श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव को लेकर भारी उत्साह देखा जा रहा है. चौथे चरण में 13 मई को श्रीनगर संसदीय क्षेत्र में मतदान होगा. वहीं, घाटी में चुनाव-प्रचार भी जोर-शोर से चल रही है. चुनावी माहौल के बीच स्थानीय गायकों और संगीतकारों को भी जैसे एक नया जीवन मिल गया है. यहां के लोकल गायक, कलाकारों इस समय काम से फुर्सत नहीं मिल रही है. चुनाव प्रचार के लिए अलग-अलग राजनीतिक दल के उम्मीदवार इन कलाकारों से वोटरों को लुभाने के लिए गायन और नृत्य कराया जा रहा है. साथ ही गायकों को चुनावी माहौल में चार चांद लगाने के लिए चुनाव संबंधी गीत लिखवाए जा रहे हैं. कुल मिलाकर देखा जाए तो घाटी में चुनावी माहौल में कलाकारों की चांदी हो गई है.
चुनाव प्रचार में लोक कलाकारों की धूम
लोकसभा चुनाव को लेकर घाटी में लोक कलाकारों से लेकर बंदे पाथेर कलाकारों और युवा गायकों की डिमांड काफी बढ़ गई है. ये कलाकार स्थानीय कला और संगीत के माध्यम से लोगों को चुनावी रैलियों की ओर आकर्षित करने का काम करते हैं. ईटीवी भारत ने इस दौरान नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए चुनावी रैलियों के दौरान गायन और नृत्य करने वाले कलाकारों से बातचीत की.
घाटी में खूब पैसे कमा रहे हैं लोक कलाकार
एक स्थानीय महिला गायिका सकीना, जो आमतौर पर विवाह समारोहों में गाती हैं, ने ईटीवी भारत को बताया कि चुनाव उन्हें लोगों के बीच पैसा और फेसम होने का मौका देते हैं. सकीना के ग्रुप में कई युवा लड़के और लड़कियां काम करती हैं. इस ग्रुप के लोग नृत्य, गायन और गीतों की रचना करते हैं. वहीं, सकीना के ग्रुप की एक अन्य डांसर और सिंगर साइमा ने बताया कि, उनके जैसे कई युवा यहां गाते हैं. उन्होंने कहा कि, कला के क्षेत्र में आकर वे खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही हैं.
चुनाव प्रचार के दौरान काम से फुर्सत नहीं
साइमा ने बताया कि., चुनाव प्रचार के दौरान वे ढेर सारा पैसा कमा रही है. चुनाव प्रचार से उन्हें नेम और फेम हासिल हो रहा है. वहीं कलाकारों के ग्रुप के एक युवा कलाकार आदिल अहमद ने बताया कि, चुनाव प्रचार के दौरान वे उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों के लिए चुनावी गीतों की रचना करते हैं. उन्होंने कहा वे अब तक पार्टियों और उम्मीदवारों के लिए 20 अलग-अलग गाने लिखे हैं. बता दें कि, कश्मीर घाटी में बारामूला के लिए मतदान 20 मई को संपन्न होगा. जबकि श्रीनगर में 13 मई को मतदान होगा. जब तक इन दोनों सीटों के लिए चुनाव प्रचार समाप्त होगा तब तक स्थानीय घाटी के गायक, संगीतकार और अन्य कलाकार अपनी-अपनी जेबें भर चुके होंगे. कलाकारों का कहना है कि, उन्हें चुनाव प्रचार के अलावा विवाह समारोह के लिए भी प्रस्ताव मिलते रहते हैं.
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