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तलाशी अभियान 10वें दिन भी जारी, आपदा स्थल से लौटी सेना, अबतक मृतकों की संख्या 414 - Wayanad landslide update

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By PTI

Published : Aug 8, 2024, 12:55 PM IST

Wayanad landslide update: केरल के वायनाड में विनाशकारी भूस्खलन में मरने वालों की संख्या 414 पहुंच गई है. 150 से अधिक लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं. बचाव अभियान 10वें दिन भी जारी है. पढ़ें पूरी खबर...

Wayanad landslide update
तलाशी अभियान 10वें दिन भी जारी (ANI)

वायनाड: केरल के वायनाड में लैंडस्लाइड के चलते अबतक गुरुवार 8 अगस्त को 414 की मौत की खबर सामने आई है. वहीं, रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है. बता दें, लैंडस्लाइड में फंसे लोगों को ढूंढने में करीब 1500 से अधिक बचावकर्मी लगे हैं. वहीं, सैकड़ों लोग अभी भी लापता हैं.

सर्च अभियान जारी
भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में हादसे के 10वें दिन भी तलाशी अभियान जारी है. गुरुवार को और अधिक शव खोजी कुत्तों को आपदा स्थलों पर मलबे के नीचे दबे अवशेषों की तलाश में लगाया गया है. वहीं, वायुसेना के हेलीकॉप्टरों का उपयोग कर विशेष खोज दलों को चलियार नदी के किनारे दुर्गम क्षेत्रों में उतारा जा रहा है. आपदा प्रभावित चूरलमाला और मुंडक्कई के अलग-अलग छह क्षेत्रों में अधिक बचाव दल, भारी मशीनें और के9 डॉग स्क्वॉड तैनात किए गए हैं.

आपदा स्थल से लौटी सेना
इसी बीच, आज खबर यह भी सामने आई कि मुंडक्कई आपदा स्थल से सेना लौटी गई है. वहां, केवल हेलीकॉप्टर सर्च और पुल मजबूत करने वाली टीम ही काम जारी रखेगी. अब सिर्फ एनडीआरएफ और फायर ब्रिगेड के जवान ही शवों की तलाशी में लगे रहेंगे. सेना ने पूरी तरह से उन्हें जिम्मा सौंप दिया है.

बुधवार को 414 से अधिक लोगों के मरने की खबर थी
बुधवार तक भूस्खलन में लापता होने वाले संदिग्ध व्यक्तियों की संख्या लगभग 150 थी, जबकि 414 से अधिक लोगों के मरने की खबर थी. इसके अलावा, वायनाड जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, 7 अगस्त तक आपदा प्रभावित क्षेत्रों और चलियार नदी से 224 शव और 189 शवों के अंग बरामद किए गए थे.

तीन चरणों में किया जाएगा पुनर्वास
जैसे-जैसे तलाशी अभियान आगे बढ़ रहा है, राज्य सरकार भूस्खलन से प्रभावित लोगों के अस्थायी पुनर्वास को सुनिश्चित करने के लिए भी काम कर रही है. वायनाड में डेरा डाले एक कैबिनेट उप-समिति ने बुधवार को कहा कि पुनर्वास तीन चरणों में किया जाएगा. पहले चरण में पीड़ितों और बचे लोगों को प्रभावित क्षेत्रों या आस-पास की पंचायतों की पंचायत सीमा के भीतर खाली घरों, क्वार्टरों, फ्लैटों और छात्रावासों में तत्काल, लेकिन अस्थायी रूप से बसाया जाएगा.

इसके अलावा, किराए के घर या फ्लैट ढूंढे जाएंगे और सरकारी खर्च पर मुहैया कराए जाएंगे, समिति ने कहा था. सरकार के अधीन इमारतों और सुविधाओं का भी इस उद्देश्य के लिए उपयोग किया जाएगा, इसने कहा था. समिति ने कहा था कि अस्थायी पुनर्वास उन स्कूलों को मुक्त करने के लिए किया जा रहा है जहां राहत शिविर चलाए जा रहे हैं ताकि वहां कक्षाएं फिर से शुरू की जा सकें.

दूसरे चरण में लोगों को उनके स्थायी घरों में स्थानांतरित करने से पहले एक अस्थायी पारगमन गृह प्रणाली को लागू करना शामिल होगा. इसके लिए उपयुक्त स्थान ढूंढे जाएंगे और प्रीफैब तकनीक का उपयोग करके आवास तैयार किए जाएंगे, समिति ने आगे कहा था. इसमें कहा गया था कि पूर्ण पुनर्वास के हिस्से के रूप में सभी सुविधाओं के साथ टाउनशिप परियोजना को तीसरे चरण में लागू किया जाएगा.

