बेंगलुरु: कर्नाटक कांग्रेस ने केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया. वहीं, कर्नाटक के भाजपा सांसदों ने बुधवार सुबह राज्य सरकार पर धन के कथित दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए संसद में विरोध प्रदर्शन किया. कर्नाटक बीजेपी की ओर से इसका करारा जवाब देने की योजना है. प्रदेश बीजेपी के नेता विधानसभा स्थित गांधी प्रतिमा के सामने कांग्रेस सरकार के खिलाफ धरना- प्रदर्शन करेंगे.
सिद्धारमैया और कई कांग्रेस नेताओं ने केंद्र के खिलाफ प्रदर्शन किया: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नेतृत्व में कांग्रेस की प्रदेश इकाई के कई नेताओं ने कर राजस्व के वितरण में राज्य के साथ हुए 'अन्याय' को लेकर बुधवार को केंद्र के खिलाफ यहां जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया. इस विरोध प्रदर्शन में उपमुख्यमंत्री और कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार, राज्य के कई सांसद, मंत्री और विधायक शामिल हुए.
कांग्रेस का आरोप है कि पिछले कुछ वर्षों में कर राजस्व में उसके प्रदेश के हिस्से की राशि के हस्तांतरण और सहायता अनुदान में कर्नाटक के साथ ‘‘अन्याय’’ किया गया है. विरोध प्रदर्शन में शामिल कांग्रेस नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार 15वें वित्त आयोग के तहत कर्नाटक को कथित तौर पर हुए 1.87 लाख करोड़ रुपये के नुकसान की भरपाई करे.
सिद्धरमैया ने कहा कि यह विरोध भाजपा के खिलाफ नहीं बल्कि कर्नाटक के साथ भेदभाव के खिलाफ है. उन्होंने भाजपा के इस आरोप को खारिज किया कि इस विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य उत्तर-दक्षिण विभाजन को बढ़ावा देना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि देश एकजुट रहे, लेकिन दक्षिणी राज्यों के साथ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए.
सिद्धरमैया ने कहा कि 14वें वित्त आयोग के तहत राज्यों, खासकर कर्नाटक को कर राजस्व बांटने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले फॉर्मूले को 15वें वित्त आयोग ने बदल दिया था. उन्होंने कहा कि राज्य के राजस्व के नुकसान को रोकने के लिए पुराने फॉर्मूले पर लौटने की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वे 14वें वित्त आयोग द्वारा इस्तेमाल किए गए फॉर्मूले को अपनाने के लिए वह नए वित्त आयोग को भी एक प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे. माकपा के दिग्गज नेता और केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ 8 फरवरी को दक्षिणी राज्य के प्रति केंद्र की कथित उदासीनता के खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करेंगे.
कर्नाटक में सीएम कार्यालय पर ताला लगाने जा रहे भाजपा नेताओं को हिरासत में लिया गया
राज्य भाजपा नेताओं ने विधानसभा में गांधी प्रतिमा के सामने राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया. नेताओं ने आरोप लगाया कि राज्य की कांग्रेस सरकार राज्य में सूखे की स्थिति से निपटने में पूरी तरह से विफल रही है. बीजेपी नेताओं ने पलटवार करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने राज्य के साथ अन्याय नहीं किया है, कांग्रेस नेताओं पर गलत आरोप लगाए जा रहे हैं. विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि हम सूखे का समाधान नहीं करने के सरकार के रवैये की निंदा करते हुए सीएम कार्यालय में ताला लगा देंगे. इसके बाद सीएम कार्यालय जा रहे नेताओं को पुलिस ने विधान सभा भवन के दक्षिणी गेट पर रोक दिया और हिरासत में ले लिया.
धरना को संबोधित करते हुए विपक्ष के नेता आर अशोक ने तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश कांग्रेस के नेता मौज-मस्ती करने दिल्ली गए हैं. विधान सभा खाली है, मंत्रियों के बिना अधिकारियों का कोई काम नहीं है, राज्य में सूखा है, पीने के पानी की समस्या है. सांसद डीके सुरेश के अलग राष्ट्र वाले बयान के समर्थन में सभी लोग दिल्ली गए होंगे. मोदी सरकार ने मनमोहन सिंह सरकार से चार गुना ज्यादा अनुदान दिया है, ये आंकड़ा भी पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई ने जारी किया था. जब हमारी भाजपा सरकार थी तब भी सूखा और बाढ़ आती थी. उन्होंने कहा, हमने केंद्रीय रिहाई का इंतजार किए बिना रिहा किया और मुआवजा दिया.
पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा कि राज्य के इतिहास में कोई दूसरी सरकार नहीं है जिसने इतना बड़ा ड्रामा किया हो. दूसरी बार सीएम बनने के बाद सिद्धारमैया अपने आदर्श खो चुके हैं. वे स्वार्थ के लिए और अपनी कुर्सी बचाने के लिए लड़ रहे हैं. किसानों को सूखा राहत नहीं दी गई, वे दिल्ली में धरना दे रहे हैं, उनकी कौन सी नैतिकता है. बोम्मई ने कहा, सिद्धारमैया ने कर्नाटक पर शासन करने की नैतिकता खो दी है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई.विजयेंद्र, परिषद के विपक्षी नेता कोटा श्रीनिवास पुजारी, विधान परिषद के मुख्य सचेतक एन. रविकुमार, भाजपा विधायकों, एमएलसी अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया.