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जोशीमठ के बाद अब नैनीताल में दरारों से दहशत, खूबसूरत व्यू प्वाइंट हुआ गायब! - Nainital Khupi Village Cracks - NAINITAL KHUPI VILLAGE CRACKS

Cracks And Landslide in Nainital उत्तराखंड के ज्योतिर्मठ (जोशीमठ) के बाद अब सरोवर नगरी से फेमस पर्यटक स्थल नैनीताल दरारों की जद आ गया है. जहां खूपी गांव में भूस्खलन और दरारें पड़ी है तो वहीं नैनीताल का खूबसूरत व्यू प्वाइंट डोरोथी सीट भी धराशायी हो गया है. इस व्यू प्वाइंट पर खड़े होकर पर्यटक सेल्फी लेते थे और नैनीताल के सफर को यादगार बनाते थे, लेकिन अब यह प्वाइंट भूस्खलन की भेंट चढ़ गया है.

Cracks And Landslide in Nainital
नैनीताल में दरार और दहशत (फोटो- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 8, 2024, 6:37 PM IST

Updated : Aug 8, 2024, 6:56 PM IST

देहरादून (उत्तराखंड): चमोली जिले का जोशीमठ (अब ज्योतिर्मठ) दरार और भू-धंसाव की वजह से देश और दुनिया में सुर्खियों में रहा. जोशीमठ की स्थिति ये हो गई थी कि कई घरों में दरारें आ गई थी, जिसके चलते कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करना पड़ा. कमजोर और खतरनाक होटल व भवन को ढहा दिया गया. जोशीमठ के अलावा गढ़वाल के टिहरी, रुद्रप्रयाग, श्रीनगर, उत्तरकाशी में भी घरों में दरारें देखी गई, लेकिन अब कुमाऊं में भी दरारें देखी जा रही हैं. खासकर पर्यटन स्थल नैनीताल के कई इलाकों की घरों में दरारें से दहशत है, जिससे सरकार के साथ ही लोगों की चिंता बढ़ गई है.

जोशीमठ के बाद अब नैनीताल में दरार: अब तक गढ़वाल का हिस्सा ही दरार की समस्या से जूझ रहा था, लेकिन अब उत्तराखंड के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल नैनीताल में भी ऐसी ही समस्या पैदा हो गई है. दरअसल, नैनीताल के खूपी गांव में पहले कई जगहों पर भूस्खलन हुआ. उसके बाद कई घरों में दरारें पड़नी शुरू हुई. अब ये दरारें लगातार बढ़ती जा रही है. कई घरों में दरारें पड़ चुकी है, जिससे ग्रामीण दहशत में है. उनके जेहन में जोशीमठ की दरारें आ रही है.

Cracks And Landslide in Nainital
मकान में पड़ी दरारें (फोटो- ETV Bharat)

खूपी गांव में पांच-पांच मीटर तक की दरारें पड़ चुकी है. मानसून के दौरान गांव में दरार आने से नैनीताल जिला प्रशासन भी हरकत में आ गया है. प्रशासन की टीम गांव का भ्रमण कर जानकारी जुटा रही है. टीम ये जानने की कोशिश कर रही है कि आखिरकार इन लोगों की समस्या का समाधान कैसे किया जाए? नैनीताल जिला प्रशासन को मुख्यमंत्री कार्यालय से मिले निर्देशों के बाद विस्थापन और ट्रीटमेंट दोनों के लिए कदम उठाने का काम सौंपा गया है.

दहशत में गांव छोड़ रहे लोग: खूपी गांव के विमल जोशी बताते हैं कि गांव में पहले से ही दरार आ रही थी, लेकिन इस बार अचानक से दरारें बढ़ गई है. दरारों की वजह से घर पर रहना खतरे से खाली नहीं है. ऐसे में कुछ लोगों ने अपना सामान समेटकर दूसरे स्थान पर रहना शुरू कर दिया है. इस तरह से धीरे-धीरे गांव से पलायन हो रहा है.

