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संसद में गूंजा कोचिंग सेंटर हादसे का मुद्दा, बांसुरी बोलीं- दिल्ली सरकार की लापरवाही, अखिलेश ने पूछा- असली जिम्मेदार कौन? - delhi coaching incident

Delhi coaching incident: दिल्ली में आईएएस कोचिंग में 3 छात्रों की मौत का मुद्दा सोमवार को लोकसभा में भी गूंजा. इसपर जहां नई दिल्ली से सांसद बांसुरी स्वराज ने केजरीवाल सरकार पर तीखे प्रहार किए, वहीं सपा सांसद अखिलेश यादव ने कार्रवाई को लेकर जवाब मांगा. पढ़ें पूरी खबर..

लोकसभा में गूंजा कोचिंग सेंटर में छात्रों की मौत का मुद्दा
लोकसभा में गूंजा कोचिंग सेंटर में छात्रों की मौत का मुद्दा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 29, 2024, 1:46 PM IST

Updated : Jul 29, 2024, 1:59 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी के ओल्ड राजेंद्र नगर की घटना को लेकर सड़क से संसद तक कोहराम मचा हुआ है. इसी क्रम में लोकसभा में बोलते हुए भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि वे छात्र IAS परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली आए थे लेकिन दुख की बात है कि दिल्ली सरकार की आपराधिक लापरवाही के कारण उन छात्रों की जान चली गई.

उन्होंने कहा आगे कहा कि नाले का पानी कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में भर गया और पूरा बेसमेंट जलमग्न होने के कारण तीन छात्रों ने अपनी जान गंवा दी. ये बच्चे तेलंगाना, केरल और उत्तर प्रदेश से आईएएस की तैयारी के लिए आए थे. लेकिन मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि दिल्ली सरकार की लापरवाही के कारण इन बच्चों ने जान गंवा दी. एक दशक से आम आदमी पार्टी दिल्ली में सत्ता भोग रही है, लेकिन दिल्ली के लोगों के लिए काम नहीं कर रही है. वहीं पिछले दो सालों से एमसीडी और दिल्ली जल बोर्ड भी आम आदमी पार्टी के अधीन है. 22 और 24 जुलाई से वहां के पार्षद और विधायक और अधिकारियों को लगातार इसकी शिकायत कर रहे थे. विधायक जी ने व्यंग्य तो किया, लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया. मैं गृह मंत्रालय से मामले की जांच के लिए एक समिति बनाने का अनुरोध करती हूं.

वहीं लोकसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने कहा, "यह एक दर्दनाक घटना है. योजना और एनओसी देनी की जिम्मेदारी सभी अधिकारियों की है तो जिम्मेदार कौन है? उनके खिलाफ कार्रवाई क्या हो रही है? यह अवैध बिल्डिंग का सिर्फ एक मामला नहीं है, हम यूपी में देख रहे हैं कि अवैध इमारतों पर बुलडोजर चल रहा है, क्या ये सरकार यहां बुलडोजर चलाएगी या नहीं?

यह भी पढ़ें- हादसे के बाद जागा दिल्ली नगर निगम, बेसमेंट का गलत इस्तेमाल करने वाले 13 कोचिंग सेंटर सील

वहीं राज्यसभा में बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी और आप सांसद स्वाति मालीवाल सहित आधा दर्जन सांसदों ने नियम 267 के तहत चर्चा की मांग को लेकर स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया. हालांकि सभापति जगदीप धनखड़ ने इसपर चर्चा की अनुमति नहीं दी. उन्होंने इस मुद्दे को गंभीर बताया और कहा कि इसपर नियम 276 के तहत चर्चा की जाएगी. उच्च सदन में इसपर चर्चा के लिए ढाई घंटे का समय आवंटित किया गया है.

यह भी पढ़ें- दिल्ली कोचिंग सेंटर हादसे में दो आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया

नई दिल्ली: राजधानी के ओल्ड राजेंद्र नगर की घटना को लेकर सड़क से संसद तक कोहराम मचा हुआ है. इसी क्रम में लोकसभा में बोलते हुए भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि वे छात्र IAS परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली आए थे लेकिन दुख की बात है कि दिल्ली सरकार की आपराधिक लापरवाही के कारण उन छात्रों की जान चली गई.

उन्होंने कहा आगे कहा कि नाले का पानी कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में भर गया और पूरा बेसमेंट जलमग्न होने के कारण तीन छात्रों ने अपनी जान गंवा दी. ये बच्चे तेलंगाना, केरल और उत्तर प्रदेश से आईएएस की तैयारी के लिए आए थे. लेकिन मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि दिल्ली सरकार की लापरवाही के कारण इन बच्चों ने जान गंवा दी. एक दशक से आम आदमी पार्टी दिल्ली में सत्ता भोग रही है, लेकिन दिल्ली के लोगों के लिए काम नहीं कर रही है. वहीं पिछले दो सालों से एमसीडी और दिल्ली जल बोर्ड भी आम आदमी पार्टी के अधीन है. 22 और 24 जुलाई से वहां के पार्षद और विधायक और अधिकारियों को लगातार इसकी शिकायत कर रहे थे. विधायक जी ने व्यंग्य तो किया, लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया. मैं गृह मंत्रालय से मामले की जांच के लिए एक समिति बनाने का अनुरोध करती हूं.

वहीं लोकसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने कहा, "यह एक दर्दनाक घटना है. योजना और एनओसी देनी की जिम्मेदारी सभी अधिकारियों की है तो जिम्मेदार कौन है? उनके खिलाफ कार्रवाई क्या हो रही है? यह अवैध बिल्डिंग का सिर्फ एक मामला नहीं है, हम यूपी में देख रहे हैं कि अवैध इमारतों पर बुलडोजर चल रहा है, क्या ये सरकार यहां बुलडोजर चलाएगी या नहीं?

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वहीं राज्यसभा में बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी और आप सांसद स्वाति मालीवाल सहित आधा दर्जन सांसदों ने नियम 267 के तहत चर्चा की मांग को लेकर स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया. हालांकि सभापति जगदीप धनखड़ ने इसपर चर्चा की अनुमति नहीं दी. उन्होंने इस मुद्दे को गंभीर बताया और कहा कि इसपर नियम 276 के तहत चर्चा की जाएगी. उच्च सदन में इसपर चर्चा के लिए ढाई घंटे का समय आवंटित किया गया है.

यह भी पढ़ें- दिल्ली कोचिंग सेंटर हादसे में दो आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया

Last Updated : Jul 29, 2024, 1:59 PM IST
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