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कांग्रेस ने भाजपा के घोषणापत्र को बताया 'झूठ का पुलिंदा' - congress slams bJp MANIFESTO

Congress leaders slam BJP manifesto : कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा के घोषणापत्र में बेरोजगारी और महंगाई जैसे ज्वलंत मुद्दों के बारे में कोई जिक्र नहीं है. पिछले 10 वर्षों में किए गए वादों को अभी तक पूरा नहीं किया जा सका है.

Congress leaders slam BJP manifesto
कांग्रेस
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By Amit Agnihotri

Published : Apr 14, 2024, 3:27 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने रविवार को भाजपा के 2024 लोकसभा चुनाव घोषणापत्र की आलोचना करते हुए कहा कि यह 'झूठ का पुलिंदा' है और सत्तारूढ़ दल पर असफल वादों पर लक्ष्य बदलने का आरोप लगाया.

कांग्रेस घोषणापत्र समिति के सदस्य टीएस सिंह देव के अनुसार, जहां सबसे पुरानी पार्टी को जनता के हजारों सुझावों को शामिल करने के बाद अपने चुनावी घोषणापत्र को तैयार करने में तीन महीने लगे, वहीं भाजपा के घोषणापत्र को केवल 13 दिनों में तैयार किया गया और यह कॉपी-पेस्ट की तरह दिखता है.

सिंह देव ने ईटीवी भारत को बताया, 'हमारा घोषणापत्र लोगों की दो सबसे बड़ी समस्याओं, बेरोजगारी और मूल्य वृद्धि, के समाधान के लिए एक रोडमैप प्रदान करता है. बीजेपी का घोषणापत्र इन मुद्दों पर खामोश है.'

उन्होंने कहा कि 'ऐसा लगता है जैसे उन्हें कहीं से एक सूची मिली हो और बस उसे कॉपी करके चिपका दिया गया हो. लोग सरकार से यह सुनने की उम्मीद करते हैं कि वह दो सबसे बड़ी समस्याओं को हल करने के लिए क्या करने की योजना बना रही है. यह झूठ का पुलिंदा जैसा दिखता है.'

'पुराने वादों का क्या हुआ' : कांग्रेस के दिग्गज नेता ने आश्चर्य जताया कि पिछले 10 वर्षों में भाजपा द्वारा किए गए वादों जैसे हर खाते में 15 लाख रुपये, प्रति वर्ष 2 करोड़ नौकरियां, 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करना, 2020 तक गंगा नदी की सफाई, 2022 तक सभी गरीब लोगों के लिए घर, 100 नए स्मार्ट शहर और 2022 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का क्या हुआ.

टीएस सिंह देव ने कहा कि 'पूरा ध्यान अब इस बात पर केंद्रित है कि 2047 में क्या होगा, लेकिन 2014 के बाद से पूरे नहीं किए गए वादों का कोई जिक्र नहीं है. एक निर्वाचित सरकार आम तौर पर पिछले पांच वर्षों में अपनी उपलब्धियों को सूचीबद्ध करती है और चुनाव घोषणापत्र जारी करते समय अगले पांच वर्षों के लिए एक रोडमैप प्रस्तुत करती है. यह और कुछ नहीं बल्कि गोलपोस्ट की शिफ्टिंग है.'

एआईसीसी पदाधिकारी बीएम संदीप कुमार के अनुसार, भाजपा ने दावा किया कि भारत 2047 तक एक विकसित देश बन जाएगा, लेकिन ऐसा करने के लिए देश की अर्थव्यवस्था को 8 प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ने की जरूरत है.

बीएम संदीप कुमार ने कहा कि 'बड़े-बड़े दावों के बावजूद हमने देखा है कि पिछले 10 वर्षों में अर्थव्यवस्था केवल 5.9 प्रतिशत की दर से बढ़ी है. यह 2004 से 2014 तक यूपीए सरकार के 10 वर्षों के दौरान हासिल की गई 6.7 प्रतिशत की वृद्धि से कम थी. फिर 2047 तक भारत कैसे विकसित देश बन जाएगा?'

एआईसीसी के पदाधिकारी आशीष दुआ के अनुसार, 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' और समान नागरिक संहिता पर भाजपा का ध्यान केवल नारे और जरूरी मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने का प्रयास था.

'मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने का प्रयास' : दुआ ने ईटीवी भारत को बताया, 'वे आगामी राष्ट्रीय चुनाव एक चरण में कराने में सक्षम नहीं हैं. कई बड़े राज्यों में कई चरणों में चुनाव होंगे. वे पूरे देश में राज्य और राष्ट्रीय चुनावों को एक साथ कैसे मैनेज करेंगे? एक राष्ट्र, एक चुनाव और यूसीसी मुद्दे केवल बेरोजगारी और आवश्यक वस्तुओं की ऊंची कीमतों के मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए हैं.'

दुआ के अनुसार, जबकि चीन ने सीमा पर भारत की जमीन के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया है, देश को अभी तक भाजपा की ओर से वादा किया गया मजबूत जवाब नहीं मिला है.

