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पंजाब में चल रही बड़ी साजिश, खालिस्तानी युवाओं को रहे बरगला, NIA कर रही जांच - KTF Recruiting Members From Jail

Khalistan Tiger Force Recruitement from Patiala jail: भारत की प्रमुख आतंकवाद-रोधी एजेंसी ने पंजाब और आसपास के राज्यों में KTF और उनके जबरन वसूली रैकेट, हथियारों की खरीद और लक्षित हत्या के खिलाफ एक बड़ा अभियान शुरू किया है. एजेंसी को इनपुट मिले हैं कि जेल में बंद खालिस्तान टाइगर फोर्स का सदस्य कमलजीत शर्मा युवाओं को आतंकी संगठन में भर्ती कर रहा है. पढ़ें ईटीवी भारत से गौतम देबरॉय की रिपोर्ट

National Investination Agency
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 13, 2024, 7:27 PM IST

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पंजाब में खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) भर्ती मामले में एक बड़ी जांच शुरू की है. एजेंसी को इनपुट मिले हैं कि जेल में बंद KTF सदस्य कमलजीत शर्मा पंजाब और उसके आसपास के इलाकों से युवाओं को आतंकी संगठन में भर्ती कर रहा है. गृह मंत्रालय के आतंकवाद और कट्टरपंथ विरोधी (CTCR) प्रभाग ने एनआईए को जानकारी दी है कि विभिन्न देशों में स्थित केटीएफ के पांच नेता पूरी भर्ती प्रक्रिया के साथ-साथ जबरन वसूली के पैसे भी जुटा रहे हैं. एनआईए को यह भी बताया गया है कि केटीएफ भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए बंबीहा आपराधिक गिरोह के साथ मिलकर काम कर रहा है.

'ईटीवी भारत' के पास मौजूद सरकारी दस्तावेजों में कहा गया है कि यूएई में रहने वाले बलजीत सिंह उर्फ ​​बलजीत मौर, ऑस्ट्रेलिया में गुरजंत सिंह, कनाडा में प्रिंस चौहान, यूएसए में अमन पुरेवाल और पाकिस्तान से बिलाल मनशेर जो केटीएफ के सक्रिय सदस्य हैं, उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर भारत में हथियार और नशीले पदार्थों की तस्करी करने, जबरन वसूली के जरिए KTF की गतिविधियों के लिए धन जुटाने और पंजाब में आतंक पैदा करने के लिए लक्षित हत्याओं की साजिश रची है.

सरकारी दस्तावेज में कहा गया है कि, 'भारत और विदेशों में KTF के आतंकी गुर्गों के इस व्यापक नेटवर्क को बनाए रखने, प्रबंधित करने और संभालने के लिए आवश्यक आतंकी फंड का एक बड़ा हिस्सा पंजाब और पड़ोसी राज्यों में स्थित व्यापारियों से जबरन वसूली से आता है. इस तरह के फंड का एक बड़ा हिस्सा हथियार आपूर्तिकर्ताओं, तस्करों को हथियार और गोला-बारूद और नशीले पदार्थों की खरीद के लिए भेजा जाता है. साथ ही पंजाब और पड़ोसी राज्यों में विभिन्न आतंकी कृत्यों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने के लिए भारत में स्थित उनके सक्रिय आतंकी गुर्गों को भेजा जाता है'.

इसमें कहा गया है कि, 'इन आतंकवादियों और उनके सहयोगियों द्वारा इन फंडों की आवाजाही के लिए हवाला चैनलों और मनी ट्रांसफर सर्विस स्कीम (MTSS) प्लेटफार्मों का व्यापक उपयोग किया जाता है. इन फंडों का इस्तेमाल KTF की आतंक और हिंसा संबंधी गतिविधियों को आगे बढ़ाने और भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया जाता है'.

दस्तावेज के अनुसार, विदेश स्थित KTF के गुर्गों द्वारा पटियाला की केंद्रीय जेल में बंद कमलजीत शर्मा की मदद से नियमित रूप से नए कैडर की भर्ती की जा रही है. वह केटीएफ का हिस्सा बनने के लिए जेल के साथियों की भर्ती कर रहा है. इसमें आगे कहा गया है कि, KTF के कार्यकर्ता बंबीहा आपराधिक गिरोह के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, ताकि भारत में आतंकवादी और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए गिरोह के संसाधनों और रसद सहित नेटवर्क का इस्तेमाल किया जा सके.