Cracks And Landslide in Nainital
खेतों और रास्ते में दरार (फोटो- ETV Bharat)

खूपी गांव की कविता बताती हैं कि दरारों की समस्या को लेकर लंबे समय से प्रशासन से बातचीत की जा रही है, लेकिन अभी तक कुछ भी हल नहीं निकला है. अब उन्हें घरों में रहने से भी डर लगता है. अगर तेज बारिश होती है तो लगता है कि कोई हादसा ना हो जाए. घर पर दरारें पड़ने से मकान भी हिल रहे हैं. जब ज्यादा बारिश होती है तो इनमें से पानी भी आने लगता है.

Cracks And Landslide in Nainital
खूपी गांव में दरार (फोटो- ETV Bharat)

उन्होंने बताया कि अलग-अलग माध्यम से लोगों ने पानी रिसते दरारों को भरने की कोशिश की, लेकिन कामयाबी नहीं मिला पा रही है. दरअसल, इस गांव से सटा हुआ बलिया नाला भी है, जो भूस्खलन का मुख्य कारण भी हो सकता है. इस पूरे क्षेत्र में पानी का कटाव और भूस्खलन लंबे समय से परेशानी का सबब है, लेकिन अब घरों में दरार आना किसी बड़ी अनहोनी की संकेत दे रहा है.

"खूपी गांव का भूवैज्ञानिक सर्वे पूरा हो गया है. इसमें गांव के पास बहने वाले गधेरे से कटाव की बात सामने आई है, जिसके कारण भूमि नीचे बैठने से दरारें आ गई हैं. ये प्रक्रिया लंबे समय में होती है. तात्कालिक और दीर्घकालीन सुरक्षा कार्यों के लिए विशेषज्ञों की राय ली जा रही है." - जिला प्रशासन नैनीताल

खत्म हो गई ये ऐतिहासिक जगह: हैरानी की बात ये है कि नैनीताल के कई महत्वपूर्ण इलाकों में बड़े-बड़े भूस्खलन हो चुके हैं. अब नैनीताल की खूबसूरती में चार चांद लगाने वाले 2292 मीटर की ऊंचाई पर स्थित फेमस पर्यटक स्थल टिफिन टॉप का डोरोथी सीट भी धराशायी हो गया है. बीती रात को हुई भारी बारिश के बाद यह स्पॉट पूरी तरह से खत्म हो गया है. पहले इसमें दरारें आई और उसके बाद जब सुबह लोगों ने देखा तो उसका नामोनिशान ही नहीं था.

Cracks And Landslide in Nainital
डोरोथी सीट से व्यू प्वाइंट धराशायी (फोटो- ETV Bharat)

इस जगह से लोग नैनीताल की वादियों को निहारते थे. इस जगह का डोरोथी सीट पर्यटकों की पसंदीदा जगह थी. नैनीताल के होटल व्यवसाय से जुड़े कमल जगाती कहते हैं कि पर्यटक जब यहां पर घूमने आते हैं और पूरा पैकेज लेते हैं तो उस पैकेज में एक स्पॉट ये भी होता था. यहां पर खड़े होकर लोग सेल्फी लेते थे और नैनीताल के सफर को यादगार बनाते थे, लेकिन अब यह स्थल गायब हो गया है.

Cracks And Landslide in Nainital
जिला प्रशासन नैनीताल का बयान (फोटो- ETV Bharat)

क्या कहते हैं अधिकारी: कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत कहते हैं कि अत्यधिक बारिश होने की वजह से इस तरह की सूचना मिली है. ऐसे में लगातार ऐसी घटनाओं पर नजर बनाए हुए हैं. कंट्रोल रूम में जैसे ही कोई मानसून से जुड़ी खबर आती है तो वैसे ही उस पर गंभीरता से ध्यान दे रहे हैं. खुपी गांव के घरों में दरारें की बात की जाए तो पहले भी इस गांव का अध्ययन करवाया जा चुका है. जल्द ही विस्थापन या इसके ट्रीटमेंट को लेकर कोई फैसला लिया जाएगा.

उनका ये भी कहना है कि अभी बारिश है. बारिश के दिनों में किसी भी तरह का ट्रीटमेंट नहीं किया जा सकता है. इतना जरूर है कि लोगों और उनकी जान को नुकसान न हो, इसको लेकर टीम मौके पर जा रही है. जो दरारग्रस्त घरों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का काम कर रही है.

