नई दिल्ली: राजधानी के ओल्ड राजेंद्र नगर की घटना को लेकर सड़क से संसद तक कोहराम मचा हुआ है. इसी क्रम में लोकसभा में बोलते हुए भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि वे छात्र IAS परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली आए थे लेकिन दुख की बात है कि दिल्ली सरकार की आपराधिक लापरवाही के कारण उन छात्रों की जान चली गई.
#WATCH ओल्ड राजिंदर नगर की घटना के बारे में लोकसभा में बोलते हुए भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा, " ...वे छात्र ias परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली आए थे लेकिन दुख की बात है कि दिल्ली सरकार की आपराधिक लापरवाही के कारण उन छात्रों की जान चली गई...एक दशक से aap दिल्ली में सत्ता भोग… pic.twitter.com/Abi9SrswRj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 29, 2024
उन्होंने कहा आगे कहा कि नाले का पानी कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में भर गया और पूरा बेसमेंट जलमग्न होने के कारण तीन छात्रों ने अपनी जान गंवा दी. ये बच्चे तेलंगाना, केरल और उत्तर प्रदेश से आईएएस की तैयारी के लिए आए थे. लेकिन मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि दिल्ली सरकार की लापरवाही के कारण इन बच्चों ने जान गंवा दी. एक दशक से आम आदमी पार्टी दिल्ली में सत्ता भोग रही है, लेकिन दिल्ली के लोगों के लिए काम नहीं कर रही है. वहीं पिछले दो सालों से एमसीडी और दिल्ली जल बोर्ड भी आम आदमी पार्टी के अधीन है. 22 और 24 जुलाई से वहां के पार्षद और विधायक और अधिकारियों को लगातार इसकी शिकायत कर रहे थे. विधायक जी ने व्यंग्य तो किया, लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया. मैं गृह मंत्रालय से मामले की जांच के लिए एक समिति बनाने का अनुरोध करती हूं.
#WATCH ओल्ड राजिंदर नगर की घटना पर लोकसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने कहा, " घटना दर्दनाक घटना है। योजना और एनओसी देनी की जिम्मेदारी सभी अधिकारियों की है तो जिम्मेदार कौन है? और उनके खिलाफ कार्रवाई क्या हो रही है? यह अवैध बिल्डिंग का सिर्फ एक मामला नहीं है, हम… pic.twitter.com/zNBnJ9nDTk
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वहीं लोकसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने कहा, "यह एक दर्दनाक घटना है. योजना और एनओसी देनी की जिम्मेदारी सभी अधिकारियों की है तो जिम्मेदार कौन है? उनके खिलाफ कार्रवाई क्या हो रही है? यह अवैध बिल्डिंग का सिर्फ एक मामला नहीं है, हम यूपी में देख रहे हैं कि अवैध इमारतों पर बुलडोजर चल रहा है, क्या ये सरकार यहां बुलडोजर चलाएगी या नहीं?
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वहीं राज्यसभा में बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी और आप सांसद स्वाति मालीवाल सहित आधा दर्जन सांसदों ने नियम 267 के तहत चर्चा की मांग को लेकर स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया. हालांकि सभापति जगदीप धनखड़ ने इसपर चर्चा की अनुमति नहीं दी. उन्होंने इस मुद्दे को गंभीर बताया और कहा कि इसपर नियम 276 के तहत चर्चा की जाएगी. उच्च सदन में इसपर चर्चा के लिए ढाई घंटे का समय आवंटित किया गया है.
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