श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के नवनिर्वाचित विधायक बहुत जल्द एसयूवी गाड़ियों में सफर करेंगे. केंद्र शासित प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की सरकार ने विधायकों के लिए 90 एसयूवी का ऑर्डर दिया है. एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि महिंद्रा कंपनी की 90 स्कॉर्पियो खरीने के लिए सरकारी खजाने पर लगभग 14.85 करोड़ रुपये का खर्च आएगा.
श्रीनगर स्थित विधानसभा में प्रोटेम स्पीकर द्वारा 89 विधायकों को शपथ दिलाए जाने के एक दिन बाद यह ऑर्डर सामने आया है. सीएम उमर अब्दुल्ला ने दो सीटों- बडगाम और गांदरबल से जीत हासिल की थी, लेकिन उन्होंने गांदरबल सीट को बरकरार रखा और बडगाम से इस्तीफा दे दिया, जहां अब उपचुनाव होंगे.
राज्य मोटर गैरेज विभाग (एसएमजी) के निदेशक, जो अब मंत्रियों और अधिकारियों को वाहन उपलब्ध कराने के लिए जिम्मेदार हैं, को वाहनों की खरीद की देखरेख करने के लिए नियुक्त किया गया है. वाहनों को सभी आवश्यक ई-टेंडरिंग और प्रक्रिया संबंधी औपचारिकताओं सहित सामान्य वित्तीय नियम (GFR) 2017 का पालन करते हुए गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GEM) पोर्टल के माध्यम से खरीदा जाएगा.
आदेश के अनुसार, विभाग 31 मार्च, 2025 तक जमा किए जाने वाले खरीद, उपयोग प्रमाण पत्र और लाल खातों पर सभी वित्तीय लेनदेन को सुरक्षित और गारंटी देने के लिए जिम्मेदार है. आदेश में कहा गया है कि इस फंड का इस्तेमाल केवल वाहन खरीद के लिए किया जाना चाहिए और इसे अन्य उद्देश्यों के लिए डायवर्ट या फिर से आवंटित नहीं किया जा सकता है.
हालांकि, आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि ड्राइवरों के नए पद सृजित नहीं किए जाएंगे, जब तक कि अधिकारी यह न कहें कि उनके पास आवश्यक कर्मचारी हैं. इसके अलावा, विभाग को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि धन का बेकार में कोई लेन-देन न हो.
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस (42) और कांग्रेस (6) गठबंधन ने 48 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया. इसके बाद उमर अब्दुल्ला ने सत्ता संभाली. भाजपा को 29 सीटें मिली हैं. पीडीपी को तीन, सीपीआईएम और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस को एक-एक सीट और सात निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत मिली.
बुलेटप्रूफ नहीं होंगे स्कॉर्पियो वाहन
जम्मू-कश्मीर मोटर गैरेज के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि स्कॉर्पियो वाहन पहले की तरह बुलेटप्रूफ समेत हाई रेंज फीचर्स से लैस नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि वे साधारण वाहन होंगे क्योंकि पिछले वाहन पुराने हो चुके हैं.
अधिकारी ने कहा कि पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस विधायकों को बुलेट प्रूफ वाहन उपलब्ध कराती थी, लेकिन अब जम्मू-कश्मीर मोटर गैरेज विभाग को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है. केंद्र शासित प्रदेश में नए नियमों के तहत जम्मू-कश्मीर पुलिस गृह मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में आती है.
जम्मू-कश्मीर परिवहन विभाग ने जेएंडके स्टेट कार पॉलिसी नाम से नियम तैयार किए हैं, जिसमें 15 लाख रुपये तक की सेडान या एसयूवी रखने वाले मंत्रियों समेत विभिन्न श्रेणियों को अधिकार दिया गया है.
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