श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने शनिवार को अपना घोषणापत्र जारी किया. श्रीनगर में पार्टी मुख्यालय में घोषणापत्र जारी करते हुए पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उनकी पार्टी बिना शर्त नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन का समर्थन करेगी अगर वे पीडीपी के एजेंडे को अपनाते हैं. साथ ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर के व्यापक मुद्दों का समाधान करने के लिए पार्टी की प्रतिबद्धता दोहराई.
#WATCH | J&K: PDP chief Mehbooba Mufti says, " for me, this election (upcoming assembly elections in j&k) is not for statehood or seat sharing...we have a bigger goal...we are fighting for dignity, for the resolution..." pic.twitter.com/chNfmBdXmJ
— ANI (@ANI) August 24, 2024
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा ने कहा, "हम आज अपना घोषणापत्र जारी कर रहे हैं. हमने हमेशा समाधान और सुलह के लिए काम किया है. अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में स्थिति और खराब हो गई है. कश्मीर का मुद्दा सीट बंटवारे से कहीं बड़ा है और यह अभी भी अनसुलझा है."
महबूबा ने कश्मीर मुद्दे को केवल सीट बंटवारे और चुनावों तक सीमित करने के लिए वर्तमान राजनीतिक चर्चा की आलोचना की. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पीडीपी का घोषणापत्र चुनावी लाभ से ऊपर उठकर व्यापक मेल-मिलाप और नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार व्यापार बहाल करने पर केंद्रित है.
#WATCH | J&K: PDP chief Mehbooba Mufti says, " we want to say that we will give free electricity up to 200 units, we want to abolish tax on water, there should be no meters for water. for the poor who have 1 to 6 people in their house, we want to implement the mufti mohammad… pic.twitter.com/OzWB7R8hpU
— ANI (@ANI) August 24, 2024
पीडीपी के घोषणापत्र में कई वादे शामिल हैं, जैसे सभी नागरिकों को 200 यूनिट मुफ्त बिजली उपलब्ध कराना, महिलाओं के लिए स्टांप ड्यूटी में छूट देना और स्थानीय किसानों की सुरक्षा के लिए सेब पर 100 प्रतिशत आयात शुल्क लगाना. महबूबा ने कहा कि संवाद, सड़कें खोलना और व्यापार पीडीपी ने शुरू किया था. जम्मू-कश्मीर का मुद्दा सिर्फ सीट बंटवारे, अनुच्छेद 370 या चुनावों के बारे में नहीं है, बल्कि इससे भी अधिक है.
उन्होंने कहा, "घोषणापत्र में हमारा पहला बिंदु मेल-मिलाप और समाधान के साथ-साथ एलओसी के पार व्यापार बहाल करना है. हम नागरिकों और पत्रकारों के खिलाफ सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) जैसे कानूनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं."
#WATCH | J&K: PDP chief Mehbooba Mufti says, " alliance and seat sharing are faraway things. if the national conference and congress are ready to adopt our agenda, we will say they should contest on all seats, we will follow them because for me solving the problem of kashmir is… pic.twitter.com/nllk8ld225
— ANI (@ANI) August 24, 2024
साझा एजेंडे के आधार पर गठबंधन की वकालत
पीडीपी प्रमुख ने भारतीय संविधान के तहत कश्मीर मुद्दे को हल करने के लिए साझा एजेंडे के आधार पर गठबंधन की जोरदार वकालत की. उन्होंने कहा, "चुनाव और सीटों का बंटवारा हमारा लक्ष्य नहीं है. जम्मू-कश्मीर में कई मुद्दे हैं और हम अपने सम्मान के लिए लड़ रहे हैं. अगर कांग्रेस और एनसी कश्मीर मुद्दे को हल करने के लिए हमारा रुख अपनाने के लिए तैयार हैं, तो हम उन्हें सभी सीटें दे देंगे. उनका गठबंधन कश्मीर मुद्दे को हल करने पर होना चाहिए, न कि केवल सीटों के बंटवारे पर."
भाजपा के साथ गठबंधन से इनकार
महबूबा ने भाजपा के साथ चुनाव के बाद किसी भी गठबंधन से इनकार किया. इससे पहले भाजपा के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनने के संबंध में उन्होंने कहा, "हमने जम्मू-कश्मीर की पहचान की रक्षा के लिए भाजपा के साथ गठबंधन किया था, लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए एजेंडे के आधार पर भाजपा के साथ गठबंधन अब संभव नहीं है."
विकलांगों को मुफ्त स्कूटर देना का वादा
पीडीपी के घोषणापत्र में जम्मू-कश्मीर में सामाजिक-आर्थिक मुद्दों का समाधान करने के उद्देश्य से कई पहलों की रूपरेखा दी गई है. इनमें जेलों में बंद कश्मीरियों के लिए मुफ्त कानूनी सहायता, ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए विशेष योजना, पासपोर्ट प्रक्रिया को आसान बनाना और दरबार मूव को बहाल करना शामिल है. घोषणापत्र में पंजाबी को आधिकारिक भाषा बनाने, मुहर्रम के लिए समर्पित बजट की पेशकश और विकलांग व्यक्तियों के लिए मुफ्त स्कूटर देना का भी वादा किया गया है.
महबूबा ने दोहराया कि सत्ता हासिल करना पीडीपी का अंतिम लक्ष्य नहीं है. उन्होंने कहा, "सत्ता हमारा लक्ष्य नहीं है, लेकिन कश्मीर के मुद्दों को सुलझाना हमारा लक्ष्य है. हम लोगों के सम्मान के लिए लड़ने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि कश्मीर मुद्दे को न्यायपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से हल किया जाए.
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