ETV Bharat / bharat

जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य बनाने के प्रस्ताव को उपराज्यपाल की मंजूरी

उमर अब्दुल्ला कैबिनेट के जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने के प्रस्ताव पर उपराज्यपाल ने अपनी मंजूरी दे दी है.

-RESOLUTION-STATEHOOD
एलजी मनोज सिन्हा और सीएम उमर अब्दुल्ला (फाइल) (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 19, 2024, 4:50 PM IST

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने के उमर अब्दुल्ला कैबिनेट के प्रस्ताव पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अपनी मंजूरी दे दी है. उमर अब्दुल्ला कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को गुरुवार को ही मंजूरी दे दी थी, लेकिन आज इसे आधिकारिक रूप से स्वीकार कर लिया गया है.

एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया, "गुरुवार को उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में राज्य का दर्जा उसके मूल स्वरूप में बहाल करने के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया." अधिकारियों ने आगे कोई विवरण दिए बिना कहा कि, उपराज्यपाल ने कैबिनेट द्वारा पारित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने मुख्यमंत्री को राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार के समक्ष मामला उठाने के लिए अधिकृत किया है.

प्रवक्ता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की विशिष्ट पहचान और लोगों के संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा नव-निर्वाचित सरकार की नीति का आधार बनी हुई है. इसमें कहा गया कि पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करना एक प्रक्रिया की शुरुआत होगी, जिससे जम्मू-कश्मीर के लोगों के संवैधानिक अधिकारों को पुनः प्राप्त किया जा सकेगा और उनकी पहचान की रक्षा की जा सकेगी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इस संबंध में प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों से मिलने के लिए आने वाले दिनों में नई दिल्ली जाएंगे. प्रवक्ता ने कहा कि कैबिनेट ने 4 नवंबर को श्रीनगर में विधानसभा बुलाने का भी फैसला किया है और एलजी को विधानसभा बुलाने और उसे संबोधित करने की सलाह दी है.

उन्होंने कहा कि पहले सत्र की शुरुआत में एलजी द्वारा विधानसभा को संबोधित करने का मसौदा भी मंत्रिपरिषद के समक्ष रखा गया था, जिस पर परिषद ने आगे विचार करने और चर्चा करने का फैसला किया है. राजनीतिक दलों ने शुक्रवार को केवल राज्य के दर्जे पर प्रस्ताव को "पूरी तरह से आत्मसमर्पण" और सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस के रुख से अलग बताया.

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) और अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने इस कदम की निंदा की और एनसी को "5 अगस्त, 2019 से पहले (अनुच्छेद) 370-35ए और राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रयास करने" के अपने चुनावी वादे की याद दिलाई और कहा कि यह चुनाव पूर्व रुख से अलग है.

ये भी पढ़ें: उमर अब्दुल्ला के कैबिनेट मंत्रियों को विभाग आवंटित, जानिए किसे क्या मिला

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने के उमर अब्दुल्ला कैबिनेट के प्रस्ताव पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अपनी मंजूरी दे दी है. उमर अब्दुल्ला कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को गुरुवार को ही मंजूरी दे दी थी, लेकिन आज इसे आधिकारिक रूप से स्वीकार कर लिया गया है.

एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया, "गुरुवार को उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में राज्य का दर्जा उसके मूल स्वरूप में बहाल करने के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया." अधिकारियों ने आगे कोई विवरण दिए बिना कहा कि, उपराज्यपाल ने कैबिनेट द्वारा पारित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने मुख्यमंत्री को राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार के समक्ष मामला उठाने के लिए अधिकृत किया है.

प्रवक्ता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की विशिष्ट पहचान और लोगों के संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा नव-निर्वाचित सरकार की नीति का आधार बनी हुई है. इसमें कहा गया कि पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करना एक प्रक्रिया की शुरुआत होगी, जिससे जम्मू-कश्मीर के लोगों के संवैधानिक अधिकारों को पुनः प्राप्त किया जा सकेगा और उनकी पहचान की रक्षा की जा सकेगी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इस संबंध में प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों से मिलने के लिए आने वाले दिनों में नई दिल्ली जाएंगे. प्रवक्ता ने कहा कि कैबिनेट ने 4 नवंबर को श्रीनगर में विधानसभा बुलाने का भी फैसला किया है और एलजी को विधानसभा बुलाने और उसे संबोधित करने की सलाह दी है.

उन्होंने कहा कि पहले सत्र की शुरुआत में एलजी द्वारा विधानसभा को संबोधित करने का मसौदा भी मंत्रिपरिषद के समक्ष रखा गया था, जिस पर परिषद ने आगे विचार करने और चर्चा करने का फैसला किया है. राजनीतिक दलों ने शुक्रवार को केवल राज्य के दर्जे पर प्रस्ताव को "पूरी तरह से आत्मसमर्पण" और सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस के रुख से अलग बताया.

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) और अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने इस कदम की निंदा की और एनसी को "5 अगस्त, 2019 से पहले (अनुच्छेद) 370-35ए और राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रयास करने" के अपने चुनावी वादे की याद दिलाई और कहा कि यह चुनाव पूर्व रुख से अलग है.

ये भी पढ़ें: उमर अब्दुल्ला के कैबिनेट मंत्रियों को विभाग आवंटित, जानिए किसे क्या मिला

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.