बेंगलुरु: जल आपूर्ति और जल निकासी बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. राम प्रसाद मनोहर ने कहा, 'जल बोर्ड बोरवेलों को सूखने से रोकने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और आधुनिक तकनीकों को अपना रहा है.' सोमवार को शहर के चिन्नप्पा गार्डन में एआई और आईओटी तकनीक (AI and IoT technology) से लगाए गए बोरवेल का ट्रायल रन का निरीक्षण किया गया.
बाद में राम प्रसाद मनोहर ने कहा, 'शहर में 14 हजार से अधिक बोरवेल हैं. इनमें से कई उचित रखरखाव के बिना सूख गए हैं. बोरवेल के पंप सेट का अधिक से अधिक उपयोग किया जाना चाहिए. बहुत सारे मोटर मरम्मत के लिए इस कारण भी आ रहे हैं क्यों सूखे पड़े बोरवेल में इसके चलने से खराब हो जाते हैं. बगैर पानी के मोटर पंप के चलने से इसके खराब होने का खतरा हमेशा बना रहता है.
लोगों को यह पता नहीं चल पाता है कि उनके बोरवेल सूख गए हैं और फिर बार-बार मोटर पंप चलाते हैं. इससे उनके मोटर पंप खराब हो जाते हैं. बोरवेल को बार-बार तकनीकी समस्याओं से बचाने के लिए, आधुनिक एआई और आईओटी तकनीक से लैस बोरवेल के ट्रायल रन फंक्शन की समीक्षा की गई. नई तकनीक को अपनाने से बोरवेल को कुशलतापूर्वक और वैज्ञानिक रूप से प्रबंधित करने और उसके अनावश्यक उपयोग से बचना संभव है.
जब बोरवेल में पानी नहीं होता है तो उस अवधि के दौरान बोरवेल के उपयोग से बचकर, बोरवेल की निष्क्रियता से बचा जा सकता है. उन्होंने कहा, 'बोरवेल का उपयोग सतत और तकनीकी रूप से किया जाना चाहिए. साथ ही बार-बार मोटर जलने और अन्य तकनीकी समस्याओं को भी नियंत्रित किया जाना चाहिए. इन उपायों से रखरखाव लागत को कम किया जा सकता है.'