हरिद्वार (उत्तराखंड): आज गुरु पूर्णिमा यानी गुरु की पूजा का दिन है. आज ही के दिन वेदों की रचना करने वाले वेद व्यास का जन्मदिन भी मनाया जाता है. वेद व्यास के पास ज्ञान का भंडार था, उन्हीं की स्मृति में गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है. गुरु को ही तीनों देवों यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश के समान माना जाता है. मान्यता है कि आज के दिन गंगा स्नान कर अपने गुरुओं की पूजा करनी चाहिए और उनके बताए मार्ग का अनुसरण करना चाहिए. यही वजह है कि गुरु पूर्णिमा पर आज बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान करने के लिए हरिद्वार पहुंचे हैं. जहां वे हरकी पैड़ी समेत तमाम घाटों पर पहुंचकर गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य के भागी बन रहे हैं.
हरिद्वार में गुरु पूर्णिमा 2024 के मौके पर श्रद्धालु गंगा स्नान कर रहे हैं तो वहीं काफी संख्या में कांवड़िए भी जल भरने पहुंचे हुए हैं. ऐसे में हरिद्वार का एक अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है. ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज त्रिपाठी का कहना है कि आषाढ़ मास की पूर्णमासी को गुरु पूर्णिमा या व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है. जिसे महर्षि वेद व्यास के जन्मदिन के उपलक्ष्य में ही मनाई जाती है. उन्होंने बताया कि गुरु का अर्थ अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाला व्यक्ति होता है. हमारे जीवन की दिशा दिखाने वाला व्यक्ति गुरु के अलावा कोई नहीं होता है.
#WATCH | Haridwar, Uttarakhand: A large number of devotees take holy dip in the Ganga River, on the occasion of Guru Purnima pic.twitter.com/k1k5qaVqcx
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 21, 2024
गुरु पूर्णिमा का महत्व: ज्योतिषाचार्य मनोज त्रिपाठी ने बताया कि आज के दिन जो व्यक्ति तीर्थ स्थान पर स्नान आदि कर अपने गुरु या उनकी पादुकाओं की पूजा करता है. साथ ही अपने गुरु को अपने से सामर्थ्य के हिसाब भेंट देता है, उसे आज के दिन गुरु का आशीर्वाद मिलता है. जिससे उसकी जीवन में तरक्की होती है. आज के दिन का विशेष महत्व इसलिए भी हो जाता है. क्योंकि, आषाढ़ी पूर्णिमा के दिन जो व्यक्ति गंगा स्नान कर लेता है. उसके जीवन में आने वाले किसी भी प्रकार के रोग या शोक गुरु के आशीर्वाद से शांत हो जाते हैं.
अगर किसी व्यक्ति के जीवन में पितृ दोष या गुरु संबंधी चांडाल योग या किसी भी प्रकार का हृदय से संबंधित या स्वास्थ्य संबंधी रोग हो तो वो भी आज के दिन गंगा स्नान मात्र से लाभ मिलने लगता है. बता दें कि गुरु पूर्णिमा के मौके पर देशभर से श्रद्धालु अपने गुरुओं के पास आते हैं और गंगा में स्नान कर उनकी पूजा करते हैं. कहा जाता है कि गुरु पूजन से पहले गंगा स्नान करने से गुरुकृपा के साथ पुण्य की प्राप्ति भी होती है. दुनिया भले ही कितनी बदल गई हो या लोगों के जीने का अंदाज बदल रहा है, लेकिन भारतीय संस्कृति की ऐसी अनूठी मिसाल है. यही वजह है कि गुरु पूर्णिमा पर हरिद्वार के घाट लोगों से पटे नजर आ रहे हैं.
ये भी पढ़ें-