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गुजरात में कच्छ के नारायण झील में जंगल सफारी पार्क को मिली मंजूरी - Jungle Safari Park in Kutch

गुजरात में कच्छ के नारायण सरोवर इलाके में सफारी पार्क बनाने की अनुमति मिलने के बाद यह तय हो गया है कि सफारी पार्क से समुद्र के नज़ारे के साथ-साथ पर्यटकों को भी फायदा होगा. यह सफारी पार्क 250 हेक्टेयर में बनाया जाएगा. वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि नारायण सरोवर वन विभाग से केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के समक्ष 140 करोड़ रुपये की दरखास्त के सामने 30 करोड़ की मंजूरी मिल गयी है.

Jungle Safari Park at Narayan Lake
नारायण झील में जंगल सफारी पार्क (फोटो - ETV Bharat Gujarat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 2, 2024, 4:32 PM IST

कच्छ: गुजरात में सीमावर्ती कच्छ जिले की पश्चिमी सीमा पर स्थित प्रसिद्ध तीर्थ स्थल नारायण सरोवर अब पर्यटकों के लिए तीर्थ स्थल नहीं रहेगा, बल्कि आने वाले समय में पर्यटक यहां जंगल सफारी का आनंद भी ले सकेंगे और कच्छ की धरती पर शेरों के भी दीदार होंगे. वर्तमान में कच्छ जिले में कुल 4 अभयारण्य और छरिधंधा संरक्षित क्षेत्र हैं. 444.23 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले नारायण सरोवर अभयारण्य में चिंकारा, मृग और चितार की ज्यादा आबादी है.

नारायण सरोवर सफारी पार्क में लाये जायेंगे शेर: कच्छ के नारायण सरोवर में शुरू होने वाली जंगल सफारी के बारे में अधिक जानकारी देते हुए पश्चिम कच्छ के उप वन संरक्षक युवराज सिंह झाला ने कहा कि गिर के जंगल की तरह आने वाले वर्षों में कच्छ के पवित्र स्थान नारायण सरोवर में पर्यटक जंगल सफारी का आनंद ले सकेंगे. नारायण झाले के आसपास का क्षेत्र कच्छ वन मंडल के अंतर्गत पश्चिम कच्छ वन की सीमा में है. यह एक ऐसा क्षेत्र है, जिसे पर्यटन के क्षेत्र में विकसित किया जा सकता है.

इसके अलावा, वन विभाग द्वारा नारायण झील के आसपास पर्यटकों और वन्य जीवन के लिए पर्यटन विकसित करने के लिए एक सफारी पार्क की योजना बनाई जा रही है. जिसमें पहले चरण में चिंकारा के अलावा मृग और चीता जैसे जानवरों को एक बाड़ क्षेत्र में रखकर केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के मानदंडों के अनुसार सफारी पार्क को डिजाइन किया जा रहा है और उसके आधार पर सफारी पार्क बनाने का काम प्रगति पर है.

देश-विदेश के पर्यटक ले सकेंगे जंगल सफारी का आनंद: नारायण सरोवर सफारी पार्क के साथ-साथ संरक्षण प्रजनन की भी व्यवस्था की जा रही है. उल्लेखनीय है कि नारायण सरोवर अभयारण्य में 184 प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं, जिनमें से 19 प्रजातियां शिकारी पक्षियों की हैं. जिस तरह पर्यटक गिर सफारी पार्क में शेर और चीता जैसे जानवरों को देखने जाते हैं, उसी तरह निकट भविष्य में देश-विदेश के पर्यटक जंगल सफारी का आनंद भी ले सकेंगे.

केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने दी मंजूरी: लखपत तालुका के नारायण सरोवर क्षेत्र में चिंकारा अभयारण्य भी स्थित है. जंगल में करीब 500 चिंकारा रह रहे हैं. केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा अब चिंकारा अभयारण्य के साथ मांसाहारी जानवरों के लिए एक सफारी पार्क का निर्णय लिया गया है. सफारी पार्क की मंजूरी के लिए नारायण सरोवर वन विभाग द्वारा केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को एक अभ्यावेदन दिया गया था, जिसे मंजूरी दे दी गई है.