मानसून में कई घर हो चुके तबाह: उत्तराखंड राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के आंकड़ों की बात करें तो-

  1. मानसून सीजन में 172 घरों को नुकसान पहुंचा है.
  2. 15 घर पूरी तरह से तबाह हो चुके हैं.
  3. टिहरी में भी घर तबाह हुए हैं.
  4. सबसे ज्यादा रुद्रप्रयाग जिले में घरों को नुकसान पहुंचा है.
  5. रुद्रप्रयाग में 50 से ज्यादा घर प्रभावित हुए हैं.
  6. वहीं, बागेश्वर और अल्मोड़ा में 40 से ज्यादा घर बारिश से प्रभावित हुए हैं.

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देहरादून (उत्तराखंड): चमोली जिले का जोशीमठ (अब ज्योतिर्मठ) दरार और भू-धंसाव की वजह से देश और दुनिया में सुर्खियों में रहा. जोशीमठ की स्थिति ये हो गई थी कि कई घरों में दरारें आ गई थी, जिसके चलते कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करना पड़ा. कमजोर और खतरनाक होटल व भवन को ढहा दिया गया. जोशीमठ के अलावा गढ़वाल के टिहरी, रुद्रप्रयाग, श्रीनगर, उत्तरकाशी में भी घरों में दरारें देखी गई, लेकिन अब कुमाऊं में भी दरारें देखी जा रही हैं. खासकर पर्यटन स्थल नैनीताल के कई इलाकों की घरों में दरारें से दहशत है, जिससे सरकार के साथ ही लोगों की चिंता बढ़ गई है.

जोशीमठ के बाद अब नैनीताल में दरार: अब तक गढ़वाल का हिस्सा ही दरार की समस्या से जूझ रहा था, लेकिन अब उत्तराखंड के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल नैनीताल में भी ऐसी ही समस्या पैदा हो गई है. दरअसल, नैनीताल के खूपी गांव में पहले कई जगहों पर भूस्खलन हुआ. उसके बाद कई घरों में दरारें पड़नी शुरू हुई. अब ये दरारें लगातार बढ़ती जा रही है. कई घरों में दरारें पड़ चुकी है, जिससे ग्रामीण दहशत में है. उनके जेहन में जोशीमठ की दरारें आ रही है.

Cracks And Landslide in Nainital
मकान में पड़ी दरारें (फोटो- ETV Bharat)

खूपी गांव में पांच-पांच मीटर तक की दरारें पड़ चुकी है. मानसून के दौरान गांव में दरार आने से नैनीताल जिला प्रशासन भी हरकत में आ गया है. प्रशासन की टीम गांव का भ्रमण कर जानकारी जुटा रही है. टीम ये जानने की कोशिश कर रही है कि आखिरकार इन लोगों की समस्या का समाधान कैसे किया जाए? नैनीताल जिला प्रशासन को मुख्यमंत्री कार्यालय से मिले निर्देशों के बाद विस्थापन और ट्रीटमेंट दोनों के लिए कदम उठाने का काम सौंपा गया है.

दहशत में गांव छोड़ रहे लोग: खूपी गांव के विमल जोशी बताते हैं कि गांव में पहले से ही दरार आ रही थी, लेकिन इस बार अचानक से दरारें बढ़ गई है. दरारों की वजह से घर पर रहना खतरे से खाली नहीं है. ऐसे में कुछ लोगों ने अपना सामान समेटकर दूसरे स्थान पर रहना शुरू कर दिया है. इस तरह से धीरे-धीरे गांव से पलायन हो रहा है.

Cracks And Landslide in Nainital
खेतों और रास्ते में दरार (फोटो- ETV Bharat)

खूपी गांव की कविता बताती हैं कि दरारों की समस्या को लेकर लंबे समय से प्रशासन से बातचीत की जा रही है, लेकिन अभी तक कुछ भी हल नहीं निकला है. अब उन्हें घरों में रहने से भी डर लगता है. अगर तेज बारिश होती है तो लगता है कि कोई हादसा ना हो जाए. घर पर दरारें पड़ने से मकान भी हिल रहे हैं. जब ज्यादा बारिश होती है तो इनमें से पानी भी आने लगता है.