दुआ ने कहा कि 'हमें बताया गया था कि चीन को लाल आंखें दिखाने की धमकी दी जाएगी, लेकिन इसके बजाय उन्होंने हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया और लद्दाख में कई बिंदुओं पर हमारी सेनाओं को गश्त के अधिकार से वंचित कर दिया. पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर 2020 से विवाद जारी है. चीन अरुणाचल प्रदेश के इलाकों का नाम बदलकर हमें उकसाता रहता है लेकिन प्रतिक्रिया में कुछ नहीं हुआ है.'

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नई दिल्ली : कांग्रेस ने रविवार को भाजपा के 2024 लोकसभा चुनाव घोषणापत्र की आलोचना करते हुए कहा कि यह 'झूठ का पुलिंदा' है और सत्तारूढ़ दल पर असफल वादों पर लक्ष्य बदलने का आरोप लगाया.

कांग्रेस घोषणापत्र समिति के सदस्य टीएस सिंह देव के अनुसार, जहां सबसे पुरानी पार्टी को जनता के हजारों सुझावों को शामिल करने के बाद अपने चुनावी घोषणापत्र को तैयार करने में तीन महीने लगे, वहीं भाजपा के घोषणापत्र को केवल 13 दिनों में तैयार किया गया और यह कॉपी-पेस्ट की तरह दिखता है.

सिंह देव ने ईटीवी भारत को बताया, 'हमारा घोषणापत्र लोगों की दो सबसे बड़ी समस्याओं, बेरोजगारी और मूल्य वृद्धि, के समाधान के लिए एक रोडमैप प्रदान करता है. बीजेपी का घोषणापत्र इन मुद्दों पर खामोश है.'

उन्होंने कहा कि 'ऐसा लगता है जैसे उन्हें कहीं से एक सूची मिली हो और बस उसे कॉपी करके चिपका दिया गया हो. लोग सरकार से यह सुनने की उम्मीद करते हैं कि वह दो सबसे बड़ी समस्याओं को हल करने के लिए क्या करने की योजना बना रही है. यह झूठ का पुलिंदा जैसा दिखता है.'

'पुराने वादों का क्या हुआ' : कांग्रेस के दिग्गज नेता ने आश्चर्य जताया कि पिछले 10 वर्षों में भाजपा द्वारा किए गए वादों जैसे हर खाते में 15 लाख रुपये, प्रति वर्ष 2 करोड़ नौकरियां, 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करना, 2020 तक गंगा नदी की सफाई, 2022 तक सभी गरीब लोगों के लिए घर, 100 नए स्मार्ट शहर और 2022 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का क्या हुआ.

टीएस सिंह देव ने कहा कि 'पूरा ध्यान अब इस बात पर केंद्रित है कि 2047 में क्या होगा, लेकिन 2014 के बाद से पूरे नहीं किए गए वादों का कोई जिक्र नहीं है. एक निर्वाचित सरकार आम तौर पर पिछले पांच वर्षों में अपनी उपलब्धियों को सूचीबद्ध करती है और चुनाव घोषणापत्र जारी करते समय अगले पांच वर्षों के लिए एक रोडमैप प्रस्तुत करती है. यह और कुछ नहीं बल्कि गोलपोस्ट की शिफ्टिंग है.'

एआईसीसी पदाधिकारी बीएम संदीप कुमार के अनुसार, भाजपा ने दावा किया कि भारत 2047 तक एक विकसित देश बन जाएगा, लेकिन ऐसा करने के लिए देश की अर्थव्यवस्था को 8 प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ने की जरूरत है.

बीएम संदीप कुमार ने कहा कि 'बड़े-बड़े दावों के बावजूद हमने देखा है कि पिछले 10 वर्षों में अर्थव्यवस्था केवल 5.9 प्रतिशत की दर से बढ़ी है. यह 2004 से 2014 तक यूपीए सरकार के 10 वर्षों के दौरान हासिल की गई 6.7 प्रतिशत की वृद्धि से कम थी. फिर 2047 तक भारत कैसे विकसित देश बन जाएगा?'

एआईसीसी के पदाधिकारी आशीष दुआ के अनुसार, 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' और समान नागरिक संहिता पर भाजपा का ध्यान केवल नारे और जरूरी मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने का प्रयास था.

'मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने का प्रयास' : दुआ ने ईटीवी भारत को बताया, 'वे आगामी राष्ट्रीय चुनाव एक चरण में कराने में सक्षम नहीं हैं. कई बड़े राज्यों में कई चरणों में चुनाव होंगे. वे पूरे देश में राज्य और राष्ट्रीय चुनावों को एक साथ कैसे मैनेज करेंगे? एक राष्ट्र, एक चुनाव और यूसीसी मुद्दे केवल बेरोजगारी और आवश्यक वस्तुओं की ऊंची कीमतों के मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए हैं.'

दुआ के अनुसार, जबकि चीन ने सीमा पर भारत की जमीन के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया है, देश को अभी तक भाजपा की ओर से वादा किया गया मजबूत जवाब नहीं मिला है.

दुआ ने कहा कि 'हमें बताया गया था कि चीन को लाल आंखें दिखाने की धमकी दी जाएगी, लेकिन इसके बजाय उन्होंने हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया और लद्दाख में कई बिंदुओं पर हमारी सेनाओं को गश्त के अधिकार से वंचित कर दिया. पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर 2020 से विवाद जारी है. चीन अरुणाचल प्रदेश के इलाकों का नाम बदलकर हमें उकसाता रहता है लेकिन प्रतिक्रिया में कुछ नहीं हुआ है.'

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