नई दिल्ली/चंडीगढ़ : मोदी सरकार की नई कैबिनेट के सारे नाम सामने आ चुके हैं. पिछली सरकार के कई चेहरों को जहां रिपीट किया गया है, वहीं इस बार की नई कैबिनेट में कई नए चेहरों को जगह भी मिली है. इसमें हरियाणा राज्य से भी 3 नए चेहरों को शामिल किया गया है. मनोहर लाल खट्टर, राव इंद्रजीत सिंह और कृष्णपाल गुर्जर को मोदी कैबिनेट 3.0 में जगह दी गई है.
कौन हैं मनोहर लाल खट्टर ? : मनोहर लाल खट्टर को मोदी कैबिनेट में मंत्री बनाया गया है. मनोहर लाल की बात करें तो वे हरियाणा के करनाल से सांसद चुने गए हैं. उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी दिव्यांशु बुद्धिराजा को चुनाव में शिकस्त दी थी. लोकसभा चुनाव लड़ने से पहले वे हरियाणा के सीएम रह चुके हैं. जब हरियाणा में बीजेपी की सरकार बनी तो वे राज्य में बीजेपी के पहले मुख्यमंत्री थे. लेकिन करीब साढ़े 9 साल तक बीजेपी सरकार में सीएम रहने के बाद लोकसभा चुनाव के ऐन पहले बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें सीएम पद से हटाते हुए नायब सिंह सैनी को हरियाणा की कमान सौंप दी. मनोहर लाल खट्टर बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति के सदस्य के रूप में भी काम कर चुके हैं. साथ ही वे आरएसएस के सदस्य भी रह चुके हैं. उनके चुनाव जीतने के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. मनोहर लाल खट्टर नरेंद्र मोदी और अमित शाह के करीबी भी हैं.
कौन हैं राव इंद्रजीत सिंह ? : राव इंद्रजीत सिंह को मोदी कैबिनेट में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है. गुड़गांव से जीत के बाद वे छठी बार सांसद चुने गए हैं. 2014 के पहले वे कांग्रेस में थे. उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के राज बब्बर को चुनाव में हराया है. वे दक्षिणी हरियाणा (अहीरवाल) के बड़े नेता हैं. दक्षिणी हरियाणा में विधानसभा की 14 सीटों पर राव इंद्रजीत सिंह के परिवार का दबदबा रहा है. राव इंद्रजीत सिंह मोदी सरकार में पहले भी मंत्री रह चुके हैं.
कौन हैं कृष्णपाल गुर्जर ? : कृष्णपाल गुर्जर को मोदी कैबिनेट में राज्य मंत्री बनाया गया है. फरीदाबाद से जीतने वाले कृष्णपाल गुर्जर इससे पहले भी मोदी सरकार में मंत्री रह चुके हैं. कृष्णपाल गुर्जर के शीर्ष नेतृत्व से अच्छे संबंध भी बताए जाते हैं. जातीय समीकरण के हिसाब से कृष्णपाल गुर्जर की गुर्जरों में अच्छी खासी पकड़ है. फरीदाबाद के अलावा यूपी और राजस्थान के गुर्जर बाहुल्य इलाकों में भी उनका प्रभाव है.
हरियाणा में होने हैं विधानसभा चुनाव : हरियाणा में अगले 6 महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं. वहीं इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की सीटें 10 से घटकर 5 रह गई है. ऐसे में पार्टी की कोशिश जातीय समीकरणों को साधते हुए विधानसभा चुनाव में हर हाल में जीत हासिल करने की है.
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