समिति ने कहा कि खोज एवं बचाव अभियान तथा चरणबद्ध पुनर्वास के अलावा सरकार भूस्खलन में अपना सब कुछ खो चुके लोगों की पहचान एवं अन्य दस्तावेज तथा प्रमाण-पत्र बहाल करने के लिए भी काम कर रही है.

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सर्च अभियान जारी
भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में हादसे के 10वें दिन भी तलाशी अभियान जारी है. गुरुवार को और अधिक शव खोजी कुत्तों को आपदा स्थलों पर मलबे के नीचे दबे अवशेषों की तलाश में लगाया गया है. वहीं, वायुसेना के हेलीकॉप्टरों का उपयोग कर विशेष खोज दलों को चलियार नदी के किनारे दुर्गम क्षेत्रों में उतारा जा रहा है. आपदा प्रभावित चूरलमाला और मुंडक्कई के अलग-अलग छह क्षेत्रों में अधिक बचाव दल, भारी मशीनें और के9 डॉग स्क्वॉड तैनात किए गए हैं.

आपदा स्थल से लौटी सेना
इसी बीच, आज खबर यह भी सामने आई कि मुंडक्कई आपदा स्थल से सेना लौटी गई है. वहां, केवल हेलीकॉप्टर सर्च और पुल मजबूत करने वाली टीम ही काम जारी रखेगी. अब सिर्फ एनडीआरएफ और फायर ब्रिगेड के जवान ही शवों की तलाशी में लगे रहेंगे. सेना ने पूरी तरह से उन्हें जिम्मा सौंप दिया है.

बुधवार को 414 से अधिक लोगों के मरने की खबर थी
बुधवार तक भूस्खलन में लापता होने वाले संदिग्ध व्यक्तियों की संख्या लगभग 150 थी, जबकि 414 से अधिक लोगों के मरने की खबर थी. इसके अलावा, वायनाड जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, 7 अगस्त तक आपदा प्रभावित क्षेत्रों और चलियार नदी से 224 शव और 189 शवों के अंग बरामद किए गए थे.

तीन चरणों में किया जाएगा पुनर्वास
जैसे-जैसे तलाशी अभियान आगे बढ़ रहा है, राज्य सरकार भूस्खलन से प्रभावित लोगों के अस्थायी पुनर्वास को सुनिश्चित करने के लिए भी काम कर रही है. वायनाड में डेरा डाले एक कैबिनेट उप-समिति ने बुधवार को कहा कि पुनर्वास तीन चरणों में किया जाएगा. पहले चरण में पीड़ितों और बचे लोगों को प्रभावित क्षेत्रों या आस-पास की पंचायतों की पंचायत सीमा के भीतर खाली घरों, क्वार्टरों, फ्लैटों और छात्रावासों में तत्काल, लेकिन अस्थायी रूप से बसाया जाएगा.

इसके अलावा, किराए के घर या फ्लैट ढूंढे जाएंगे और सरकारी खर्च पर मुहैया कराए जाएंगे, समिति ने कहा था. सरकार के अधीन इमारतों और सुविधाओं का भी इस उद्देश्य के लिए उपयोग किया जाएगा, इसने कहा था. समिति ने कहा था कि अस्थायी पुनर्वास उन स्कूलों को मुक्त करने के लिए किया जा रहा है जहां राहत शिविर चलाए जा रहे हैं ताकि वहां कक्षाएं फिर से शुरू की जा सकें.

दूसरे चरण में लोगों को उनके स्थायी घरों में स्थानांतरित करने से पहले एक अस्थायी पारगमन गृह प्रणाली को लागू करना शामिल होगा. इसके लिए उपयुक्त स्थान ढूंढे जाएंगे और प्रीफैब तकनीक का उपयोग करके आवास तैयार किए जाएंगे, समिति ने आगे कहा था. इसमें कहा गया था कि पूर्ण पुनर्वास के हिस्से के रूप में सभी सुविधाओं के साथ टाउनशिप परियोजना को तीसरे चरण में लागू किया जाएगा.

समिति ने कहा कि खोज एवं बचाव अभियान तथा चरणबद्ध पुनर्वास के अलावा सरकार भूस्खलन में अपना सब कुछ खो चुके लोगों की पहचान एवं अन्य दस्तावेज तथा प्रमाण-पत्र बहाल करने के लिए भी काम कर रही है.

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