उल्लेखनीय है कि लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के कट्टर प्रतिद्वंद्वी बंबीहा गिरोह का संचालन दविंदर सिंह सिद्धू उर्फ ​​दविंदर बंबीहा द्वारा किया जाता था. हालांकि बंबीहा को सितंबर 2016 में एक मुठभेड़ में मार गिराया गया था, लेकिन उसके करीबी सहयोगी अब जेल से काम कर रहे हैं और पूरे पंजाब में जबरन वसूली का रैकेट चला रहे हैं.

पढ़ें: NIA ने मणिपुर में जनवरी में चार नागरिकों की हत्या के मामले में पहली गिरफ्तारी की

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पंजाब में खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) भर्ती मामले में एक बड़ी जांच शुरू की है. एजेंसी को इनपुट मिले हैं कि जेल में बंद KTF सदस्य कमलजीत शर्मा पंजाब और उसके आसपास के इलाकों से युवाओं को आतंकी संगठन में भर्ती कर रहा है. गृह मंत्रालय के आतंकवाद और कट्टरपंथ विरोधी (CTCR) प्रभाग ने एनआईए को जानकारी दी है कि विभिन्न देशों में स्थित केटीएफ के पांच नेता पूरी भर्ती प्रक्रिया के साथ-साथ जबरन वसूली के पैसे भी जुटा रहे हैं. एनआईए को यह भी बताया गया है कि केटीएफ भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए बंबीहा आपराधिक गिरोह के साथ मिलकर काम कर रहा है.

'ईटीवी भारत' के पास मौजूद सरकारी दस्तावेजों में कहा गया है कि यूएई में रहने वाले बलजीत सिंह उर्फ ​​बलजीत मौर, ऑस्ट्रेलिया में गुरजंत सिंह, कनाडा में प्रिंस चौहान, यूएसए में अमन पुरेवाल और पाकिस्तान से बिलाल मनशेर जो केटीएफ के सक्रिय सदस्य हैं, उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर भारत में हथियार और नशीले पदार्थों की तस्करी करने, जबरन वसूली के जरिए KTF की गतिविधियों के लिए धन जुटाने और पंजाब में आतंक पैदा करने के लिए लक्षित हत्याओं की साजिश रची है.

सरकारी दस्तावेज में कहा गया है कि, 'भारत और विदेशों में KTF के आतंकी गुर्गों के इस व्यापक नेटवर्क को बनाए रखने, प्रबंधित करने और संभालने के लिए आवश्यक आतंकी फंड का एक बड़ा हिस्सा पंजाब और पड़ोसी राज्यों में स्थित व्यापारियों से जबरन वसूली से आता है. इस तरह के फंड का एक बड़ा हिस्सा हथियार आपूर्तिकर्ताओं, तस्करों को हथियार और गोला-बारूद और नशीले पदार्थों की खरीद के लिए भेजा जाता है. साथ ही पंजाब और पड़ोसी राज्यों में विभिन्न आतंकी कृत्यों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने के लिए भारत में स्थित उनके सक्रिय आतंकी गुर्गों को भेजा जाता है'.

इसमें कहा गया है कि, 'इन आतंकवादियों और उनके सहयोगियों द्वारा इन फंडों की आवाजाही के लिए हवाला चैनलों और मनी ट्रांसफर सर्विस स्कीम (MTSS) प्लेटफार्मों का व्यापक उपयोग किया जाता है. इन फंडों का इस्तेमाल KTF की आतंक और हिंसा संबंधी गतिविधियों को आगे बढ़ाने और भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया जाता है'.

दस्तावेज के अनुसार, विदेश स्थित KTF के गुर्गों द्वारा पटियाला की केंद्रीय जेल में बंद कमलजीत शर्मा की मदद से नियमित रूप से नए कैडर की भर्ती की जा रही है. वह केटीएफ का हिस्सा बनने के लिए जेल के साथियों की भर्ती कर रहा है. इसमें आगे कहा गया है कि, KTF के कार्यकर्ता बंबीहा आपराधिक गिरोह के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, ताकि भारत में आतंकवादी और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए गिरोह के संसाधनों और रसद सहित नेटवर्क का इस्तेमाल किया जा सके.

उल्लेखनीय है कि लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के कट्टर प्रतिद्वंद्वी बंबीहा गिरोह का संचालन दविंदर सिंह सिद्धू उर्फ ​​दविंदर बंबीहा द्वारा किया जाता था. हालांकि बंबीहा को सितंबर 2016 में एक मुठभेड़ में मार गिराया गया था, लेकिन उसके करीबी सहयोगी अब जेल से काम कर रहे हैं और पूरे पंजाब में जबरन वसूली का रैकेट चला रहे हैं.

पढ़ें: NIA ने मणिपुर में जनवरी में चार नागरिकों की हत्या के मामले में पहली गिरफ्तारी की

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