श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के नवनिर्वाचित सांसद अब्दुल राशिद शेख, जिन्हें इंजीनियर राशिद के नाम से भी जाना जाता है, उन्होंने आखिरकार शुक्रवार को बारामुला लोकसभा क्षेत्र से सांसद के रूप में शपथ ली. यह उनके सहयोगियों - आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी (श्रीनगर से सांसद), मियां अल्ताफ (अनंतनाग से सांसद), जुगल किशोर शर्मा (जम्मू से सांसद) और डॉ. जितेंद्र सिंह (उधमपुर से सांसद) - के 24 जून, 2024 को शपथ लेने के दस दिन बाद हुआ है.
बता दें कि दिल्ली की एक अदालत ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की सहमति के बाद उन्हें दो घंटे की हिरासत पैरोल दी है. एनआईए उनके खिलाफ कथित आतंकी फंडिंग मामले की जांच कर रही है. पारिवारिक सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि राशिद का परिवार और शुभचिंतक इस कार्यक्रम के लिए दिल्ली में एकत्र हुए. दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को राशिद को दो घंटे की हिरासत पैरोल दी, जिसके बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उन्हें शपथ लेने की अनुमति दे दी.
राशिद की अध्यक्षता वाली एआईपी के महासचिव प्रिंस परवेज शाह ने कहा कि केवल राशिद के परिवार के सदस्यों को ही शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की अनुमति दी गई. राशिद के बेटे अबरार और असरार, जिन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान उनके अभियान का प्रबंधन किया था, वे भी दिल्ली में हैं.
कुपवाड़ा जिले के लंगेट विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रहे 56 वर्षीय राशिद ने पहली बार 2008 में चुनाव लड़ा था. राशिद 2019 से तिहाड़ जेल में बंद है, एनआईए द्वारा आतंकी फंडिंग मामले में कथित संलिप्तता के आरोप के बाद पिछले महीने, उन्होंने शपथ लेने के लिए अंतरिम जमानत या हिरासत पैरोल के लिए दिल्ली की अदालत में याचिका दायर की थी.
तेजतर्रार नेता राशिद ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बारामूला सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी उमर को दो लाख से अधिक मतों से हराकर पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और अलगाववादी से मुख्यधारा के राजनेता एवं पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन जैसे दिग्गजों को चौंका दिया.