरिया, घोसी, बांसगांव, सलेमपुर, गाजीपुर, बलिया, चंदौली, मिर्जापुर और रॉबर्ट्सगंज सीटें पर कुल 144 उम्मीदवार मैदान में हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इनमें से नौ सीटें जीती थी. जबकि बसपा और एनडीए में शामिल अपना दल (एस) को दो-दो सीटें मिली थीं.

भाजपा इस बार अपना दल (एस) और ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है. भाजपा ने तीन सीटें अपने सहयोगी दलों को दी हैं, जबकि 10 सीटों पर खुद चुनाव लड़ रही है. वहीं, इंडिया गठबंधन में शामिल सपा नौ सीट और कांग्रेस चार सीट चुनाव लड़ रही है. बसपा ने सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. पूर्वांचल में एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच मुख्य मुकाबला बताया जा रहा है. सभी दल अपनी नैया पार लगाने के लिए जातीय समीकरण के साथ दलित वोट बैंक को साधने की कोशिश में लगे हैं.

बंगाल के बारासात में चुनावी रैली करतीं सीएम ममता बनर्जी
बंगाल के बारासात में चुनावी रैली करतीं सीएम ममता बनर्जी (फोटो- ANI)

पंजाब में बदले सियासी समीकरण
सातवें चरण में पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटों पर एक साथ चुनाव होगा. 2019 के चुनाव के मुकाबले इस बार राज्य में सियासी समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं. कांग्रेस, भाजपा, शिअद, आम आदमी पार्टी समेत सभी बड़े दल अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं. पिछले चुनाव में भाजपा-शिअद ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था. वहीं, इंडिया गठबंधन का हिस्सा होने के बाद भी कांग्रेस और 'आप' पंजाब में अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि दिल्ली में दोनों दलों ने मिलकर चुनाव लड़ा है. पिछले आम चुनाव में राज्य में कांग्रेस की सरकार थी लेकिन इस बार 'आप' सत्ता में है, इसलिए आम आदमी पार्टी की सीटें बढ़ने की उम्मीद हैं. भाजपा पहली बार शिअद से अलग होकर अपने दम पर चुनाव लड़ रही है. इस वजह से दोनों दलों को नुकसान उठाना पड़ सकता है.

हिमाचल प्रदेश में चुनावी रैली में राहुल गांधी
हिमाचल प्रदेश में चुनावी रैली में राहुल गांधी (फोटो- ANI)

भाजपा के लिए पिछला प्रदर्शन दोहराना आसान नहीं
भाजपा ने पिछले चुनाव में हिमाचल प्रदेश की सभी चार सीटों पर कब्जा जमाया था. तब पार्टी की राज्य में सरकारी थी. लेकिन इस बार पहाड़ी राज्य में कांग्रेस की सत्ता है. भाजपा के लिए इस बार पिछला प्रदर्शन दोहराना आसान नहीं होगा.

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