हैदराबाद: लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 21 राज्यों की 102 सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान होना है. पहले चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. कुल 1625 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है. चुनाव निगरानी संस्था एसोसिएशन फॉर डिमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के मुताबिक, पहले चरण में 252 यानी 16 प्रतिशत उम्मीदवार दागी हैं. इन्होंने अपने ऊपर दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी दी है. रिपोर्ट के मुताबिक, 1618 में से 161 उम्मीदवारों (10 प्रतिशत) पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से 15 उम्मीवार दोषी भी ठहराए जा चुके हैं.
बता दें, एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच ने पहले चरण में चुनाव लड़ने वाले 1625 उम्मीदवारों में से 1618 के शपथ-पत्रों का विश्लेषण किया है. पहले चरण में उम्मीदवारों के चयन में राजनीतिक दलों पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. पार्टियों ने फिर से आपराधिक छवि के लगभग 16 प्रतिशत उम्मीदवारों को टिकट देने की अपनी पुरानी प्रथा को बरकरार रखा है. सुप्रीम कोर्ट ने 13 फरवरी 2020 में निर्देश दिया था कि पार्टियों को आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों को चुनने के कारण बताने होंगे.
सात उम्मीदवारों पर हत्या का केस
रिपोर्ट के मुताबिक, सात उम्मीदवारों पर आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या जैसे संगीन अपराध के मामले दर्ज हैं. वहीं 19 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर हत्या के प्रयास के मामले घोषित किए हैं.
लोकसभा चनाव में नारी शक्ति और महिला सशक्तीकरण का दंभ भरने वाली पार्टियों ने ऐसे नेताओं को उम्मीदवार बनाया है, जिन पर महिलाओं पर अत्याचार के मामले दर्ज हैं. एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, पहले चरण में 18 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर महिलाओं के खिलाफ अपराध की जानकारी दी है. इनमें एक उम्मीदवार पर दुष्कर्म का मामला दर्ज है. इन सबके अलावा पहले चरण में चुनाव लड़ रहे 35 उम्मीदवार ऐसे हैं जिन पर भड़काऊ भाषण देने के मामले दर्ज हैं.
भाजपा के 77 में से 28 उम्मीदवार दागी
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, पहले चरण में चुनाव लड़ रहे भाजपा के 77 उम्मीदवारों में से 28 (36 प्रतिशत) आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं. दागी नेताओं को टिकट देने में कांग्रेस भी पीछे नहीं है. मुख्य विपक्षी दल के 36 में से 13 उम्मीदवारों (36 प्रतिशत) ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने पहले चरण में 86 उम्मीदवार उतारे हैं, जिनमें 11 दागी हैं.
आरजेडी के सभी चार उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रासद की पार्टी आरजेडी के सभी चार उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं. तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके के 22 में से 13 उम्मीदवार दागी हैं. यूपी में समाजवादी पार्टी के सात में से तीन (43 प्रतिशत) उम्मीदवार आपराधिक छवि वाले हैं. पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पांच में से दो उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले में दर्ज हैं. तमिलनाडु की मुख्य विपक्षी पार्टी अन्नद्रमुक के 36 में से 13 उम्मीदवार आपराधिक छवि के हैं.
पहले चरण में संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्र
पहले चरण में 102 में से 42 सीटों को संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया गया है. चुनाव आयोग के मुताबिक, जिन सीटों पर तीन या उससे अधिक उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि के होते हैं, उसे संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है.
भाजपा के 90 प्रतिशत उम्मीदवार करोड़पति
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, पहले चरण में चुनाव लड़ रहे 1618 उम्मीदवारों में से 450 (28 प्रतिशत) प्रत्याशी करोड़पति हैं. सत्तारूढ़ भाजपा के 77 में से 69 (90 प्रतिशत) उम्मीदवार करोड़पति हैं. इसी तरह कांग्रेस के 56 में से 49 (88 प्रतिशत) उम्मीदवारों की संपत्ति एक करोड़ रुपये से ज्यादा है. आरजेडी के चारों उम्मीदवार करोड़पति हैं. अन्नाद्रमुक के 36 में से 35 उम्मीदवार करोड़पति हैं. वहीं, डीएमक के 22 में से 21, टीएमसी के पांच में से चार और बसपा के 86 में से 18 उम्मीदवारों ने अपनी संपत्ति एक करोड़ से ज्यादा घोषित की है.
उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति 4.51 करोड़ रुपये
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, पहले चरण में चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति 4.51 करोड़ रुपये है. मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा सीट से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस उम्मीदवार नकुलनाथ सबसे अमीर हैं. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाछ के बेटे नकुलनाथ की कुल संपत्ति 716 करोड़ से ज्यादा है. तमिलनाडु की इरोड सीट से अन्नद्रमुक के उम्मीदवार अशोक कुमार दूसरे सबसे अमीर प्रत्याशी हैं. उन्होंने अपनी कुल संपत्ति 662 करोड़ घोषित की है. भाजपा के धेवनतन यादव टी तीसरे सबसे अमीर उम्मीदवार हैं. तमिलनाडु के शिवगंगा से चुनाव लड़ रहे धेवनतन की कुल संपत्ति 304 करोड़ रुपये हैं. रिपोर्ट के अनुसार, पहले चरण में शामिल 10 उम्मीदवारों के पास कोई संपत्ति नहीं है. ये सभी निर्दलीय उम्मीदवार हैं. वहीं, 82 उम्मीदवारों ने अपना पैन विवरण नहीं दिया है.
पांचवीं पास उम्मीदवार मैदान में
रिपोर्ट के अनुसार, 639 यानी 39 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता पांचवीं और 12वीं के बीच घोषित की है. 836 यानी 52 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता स्नातक और इससे अधिक घोषित की है. 77 उम्मीदवार डिप्लोमा धारी हैं. वहीं, 36 उम्मीदवारों ने खुद को साक्षर और 26 ने खुद को असाक्षर घोषित किया है. चार उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता की जानकारी नहीं दी है.
135 महिला उम्मीदवार
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 135 महिला उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. उम्मीदवारों की आयु की बात करें तो 505 उम्मीदवारों ने अपनी उम्र 25 से 40 साल के बीच घोषित की है. वहीं, 849 उम्मीदवारों की आयु 41 से 60 साल के बीच और 260 उम्मीदवारों की उम्र 61 से 80 साल के बीच है. चार उम्मीदवारों की उम्र 80 साल से ज्यादा है.
बता दें, पहले चरण में तमिलनाडु की सभी 39 सीट, राजस्थान की 12, उत्तर प्रदेश की आठ, मध्य प्रदेश की छह सीट, उत्तराखंड, महाराष्ट्र तथा असम की 5-5 सीटों, बिहार की चार, पश्चिम बंगाल की तीन, मणिपुर, मेघालय व अरुणाचल प्रदेश की 2-2 सीटों, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर, लक्षद्वीप, मिजोरम, नगालैंड, अंडमान-निकोबार, पुडुचेरी, सिक्किम और त्रिपुरा की 1-1 सीट पर चुनाव होगा.
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