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कर्नाटक: कलबुर्गी के तीन युवक रूस में फंसे, परिजनों ने सरकार से लगाई वापस लाने की गुहार

Karnataka News, Karnataka Boys Stuck in Russia, कर्नाटक के कलबुर्गी के तीन युवकों को नौकरी देने के बहाने रूस भेजा गया और वहां उन्हें कथित तौर पर वैगनर आर्मी में भर्ती करा दिया गया. इस खबर के बाद युककों के परिजनों में चिंता पैदा हो गई है. परिजनों ने राज्य सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे से इस मुद्दे पर बात की है.

Karnataka youth stranded in Russia
कर्नाटक के युवक रूस में फंसे
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 22, 2024, 9:21 PM IST

कलबुर्गी: कर्नाटक में कलबुर्गी के तीन युवा, जो रूस में सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करने गए थे, उन्हें वहां सेना में नियुक्त किया गया था, लेकिन अब वे मुसीबत में हैं. इस बात की जानकारी युवाओं के माता-पिता ने गुरुवार को दी. कलबुर्गी जिले के अलंद तालुक के नरोना गांव के सैयद इलियास हुसैनी, मोहम्मद समीर अहमद और सोफिया मोहम्मद नाम के तीन युवक रूस में फंस गए हैं.

वहां से युवाओं द्वारा भेजे गए वीडियो में उन्होंने कहा कि 'मुंबई के बाबा नाम के एक एजेंट ने हमें यहां भेजा और बाद में उन्होंने हमें सेना में शामिल कर लिया.' उनके रूसी सेना में शामिल होने की वजह से युवकों के परिजनों में चिंता पैदा हो गई है. यूक्रेन सीमा पर फंसे युवकों के परिजन इस समय बहुत परेशान हैं.

सैयद इलियास हुसैन के पिता, हेड कांस्टेबल नवाज कलागी ने प्रभारी मंत्री प्रियांक खड़गे से मुलाकात की और घटना के बारे में बताया और उनसे बच्चों की सुरक्षा का अनुरोध किया. सैयद इलियास हुसैन के पिता नवाज़ ने कहा कि 'आपने जो कहा वह अलग है, आपने जो किया वह अलग है. हमने एजेंट से बात की है कि हमारे बच्चे वहां नहीं रहने चाहिए, उन्हें हमारे पास भेज दीजिए.'

पिता ने कहा कि 'वह केवल यह कह रहे हैं कि वे आएंगे लेकिन आगे कोई कार्रवाई नहीं की है.' हुसैन के पिता ने कहा कि 'यहां के कुछ लड़के, जिनमें मेरा बेटा भी शामिल है, पहले दुबई में काम करते थे. वे दो साल बाद शहर लौटे. यहां आने के बाद, वे मुंबई स्थित एक एजेंट के संपर्क में आए जो यूट्यूब व्लॉग कर रहा था. उसने लड़कों से कहा कि ऐसी जगह सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी है.'

उन्होंने आगे कहा कि 'तदनुसार, मेरे बेटे सहित कई लोगों ने वीजा और पासपोर्ट तैयार किया और चेन्नई के रास्ते मास्को, रूस के लिए रवाना हुए थे.' उन्होंने यह भी कहा कि 'वे 5-6 दिन बाद वहां पहुंचे. हालांकि, 15 दिन बाद उन्होंने हमें फोन किया और बताया कि वे उन्हें यूक्रेन की सीमा पर ले जा रहे हैं. हमें इस पर संदेह हुआ. इसके बाद पता चला कि एजेंटों ने जो कहा, वही किया. उनके धोखे के कारण हमारे बच्चे अब यूक्रेन सीमा पर मुसीबत में हैं.'

एआईएमआईएम पार्टी के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि कलबुर्गी के तीन युवाओं की तरह, भारत के कई अन्य लोग रूस में फंस गए हैं और सभी को बचाया जाना चाहिए. कलबुर्गी के युवाओं को धोखा देकर रूस की वैगनर आर्मी में शामिल करने के लिए मजबूर करने की जानकारी के मुद्दे पर मंत्री प्रियांक खड़गे ने बेंगलुरु में जवाब दिया.

