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भारी बारिश और नदियां उफान पर! शवों के दाह संस्कार में परेशानी, ग्रामिणों ने जताई नाराजगी - Gutthur village cremation ground - GUTTHUR VILLAGE CREMATION GROUND

Gutthur village cremation ground: कर्नाटक भारी बारिश का कहर जारी है. दावणगेरे की बात करें तो यहां लोगों के लिए उस वक्त समस्या खड़ी हो गई, जब उन्हें एक व्यक्ति के शव को दाह संस्कार करना पड़ा. लोगों ने बताया कि तुंगभद्रा नदी जब उफान पर होती है तो उनके लिए समस्या पैदा हो जाती है. सरकार की तरफ से उन्हें शमशान भूमि भी नहीं दिया गया है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 27, 2024, 7:01 PM IST

Updated : Jul 27, 2024, 7:19 PM IST

दावणगेरे: कर्नाटक में भारी बारिश की वजह से कई नदियां उफान पर है. राज्य की कई इलाके ऐसे हैं जहां बाढ़ से आम जनजीवन बिलकुल त्रस्त हो चुका है. भारी बारिश की वजह से कई डैम से अब तक पानी छोड़ा जा चुका है. दूसरी तरफ तुंगा रिजर्वायर से पानी को नदी में छोड़ दिया गया है. इस वजह से कई समस्याएं पैदा हो गईं. बात दावणगेरे जिले के हरिहर तालुक के गुट्टूर गांव में बारिश के समय आम जनता को कई समस्याओं से जूझना पड़ता है. ऐसे समय में तुंगभद्रा नदी उफान पर होती है. इस मौसम में अगर किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो दाहसंस्कार की समस्या पैदा हो जाती है.

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कर्नाटक में शव को ले जाते लोग (ETV Bharat)

तुंगभद्रा नदी उफान पर, शवों के दाह संस्कार में समस्या
यहां के लोग को शवों का दाहसंस्कार करने लिए यहां के तुंगभद्रा नदी के तट पर जाते हैं. वहीं, बारिश के मौसम में कब्रिस्तान भी पानी से भर जाता है. ऐसे में यहां रहने वाले सभी समुदाय के लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. गुट्टूर गांव में कुछ समुदायों के पास सरकार की तरफ से शमशान घाट उपलब्ध नहीं कराया गया. इस वजह से लोग नदी पार करके शव का दाह संस्कार करने जाते हैं.

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कर्नाटक में शव को ले जाते लोग (ETV Bharat)

उफनती नदी पार करके जाने में समस्या
खबर के मुताबिक, गुट्टूर गांव के मंजप्पा की गुरुवार को मौत हो गई. सभी रिश्तेदारों ने गांव आकर उनके अंतिम दर्शन किए. बाद में तुंगभद्रा नदी के उफान को देखते हुए यह सवाल खड़ा हो गया कि मृतक के शव का अंतिम संस्कार कहां किया जाए. ऐसे समय में दाह-संस्कार के लिए नदी पार करके लोगों को दूसरी ओर जाना पड़ता था. गांववाले और रिश्तेदार मंजप्पा के शव को तुंगभद्रा नदी में लेकर दूसरी तरफ चले गये और अंतिम संस्कार किया.

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कर्नाटक में शव को ले जाते लोग (ETV Bharat)

मृतक के एक रिश्तेदार नागराज ने बताया कि, 60-70 वर्षों से नदी के किनारे मृतक लोगों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. पहले, जब उनके ससुर की मृत्यु हो गई थी तो उस वक्त भी नदी उफान पर थी. इसलिए शव को नदी के उस पार ले जाकर अंतिम संस्कार किया गया. उन्होंने कहा कि, यहां एक शमशान घाट की आवश्यकता है. उन्होंने बताया कि, इसको लेकर संबंधित अधिकारियों से शिकायत की गई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.

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कर्नाटक में शव को ले जाते लोग (ETV Bharat)

सरकार ने शमशान घाट उपलब्ध नहीं करवाई
ग्रामीणों का कहना है कि, गुट्टूर गांव में कुछ समुदायों के पास सरकार की तरफ से शमशान घाट उपलब्ध नहीं कराया गया. ऐसे में वे कई वर्षों से नदी तट पर उसी दो एकड़ के भूखंड में दाह संस्कार करते आ रहे हैं, जो पहले गांव के एक बुजुर्ग व्यक्ति ने उन्हें दिया था. अगर तुंगभद्रा नदी उफान पर आ गई तो अंतिम संस्कार करना मुश्किल हो जाएगा. हालांकि अंतिम संस्कार के लिए जगह की व्यवस्था करने के लिए हरिहर तालुक प्रशासन से कई बार अनुरोध किया गया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. यहां तक​कि श्मशान घाट तक जाने वाली सड़क भी कीचड़ भरे मैदान जैसी है.

