बेंगलुरु: कर्नाटक में कथित पाकिस्तान समर्थित नारे के बीच, भारतीय जनता पार्टी ने रविवार को एक निजी फोरेंसिक लैब रिपोर्ट विश्लेषण का हवाला दिया, जिसमें दावा किया गया कि इसकी अत्यधिक संभावना है कि विधानसभा के बाहर 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाए गए थे. बीजेपी राज्यसभा चुनाव में पार्टी नेता नसीर हुसैन की जीत का जश्न मनाते हुए विधानसभा के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा कथित 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाने का विरोध कर रही है.
एक्स पर एक पोस्ट में बीजेपी कर्नाटक ने कहा कि वैज्ञानिक रिपोर्ट से पता चला है कि कांग्रेस सच्चाई के बारे में झूठ फैलाकर झूठी खबरें रचने वाली है. विधानसभा में 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाने वाले शख्स का नाम अब FSL रिपोर्ट में सामने आया है. भाजपा ने कहा, 'कर्नाटक कांग्रेस और फर्जी समाचार फैक्ट्री के प्रमुख प्रियंका खड़गे को अब अपने देशद्रोही कृत्य को स्वीकार करना चाहिए. उन्हें विधानसभा के सामने झुकना चाहिए और लोगों से माफी मांगनी चाहिए'.
बीजेपी ने क्लू4 एविडेंस फॉरेंसिक इन्वेस्टिगेशन प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक निजी प्रयोगशाला की रिपोर्ट का हवाला दिया है. वेबसाइट के अनुसार, संगठन खुद को एक समर्पित कॉर्पोरेट इकाई के रूप में वर्णित करता है जिसे परीक्षण और जांच के क्षेत्र में सक्षम फोरेंसिक प्रयोगशाला के रूप में मान्यता दी गई है. वर्ष 2009 में शामिल किया गया. भाजपा द्वारा उद्धृत रिपोर्ट में कहा गया है, 'इस मामले में सीमित सीमा तक सवाल यह है कि क्या यह 'नासिर साब जिंदाबाद' था? या 'पाकिस्तान जिंदाबाद', उपरोक्त विश्लेषण से संकेत मिलता है कि इसके 'पाकिस्तान जिंदाबाद' होने की अत्यधिक संभावना है'.
इससे पहले मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि आवाज के सैंपल एफएसएल को भेज दिए गए हैं और दोषियों को सजा दी जाएगी. उन्होंने कहा कि वॉयस रिपोर्ट एफएसएल को भेज दी है. अगर यह सच है कि किसी ने 'पाकिस्तान जिंदाबाद' का नारा लगाया है, तो उस व्यक्ति को गंभीर सजा दी जाएगी'. राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने भी रविवार को इस सुझाव को खारिज करते हुए कहा कि राज्य सरकार रिपोर्ट में देरी कर रही है. हम रिपोर्ट छिपा नहीं रहे हैं. जैसे ही हमें एफएसएल रिपोर्ट मिलेगी हम उस व्यक्ति को पकड़ लेंगे अगर उसने नारे लगाए हैं. चाहे वह कोई भी हो, हम उसे नहीं छोड़ेंगे.
इस मामले ने राज्य में राजनीतिक तूफान ला दिया है, जिसके कारण बेंगलुरु में विधानसभा के बाहर बीजेपी कैडर द्वारा एफआईआर और विरोध प्रदर्शन किया गया. हालांकि, कांग्रेस ने इन दावों को खारिज कर दिया और कहा कि उसके कार्यकर्ता केवल हुसैन के लिए नारे लगा रहे थे, न कि बीजेपी जो दावा कर रही थी.
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