बेंगलुरु: मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) घोटाले में सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देने के बाद राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है. राज्यपाल के इस फैसले की निंदा करते हुए कांग्रेस समेत विभिन्न संगठनों ने विरोध जताया है. इसके चलते राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने बुलेट प्रूफ कार का इस्तेमाल करने का फैसला किया है. साथ ही पुलिस ने उन्हें जेड कैटेगरी की सुरक्षा मुहैया कराई है.
बता दें कि मुख्यमंत्री के खिलाफ अभियोजन की अनुमति को लेकर पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. राजभवन के सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय खुफिया एजेंसी ने राज्यपाल को 29 अगस्त तक सार्वजनिक कार्यक्रमों में हिस्सा न लेने की सलाह दी है.
नृपतुंगा विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में नहीं हुए शामिल
इस बीच राज्यपाल थावर चंद गहलोत पैलेस रोड स्थित सेंट्रल कॉलेज के ज्ञानज्योति हॉल में आयोजित नृपतुंगा विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में भी शामिल नहीं हुए. राज्यपाल को आज दीक्षांत समारोह में शामिल होना था, लेकिन केंद्रीय खुफिया विभाग की ओर से सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूर रहने के निर्देश के बाद उन्होंने अंतिम समय में समारोह में शामिल न होने का फैसला किया.
राज्यपाल की गैर मौजूदगी में शिक्षा मंत्री डॉ सुधाकर के नेतृत्व में दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया. इससे पहले राज्यपाल थावर चंद गहलोत बुलेटप्रूफ कार न लेकर सामान्य कार का इस्तेमाल कर रहे थे.
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने किया हाई कोर्ट का रुख
उधर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अभियोजन की अनुमति रद्द करने के लिए हाई कोर्ट का रुख किया. कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्यपाल के फैसले को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ विशेष अदालत में कार्यवाही पर रोक लगा दी है.
हाईकोर्ट ने विशेष कोर्ट को निर्देश दिया है कि कथित मुडा घोटाले में मुख्यमंत्री के खिलाफ तब तक कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी, जब तक कि राज्यपाल के फैसले के खिलाफ उनकी याचिका पर सुनवाई पूरी न हो जाए.
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