ये भी पढ़ें: कर्नाटक में बारिश का कहर! बेलगावी में 13 पुल डूबे, KRS बांध से कावेरी नदी का छोड़ा गया पानी

दावणगेरे: कर्नाटक में भारी बारिश की वजह से कई नदियां उफान पर है. राज्य की कई इलाके ऐसे हैं जहां बाढ़ से आम जनजीवन बिलकुल त्रस्त हो चुका है. भारी बारिश की वजह से कई डैम से अब तक पानी छोड़ा जा चुका है. दूसरी तरफ तुंगा रिजर्वायर से पानी को नदी में छोड़ दिया गया है. इस वजह से कई समस्याएं पैदा हो गईं. बात दावणगेरे जिले के हरिहर तालुक के गुट्टूर गांव में बारिश के समय आम जनता को कई समस्याओं से जूझना पड़ता है. ऐसे समय में तुंगभद्रा नदी उफान पर होती है. इस मौसम में अगर किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो दाहसंस्कार की समस्या पैदा हो जाती है.

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तुंगभद्रा नदी उफान पर, शवों के दाह संस्कार में समस्या
यहां के लोग को शवों का दाहसंस्कार करने लिए यहां के तुंगभद्रा नदी के तट पर जाते हैं. वहीं, बारिश के मौसम में कब्रिस्तान भी पानी से भर जाता है. ऐसे में यहां रहने वाले सभी समुदाय के लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. गुट्टूर गांव में कुछ समुदायों के पास सरकार की तरफ से शमशान घाट उपलब्ध नहीं कराया गया. इस वजह से लोग नदी पार करके शव का दाह संस्कार करने जाते हैं.

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उफनती नदी पार करके जाने में समस्या
खबर के मुताबिक, गुट्टूर गांव के मंजप्पा की गुरुवार को मौत हो गई. सभी रिश्तेदारों ने गांव आकर उनके अंतिम दर्शन किए. बाद में तुंगभद्रा नदी के उफान को देखते हुए यह सवाल खड़ा हो गया कि मृतक के शव का अंतिम संस्कार कहां किया जाए. ऐसे समय में दाह-संस्कार के लिए नदी पार करके लोगों को दूसरी ओर जाना पड़ता था. गांववाले और रिश्तेदार मंजप्पा के शव को तुंगभद्रा नदी में लेकर दूसरी तरफ चले गये और अंतिम संस्कार किया.

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मृतक के एक रिश्तेदार नागराज ने बताया कि, 60-70 वर्षों से नदी के किनारे मृतक लोगों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. पहले, जब उनके ससुर की मृत्यु हो गई थी तो उस वक्त भी नदी उफान पर थी. इसलिए शव को नदी के उस पार ले जाकर अंतिम संस्कार किया गया. उन्होंने कहा कि, यहां एक शमशान घाट की आवश्यकता है. उन्होंने बताया कि, इसको लेकर संबंधित अधिकारियों से शिकायत की गई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.

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सरकार ने शमशान घाट उपलब्ध नहीं करवाई
ग्रामीणों का कहना है कि, गुट्टूर गांव में कुछ समुदायों के पास सरकार की तरफ से शमशान घाट उपलब्ध नहीं कराया गया. ऐसे में वे कई वर्षों से नदी तट पर उसी दो एकड़ के भूखंड में दाह संस्कार करते आ रहे हैं, जो पहले गांव के एक बुजुर्ग व्यक्ति ने उन्हें दिया था. अगर तुंगभद्रा नदी उफान पर आ गई तो अंतिम संस्कार करना मुश्किल हो जाएगा. हालांकि अंतिम संस्कार के लिए जगह की व्यवस्था करने के लिए हरिहर तालुक प्रशासन से कई बार अनुरोध किया गया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. यहां तक​कि श्मशान घाट तक जाने वाली सड़क भी कीचड़ भरे मैदान जैसी है.

ये भी पढ़ें: कर्नाटक में बारिश का कहर! बेलगावी में 13 पुल डूबे, KRS बांध से कावेरी नदी का छोड़ा गया पानी

Last Updated : Jul 27, 2024, 7:19 PM IST
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