Cracks And Landslide in Nainital
खूपी गांव में दरार (फोटो- ETV Bharat)

उन्होंने बताया कि अलग-अलग माध्यम से लोगों ने पानी रिसते दरारों को भरने की कोशिश की, लेकिन कामयाबी नहीं मिला पा रही है. दरअसल, इस गांव से सटा हुआ बलिया नाला भी है, जो भूस्खलन का मुख्य कारण भी हो सकता है. इस पूरे क्षेत्र में पानी का कटाव और भूस्खलन लंबे समय से परेशानी का सबब है, लेकिन अब घरों में दरार आना किसी बड़ी अनहोनी की संकेत दे रहा है.

"खूपी गांव का भूवैज्ञानिक सर्वे पूरा हो गया है. इसमें गांव के पास बहने वाले गधेरे से कटाव की बात सामने आई है, जिसके कारण भूमि नीचे बैठने से दरारें आ गई हैं. ये प्रक्रिया लंबे समय में होती है. तात्कालिक और दीर्घकालीन सुरक्षा कार्यों के लिए विशेषज्ञों की राय ली जा रही है." - जिला प्रशासन नैनीताल

खत्म हो गई ये ऐतिहासिक जगह: हैरानी की बात ये है कि नैनीताल के कई महत्वपूर्ण इलाकों में बड़े-बड़े भूस्खलन हो चुके हैं. अब नैनीताल की खूबसूरती में चार चांद लगाने वाले 2292 मीटर की ऊंचाई पर स्थित फेमस पर्यटक स्थल टिफिन टॉप का डोरोथी सीट भी धराशायी हो गया है. बीती रात को हुई भारी बारिश के बाद यह स्पॉट पूरी तरह से खत्म हो गया है. पहले इसमें दरारें आई और उसके बाद जब सुबह लोगों ने देखा तो उसका नामोनिशान ही नहीं था.

Cracks And Landslide in Nainital
डोरोथी सीट से व्यू प्वाइंट धराशायी (फोटो- ETV Bharat)

इस जगह से लोग नैनीताल की वादियों को निहारते थे. इस जगह का डोरोथी सीट पर्यटकों की पसंदीदा जगह थी. नैनीताल के होटल व्यवसाय से जुड़े कमल जगाती कहते हैं कि पर्यटक जब यहां पर घूमने आते हैं और पूरा पैकेज लेते हैं तो उस पैकेज में एक स्पॉट ये भी होता था. यहां पर खड़े होकर लोग सेल्फी लेते थे और नैनीताल के सफर को यादगार बनाते थे, लेकिन अब यह स्थल गायब हो गया है.

Cracks And Landslide in Nainital
जिला प्रशासन नैनीताल का बयान (फोटो- ETV Bharat)

क्या कहते हैं अधिकारी: कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत कहते हैं कि अत्यधिक बारिश होने की वजह से इस तरह की सूचना मिली है. ऐसे में लगातार ऐसी घटनाओं पर नजर बनाए हुए हैं. कंट्रोल रूम में जैसे ही कोई मानसून से जुड़ी खबर आती है तो वैसे ही उस पर गंभीरता से ध्यान दे रहे हैं. खुपी गांव के घरों में दरारें की बात की जाए तो पहले भी इस गांव का अध्ययन करवाया जा चुका है. जल्द ही विस्थापन या इसके ट्रीटमेंट को लेकर कोई फैसला लिया जाएगा.

उनका ये भी कहना है कि अभी बारिश है. बारिश के दिनों में किसी भी तरह का ट्रीटमेंट नहीं किया जा सकता है. इतना जरूर है कि लोगों और उनकी जान को नुकसान न हो, इसको लेकर टीम मौके पर जा रही है. जो दरारग्रस्त घरों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का काम कर रही है.

मानसून में कई घर हो चुके तबाह: उत्तराखंड राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के आंकड़ों की बात करें तो-

  1. मानसून सीजन में 172 घरों को नुकसान पहुंचा है.
  2. 15 घर पूरी तरह से तबाह हो चुके हैं.
  3. टिहरी में भी घर तबाह हुए हैं.
  4. सबसे ज्यादा रुद्रप्रयाग जिले में घरों को नुकसान पहुंचा है.
  5. रुद्रप्रयाग में 50 से ज्यादा घर प्रभावित हुए हैं.
  6. वहीं, बागेश्वर और अल्मोड़ा में 40 से ज्यादा घर बारिश से प्रभावित हुए हैं.

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Last Updated : Aug 8, 2024, 6:56 PM IST
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