250 हेक्टेयर में बनेगा सफारी पार्क: नारायण सरोवर सफारी पार्क के साथ-साथ कोरीक्रीक क्षेत्र में चेरिया के विकास और प्रजनन के लिए भी काम किया जाएगा. यहां 250 से 280 हेक्टेयर क्षेत्र में शेर, तेंदुआ जैसे मांसाहारी जानवर पाए जा सकते हैं. इसके अलावा निकट भविष्य में सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद इस सफारी पार्क में मांसाहारी, सरीसृप, विभिन्न प्रजाति के पक्षियों को भी देखा जा सकेगा.

प्रारंभिक चरण में 30 करोड़ रुपये स्वीकृत: आपको बता दें कि इस सफारी पार्क परियोजना के लिए कुल 140 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया गया था. जिसके विरूद्ध वर्तमान में प्राथमिक स्तर पर 30 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं. एक अधिकारी ने कहा कि इसके अलावा यहां ब्रीडिंग सेंटर बनाया जाएगा. जिससे जानवरों की संख्या बढ़ेगी, ताकि शेर जैसे जानवर सफारी पार्क में स्वतंत्र रूप से घूम सकें.

गिर सफारी पार्क जैसी सुविधाएं: नारायण सरोवर सफारी पार्क 250 हेक्टेयर में फैला होगा और इसकी बाड़ लगाई जाएगी. यह क्षेत्र एक पर्यटन क्षेत्र है, जिसमें पर्यटक कच्छ में आशापुरा माता की समाधि, नारायण सरोवर, कोटेश्वर महादेव मंदिर, कच्छ देवी में सफारी पार्क, समुद्री सीमादर्शन आदि के दर्शन कर सकते हैं. इसके अलावा, गिर सफारी पार्क की तरह नारायण सरोवर सफारी पार्क के लिए वन विभाग के साथ विभिन्न व्यवस्थाएं की जाएंगी और पर्यटकों के लिए कार द्वारा सफारी पार्क का दौरा करने की सुविधाएं बनाई जाएगी. इसके साथ ही वन विभाग का स्टाफ भी बढ़ाया जाएगा.

कच्छ: गुजरात में सीमावर्ती कच्छ जिले की पश्चिमी सीमा पर स्थित प्रसिद्ध तीर्थ स्थल नारायण सरोवर अब पर्यटकों के लिए तीर्थ स्थल नहीं रहेगा, बल्कि आने वाले समय में पर्यटक यहां जंगल सफारी का आनंद भी ले सकेंगे और कच्छ की धरती पर शेरों के भी दीदार होंगे. वर्तमान में कच्छ जिले में कुल 4 अभयारण्य और छरिधंधा संरक्षित क्षेत्र हैं. 444.23 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले नारायण सरोवर अभयारण्य में चिंकारा, मृग और चितार की ज्यादा आबादी है.

नारायण सरोवर सफारी पार्क में लाये जायेंगे शेर: कच्छ के नारायण सरोवर में शुरू होने वाली जंगल सफारी के बारे में अधिक जानकारी देते हुए पश्चिम कच्छ के उप वन संरक्षक युवराज सिंह झाला ने कहा कि गिर के जंगल की तरह आने वाले वर्षों में कच्छ के पवित्र स्थान नारायण सरोवर में पर्यटक जंगल सफारी का आनंद ले सकेंगे. नारायण झाले के आसपास का क्षेत्र कच्छ वन मंडल के अंतर्गत पश्चिम कच्छ वन की सीमा में है. यह एक ऐसा क्षेत्र है, जिसे पर्यटन के क्षेत्र में विकसित किया जा सकता है.

