पटना/बगहा : बिहार में पिछले एक सप्ताह से मानसून सक्रिय है. इस कारण बिहार के अधिकांश हिस्सों में पिछले 5 दिनों से लगातार बारिश हो रही है. लगातार वर्षा की वजह से गंगा के साथ-साथ अधिकांश नदियों के जलस्तर में बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है. गंगा, कोसी, बागमती नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. कोसी के बढ़ते जल प्रवाह से कई इलाके जलमग्न हो गए हैं. लगातार नदियों में पानी छोड़ा जा रहा है.
कई नदियां खतरे के निशान के करीब : लगातार हो रही बारिश से बिहार की कई नदियां खतरे के निशान के करीब पहुंचने लगी हैं. कोसी नदी खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है. 'कोसी नदी' खगड़िया जिले में और 'परमान नदी' अररिया जिले में खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं. बगहा में प्रशासन अनाउंस कर रहा है कि रात 8 से 9 बजे के बीच गंडक बराज में 5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा. इसलिए सभी नाविक नदी से दूर रहेंगे.
बिहार में बाढ़ के बने हालात : बिहार में सभी नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. मुजफ्फरपुर और दरभंगा में बागमती नदी और अधवारा समूह की नदियां खतरे के निशान के करीब पहुंच गई हैं. सुपौल में भी कोसी नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंचने लगा है. वहीं नेपाल में भारी बारिश होने के कारण वहां बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है. जिसके बाद बैराज के गेट खोल दिए गए हैं.
नेपाल से छोड़ा जा रहा पानी : लगातार नेपाल से पानी बिहार में छोड़ा जा रहा है, जिसके कारण भी जलस्तर में वृद्धि हो रही है. गंगा के जलस्तर की अगर हम बात करें तो अभी पटना के गांधी घाट पर लगे मीटर में 43.90 जलस्तर दर्ज की गई है. केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार गंगा के जलस्तर में चार से पांच सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से बढ़ोतरी हो रही है.
गंगा के जलस्तर में भी बढ़ोतरी : राजधानी पटना के गंगा नदी का जलस्तर दीघा घाट पर 44.97, गांधी घाट पर 44.70, हाथीदह घाट पर 36.70 है. बक्सर में 48.70 जलस्तर दर्ज की गई है. सोन नदी की बात करें तो रोहतास के इंद्रपुरी घाट पर 101.10 है. भोजपुर के कोईलवर में 46.38, औरंगाबाद के पालमेरगंज में 92.55 जलस्तर दर्ज की गई है.
कोसी नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी : नेपाल में लगातार हो रही बारिश का सबसे ज्यादा असर कोसी नदी में देखने को मिल रहा है. सुपौल के वीरपुर स्थित कोसी बराज से आज 3 बजे 2 लाख 72 हजार 485 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया. जबकि दोपहर 2 बजे 1 लाख 77 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. लगातार पानी छोड़े जाने के कारण जलस्तर बढ़ने के संकेत मिलने लगे हैं. बाढ़ प्रभावित इलाकों में पानी घुसने से किसान परेशान हो गए हैं. बाढ़ का पानी नीचले इलाकों में फैलने से खेतों में बाढ़ का पानी जाने लगा है.
कोसी बराज से छोड़ा गया लाखों क्यूसेक पानी : शाम 6 बजे तक कोसी उफान पर आ गई. जल अधिग्रहण क्षेत्र बराह एवं कोसी बराज पर जल का स्तर तेजी से बढ़ रहा है. बराज के दोनों छोर पर लाल झंडा और लाल बत्ती जलाई गई है. 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद लाल बत्ती जला दी जाती है. शाम 6 बजे बजे तक 3 लाख 3 हजार क्यूसेक पानी को डिस्चार्ज रिकॉर्ड किया गया. बराह में नदी का डिस्चार्ज 1.88 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया. कोसी तटबंध के भीतर सैकड़ों गांव में बाढ़ का पानी फैल गया है.
गंडक नदी खतरे के निशान के करीब : नेपाल के तराई इलाकों में लगातार बारिश के कारण गंडक नदी के जल स्तर में भी वृद्धि हो रही है. आज नेपाल के देवघाट बराज से 4 लाख क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज किया गया है. वाल्मीकि नगर स्थित गंडक बराज से 2 लाख 80 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है.
बिहार में लगातार बारिश से भी आफत : बिहार में लगातार हो रही मानसून की बारिश से नदियों में लगातार जलस्तर में वृद्धि हो रही है. आज बिहार की कोई भी नदी खतरे के निशान के ऊपर नहीं है, लेकिन जिस तरीके से बारिश हो रही है और नेपाल से पानी छोड़ा जा रहा है, यदि ऐसी स्थिति बनी रही तो बिहार की अनेक नदियां खतरे के निशान से ऊपर पहुंच जाएंगी.
बिहार में आफत की रेलवे ने की तैयारी : बिहार में बाढ़ के चलते रेल यातायात प्रभावित न हो इसके लिए रेलवे ने अपने सभी पुल, पुलियों का बारीकी से निरीक्षण किया है. रेलवे ने उन इलाकों पर काफी फोकस किया जहां 2021 में बाढ़ का पानी रेलवे ट्रैक पर चढ़ गया था. पटरियों की स्थिति और ऐसे हालात से निपटने के लिए ट्रेनों के रूट डायवर्ट करने तक का खाका तैयार कर लिया है.
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