जयपुर. 'एक खिलाड़ी कभी ओलंपिक के मैदान में नहीं बल्कि गली मोहल्ले में खेलकर ही तैयार होता है'. ये कहना है प्रदेश के खेल मंत्री और पूर्व ओलंपियन राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का. रविवार को जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में बुल्स आई सेशन में खेल और खिलाड़ियों पर चर्चा करते हुए उन्होंने ये बात कही. साथ ही खेल जगत में पिछले 10 साल की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि 2013 से पहले स्पोर्ट्स अथॉरिटी इंडिया इतना पावरफुल नहीं था, लेकिन अब उसके अंदर बहुत सी अकेडमी खुल गई है, जिसकी वजह से युवा खिलाड़ियों की नई फौज तैयार हो रही है. यही नहीं युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए 50 हजार का पॉकेट अलाउंस भी दिया जा रहा है.
राष्ट्र निर्माण में बड़ी भूमिका निभाता है खेल : राजस्थान सरकार में खेल मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ रविवार को साहित्य के महाकुंभ जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में पहुंचे. इस दौरान उन्होंने भारत में खेलों के भविष्य और राष्ट्र निर्माण में भूमिका पर चर्चा करते हुए कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत में 2036 में ओलंपिक गेम्स आयोजित करने के लिए कृतसंकल्पित (determined) है. ये सदियों पुराना सपना 140 करोड़ भारतीयों ने देखा है, ये सपना निश्चित रूप से साकार होगा. राठौड़ ने कहा कि खेलों से इच्छाशक्ति तो मजबूत होती ही है, बल्कि एकाग्रता भी बढ़ती है. खेल कोई भी हो उससे व्यक्तित्व का विकास तो होता ही है, साथ ही राष्ट्र निर्माण में बड़ी भूमिका निभाई जा सकती है.
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ओलंपिक में महिला खिलाड़ियों की भागीदारी बढ़ी : उन्होंने कहा कि आज सैकड़ों एथलीट उच्च योजनाओं के तहत देश-विदेश में ट्रेनिंग ले रहे हैं. खेलो इंडिया के जरिए मोदी सरकार देश की युवा प्रतिभाओं को खेलों की ओर प्रोत्साहित कर उन्हें शीर्ष स्तर का इंफ्रास्ट्रक्चर और उच्चतम स्तर का प्रशिक्षण भी दे रही है. यही नहीं मोदी सरकार खेलों के प्रति नारी शक्ति को भी प्रेरित कर रही है. इससे ओलंपिक खेलों में महिला खिलाड़ियों की भागीदारी भी बढ़ रही है और अच्छे परिणाम भी आ रहे हैं. भारतीय महिलाएं खेल जगत में विश्व स्तर पर भारत का परचम लहरा रही हैं.
खेल का स्तर सुधर रहा: उन्होंने कहा कि खेलो इंडिया से बहुत बड़ा बदलाव आया है. जो खिलाड़ी गली में खेल रहे है, आगे चलकर वही चैंपियन भी बनेंगे. चैंपियन कभी सीधे ओलंपिक के ग्राउंड में नहीं, बल्कि इन्हीं गली-मोहल्ले में खेल कर तैयार होते हैं. अब खिलाड़ियों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए इंफ्रास्ट्रक्चर और इक्विपमेंट के साथ-साथ विशेषज्ञों की सेवाएं भी दी जा रही हैं. इससे खेल का स्तर सुधर रहा है और खिलाड़ियों को विभिन्न खेलों में अच्छी पोजीशन भी मिल रही है. उन्होंने कहा कि खेलो इंडिया ने हजारों खिलाड़ियों की लाइफ को बदल दिया है. हालांकि, हर खिलाड़ी सिलेक्ट नहीं हो सकता. जिस तरह आर्मी में जवानों की भर्ती तो होती है, लेकिन उनमें से कुछ जवान ही युद्ध के मैदान तक पहुंचते हैं. खेल जगत में भी जो बेस्ट होता है, वही आगे बढ़ पाता है. उन्हें गर्व है कि बतौर खिलाड़ी वो अपने देश के लिए मेडल ला पाएं.