इसके अलावा, वन विभाग द्वारा नारायण झील के आसपास पर्यटकों और वन्य जीवन के लिए पर्यटन विकसित करने के लिए एक सफारी पार्क की योजना बनाई जा रही है. जिसमें पहले चरण में चिंकारा के अलावा मृग और चीता जैसे जानवरों को एक बाड़ क्षेत्र में रखकर केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के मानदंडों के अनुसार सफारी पार्क को डिजाइन किया जा रहा है और उसके आधार पर सफारी पार्क बनाने का काम प्रगति पर है.

देश-विदेश के पर्यटक ले सकेंगे जंगल सफारी का आनंद: नारायण सरोवर सफारी पार्क के साथ-साथ संरक्षण प्रजनन की भी व्यवस्था की जा रही है. उल्लेखनीय है कि नारायण सरोवर अभयारण्य में 184 प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं, जिनमें से 19 प्रजातियां शिकारी पक्षियों की हैं. जिस तरह पर्यटक गिर सफारी पार्क में शेर और चीता जैसे जानवरों को देखने जाते हैं, उसी तरह निकट भविष्य में देश-विदेश के पर्यटक जंगल सफारी का आनंद भी ले सकेंगे.

केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने दी मंजूरी: लखपत तालुका के नारायण सरोवर क्षेत्र में चिंकारा अभयारण्य भी स्थित है. जंगल में करीब 500 चिंकारा रह रहे हैं. केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा अब चिंकारा अभयारण्य के साथ मांसाहारी जानवरों के लिए एक सफारी पार्क का निर्णय लिया गया है. सफारी पार्क की मंजूरी के लिए नारायण सरोवर वन विभाग द्वारा केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को एक अभ्यावेदन दिया गया था, जिसे मंजूरी दे दी गई है.

250 हेक्टेयर में बनेगा सफारी पार्क: नारायण सरोवर सफारी पार्क के साथ-साथ कोरीक्रीक क्षेत्र में चेरिया के विकास और प्रजनन के लिए भी काम किया जाएगा. यहां 250 से 280 हेक्टेयर क्षेत्र में शेर, तेंदुआ जैसे मांसाहारी जानवर पाए जा सकते हैं. इसके अलावा निकट भविष्य में सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद इस सफारी पार्क में मांसाहारी, सरीसृप, विभिन्न प्रजाति के पक्षियों को भी देखा जा सकेगा.

प्रारंभिक चरण में 30 करोड़ रुपये स्वीकृत: आपको बता दें कि इस सफारी पार्क परियोजना के लिए कुल 140 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया गया था. जिसके विरूद्ध वर्तमान में प्राथमिक स्तर पर 30 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं. एक अधिकारी ने कहा कि इसके अलावा यहां ब्रीडिंग सेंटर बनाया जाएगा. जिससे जानवरों की संख्या बढ़ेगी, ताकि शेर जैसे जानवर सफारी पार्क में स्वतंत्र रूप से घूम सकें.

गिर सफारी पार्क जैसी सुविधाएं: नारायण सरोवर सफारी पार्क 250 हेक्टेयर में फैला होगा और इसकी बाड़ लगाई जाएगी. यह क्षेत्र एक पर्यटन क्षेत्र है, जिसमें पर्यटक कच्छ में आशापुरा माता की समाधि, नारायण सरोवर, कोटेश्वर महादेव मंदिर, कच्छ देवी में सफारी पार्क, समुद्री सीमादर्शन आदि के दर्शन कर सकते हैं. इसके अलावा, गिर सफारी पार्क की तरह नारायण सरोवर सफारी पार्क के लिए वन विभाग के साथ विभिन्न व्यवस्थाएं की जाएंगी और पर्यटकों के लिए कार द्वारा सफारी पार्क का दौरा करने की सुविधाएं बनाई जाएगी. इसके साथ ही वन विभाग का स्टाफ भी बढ़ाया जाएगा.

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