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जम्मू कश्मीर: PSA के तहत वकील मियां मुजफ्फर गिरफ्तार, जानें पुलिस ने क्यों की कार्रवाई - Jammu Kashmir

Kashmir lawyer arrested under PSA: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हाई कोर्ट के एक वरिष्ठ वकील मियां मुजफ्फर को गिरफ्तार कर लिया है. मुजफ्फर पूर्व बार अध्यक्ष मियां कयूम के भतीजे हैं.

Kashmir lawyer arrested under PSA
जम्मू कश्मीर में PSA के तहत वकील गिरफ्तार (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 14, 2024, 10:54 PM IST

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हाई कोर्ट के एक वरिष्ठ वकील को सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया है. यह गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है, जब हाई कोर्ट बार एसोसिएशन अपने आंतरिक चुनावों की तैयारी कर रहा था.

चुनाव की तैयारियों के बीच पुलिस ने रविवार को अधिवक्ता मियां मुजफ्फर श्रीनगर में उनके घर से गिरफ्तार किया और बाद में सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया. मुजफ्फर पूर्व बार अध्यक्ष मियां कयूम के भतीजे हैं.

कठुआ जेल में स्थानांतरित
परिवार के सदस्यों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्हें जम्मू क्षेत्र की कठुआ जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है. मियां मुजफ्फर उच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकील हैं और जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के सदस्य थे. बार के पूर्व अध्यक्ष मियां कयूम को दो सप्ताह पहले अधिवक्ता बाबरी कादरी की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था.

जन सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार
पुलिस ने वरिष्ठ अधिवक्ता नजीर अहमद रोंगा को भी जन सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया और कठुआ में जेल में बंद कर दिया. इस बात की जानकारी उनके बेटे उमैर रोंगा ने दी. रोंगा बार एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष थे और उन्हें बार द्वारा अपने आंतरिक चुनावों के लिए अधिसूचना जारी करने के कुछ घंटों बाद गिरफ्तार किया गया था.

गिरफ्तारी के बाद अब अधिसूचना निलंबित कर दी गई, जबकि पुलिस ने कादरी की हत्या के मामले में कयूम को गिरफ्तार किया है, उसने मुजफ्फर और रोंगा की गिरफ्तारी के बारे में कोई बयान जारी नहीं किया.

चुनाव कराने की अनुमति नहीं
बार एसोसिएशन के सदस्यों की ताजा गिरफ़्तारी वकीलों के संगठन द्वारा अपने आंतरिक चुनावों पर विचार करने के संदर्भ में हुई है. बता दें कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से एलजी प्रशासन ने बार को अपने चुनाव कराने की अनुमति नहीं दी है..

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बार से कश्मीर विवाद मामले पर अपना रुख साफ करने को कहा था, जिसका उल्लेख बार ने अपने संविधान में किया था. पिछले सप्ताह बार ने श्रीनगर के जिला मजिस्ट्रेट को स्पष्ट किया कि उसने अपने संविधान से कश्मीर विवाद शब्द हटा दिया है और वकीलों के कल्याण के लिए काम करेगा. जब बार अपने चुनाव कराने की योजना बना रहा था, तब जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कश्मीर एडवोकेट्स एसोसिएशन को पंजीकरण की अनुमति दे दी, जिसने बार के चुनावों पर आपत्ति जताई थी.

यह भी पढ़ें- अब्दुल कयूम की गिरफ्तारी के बाद जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव स्थगित

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हाई कोर्ट के एक वरिष्ठ वकील को सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया है. यह गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है, जब हाई कोर्ट बार एसोसिएशन अपने आंतरिक चुनावों की तैयारी कर रहा था.

चुनाव की तैयारियों के बीच पुलिस ने रविवार को अधिवक्ता मियां मुजफ्फर श्रीनगर में उनके घर से गिरफ्तार किया और बाद में सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया. मुजफ्फर पूर्व बार अध्यक्ष मियां कयूम के भतीजे हैं.

कठुआ जेल में स्थानांतरित
परिवार के सदस्यों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्हें जम्मू क्षेत्र की कठुआ जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है. मियां मुजफ्फर उच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकील हैं और जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के सदस्य थे. बार के पूर्व अध्यक्ष मियां कयूम को दो सप्ताह पहले अधिवक्ता बाबरी कादरी की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था.

जन सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार
पुलिस ने वरिष्ठ अधिवक्ता नजीर अहमद रोंगा को भी जन सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया और कठुआ में जेल में बंद कर दिया. इस बात की जानकारी उनके बेटे उमैर रोंगा ने दी. रोंगा बार एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष थे और उन्हें बार द्वारा अपने आंतरिक चुनावों के लिए अधिसूचना जारी करने के कुछ घंटों बाद गिरफ्तार किया गया था.

गिरफ्तारी के बाद अब अधिसूचना निलंबित कर दी गई, जबकि पुलिस ने कादरी की हत्या के मामले में कयूम को गिरफ्तार किया है, उसने मुजफ्फर और रोंगा की गिरफ्तारी के बारे में कोई बयान जारी नहीं किया.

चुनाव कराने की अनुमति नहीं
बार एसोसिएशन के सदस्यों की ताजा गिरफ़्तारी वकीलों के संगठन द्वारा अपने आंतरिक चुनावों पर विचार करने के संदर्भ में हुई है. बता दें कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से एलजी प्रशासन ने बार को अपने चुनाव कराने की अनुमति नहीं दी है..

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बार से कश्मीर विवाद मामले पर अपना रुख साफ करने को कहा था, जिसका उल्लेख बार ने अपने संविधान में किया था. पिछले सप्ताह बार ने श्रीनगर के जिला मजिस्ट्रेट को स्पष्ट किया कि उसने अपने संविधान से कश्मीर विवाद शब्द हटा दिया है और वकीलों के कल्याण के लिए काम करेगा. जब बार अपने चुनाव कराने की योजना बना रहा था, तब जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कश्मीर एडवोकेट्स एसोसिएशन को पंजीकरण की अनुमति दे दी, जिसने बार के चुनावों पर आपत्ति जताई थी.

यह भी पढ़ें- अब्दुल कयूम की गिरफ्तारी के बाद जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव स्थगित

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