बेंगलुरु: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की बेटी वीणा के स्वामित्व वाली कंपनी के खिलाफ जांच को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी.
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने गंभीर धोखाधड़ी जांच अधिकारी (एसएफआईओ) को एक्सलॉजिक सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड की जांच शुरू करने का आदेश दिया था. जिसके बाद कंपनी ने मंत्रालय के आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी.
न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कंपनी के मामलों की जांच के लिए एसएफआईओ को मंत्रालय के निर्देश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी. इस संबंध में शुक्रवार को फैसला सुनाया गया.
हाईकोर्ट ने 12 फरवरी को मामले की सुनवाई पूरी कर ली थी लेकिन अपना फैसला आज के लिए सुरक्षित रख लिया था. अपनी पिछली सुनवाई के बाद अदालत ने मौखिक रूप से एसएफआईओ से कहा था कि फैसला सुनाए जाने तक कंपनी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न की जाए. इसने एक्सालॉजिक सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड को एसएफआईओ को वे दस्तावेज़ उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया था जो उसने मांगे थे.
एक आयकर रिपोर्ट से पता चला है कि कोचीन मिनरल्स एंड रूटाइल लिमिटेड (सीएमआरएल) ने सॉफ्टवेयर कंसल्टेंसी सेवाओं का लाभ उठाने के लिए 2017 से तीन वर्षों में एक्सलॉजिक सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड को 1.72 करोड़ रुपये का भुगतान किया था, लेकिन कोई सेवा प्रदान नहीं की गई थी.
एक्सालॉजिक सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड ने अदालत में तर्क दिया था कि चूंकि कंपनी अधिनियम की धारा 210 के तहत पहले से ही जांच चल रही है, इसलिए एसएफआईओ धारा 212 के तहत समानांतर जांच शुरू नहीं कर सकता है. हालांकि दूसरे पक्ष के वकील ने कहा कि दो जांच समानांतर तरीके से की जाएंगी. पिछले मामले का विवरण एसएफआईओ को सौंप दिया गया है. कहा गया कि 1.72 करोड़ रुपये 153 करोड़ रुपये का हिस्सा थे जो सीएमआरएल ने राजनीतिक पदाधिकारियों को भुगतान किया था.