उन्होंने कहा कि 'यह मामला मेरे संज्ञान में आया है. निर्दोष लोगों को ले जाया गया है. ऐसा लगता है कि रूस वैगनर समूह में शामिल हो गया है. मैंने इस मामले पर कल रात एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से बात की और विदेश मंत्री से बात करने को कहा है.' उन्होंने यह भी कहा कि वह एक पत्र लिखेंगे कि केंद्र सरकार को उनकी सुरक्षा करनी चाहिए.

कलबुर्गी: कर्नाटक में कलबुर्गी के तीन युवा, जो रूस में सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करने गए थे, उन्हें वहां सेना में नियुक्त किया गया था, लेकिन अब वे मुसीबत में हैं. इस बात की जानकारी युवाओं के माता-पिता ने गुरुवार को दी. कलबुर्गी जिले के अलंद तालुक के नरोना गांव के सैयद इलियास हुसैनी, मोहम्मद समीर अहमद और सोफिया मोहम्मद नाम के तीन युवक रूस में फंस गए हैं.

वहां से युवाओं द्वारा भेजे गए वीडियो में उन्होंने कहा कि 'मुंबई के बाबा नाम के एक एजेंट ने हमें यहां भेजा और बाद में उन्होंने हमें सेना में शामिल कर लिया.' उनके रूसी सेना में शामिल होने की वजह से युवकों के परिजनों में चिंता पैदा हो गई है. यूक्रेन सीमा पर फंसे युवकों के परिजन इस समय बहुत परेशान हैं.

सैयद इलियास हुसैन के पिता, हेड कांस्टेबल नवाज कलागी ने प्रभारी मंत्री प्रियांक खड़गे से मुलाकात की और घटना के बारे में बताया और उनसे बच्चों की सुरक्षा का अनुरोध किया. सैयद इलियास हुसैन के पिता नवाज़ ने कहा कि 'आपने जो कहा वह अलग है, आपने जो किया वह अलग है. हमने एजेंट से बात की है कि हमारे बच्चे वहां नहीं रहने चाहिए, उन्हें हमारे पास भेज दीजिए.'

पिता ने कहा कि 'वह केवल यह कह रहे हैं कि वे आएंगे लेकिन आगे कोई कार्रवाई नहीं की है.' हुसैन के पिता ने कहा कि 'यहां के कुछ लड़के, जिनमें मेरा बेटा भी शामिल है, पहले दुबई में काम करते थे. वे दो साल बाद शहर लौटे. यहां आने के बाद, वे मुंबई स्थित एक एजेंट के संपर्क में आए जो यूट्यूब व्लॉग कर रहा था. उसने लड़कों से कहा कि ऐसी जगह सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी है.'

उन्होंने आगे कहा कि 'तदनुसार, मेरे बेटे सहित कई लोगों ने वीजा और पासपोर्ट तैयार किया और चेन्नई के रास्ते मास्को, रूस के लिए रवाना हुए थे.' उन्होंने यह भी कहा कि 'वे 5-6 दिन बाद वहां पहुंचे. हालांकि, 15 दिन बाद उन्होंने हमें फोन किया और बताया कि वे उन्हें यूक्रेन की सीमा पर ले जा रहे हैं. हमें इस पर संदेह हुआ. इसके बाद पता चला कि एजेंटों ने जो कहा, वही किया. उनके धोखे के कारण हमारे बच्चे अब यूक्रेन सीमा पर मुसीबत में हैं.'

एआईएमआईएम पार्टी के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि कलबुर्गी के तीन युवाओं की तरह, भारत के कई अन्य लोग रूस में फंस गए हैं और सभी को बचाया जाना चाहिए. कलबुर्गी के युवाओं को धोखा देकर रूस की वैगनर आर्मी में शामिल करने के लिए मजबूर करने की जानकारी के मुद्दे पर मंत्री प्रियांक खड़गे ने बेंगलुरु में जवाब दिया.

उन्होंने कहा कि 'यह मामला मेरे संज्ञान में आया है. निर्दोष लोगों को ले जाया गया है. ऐसा लगता है कि रूस वैगनर समूह में शामिल हो गया है. मैंने इस मामले पर कल रात एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से बात की और विदेश मंत्री से बात करने को कहा है.' उन्होंने यह भी कहा कि वह एक पत्र लिखेंगे कि केंद्र सरकार को उनकी सुरक्षा करनी चाहिए.

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