हैदराबाद: ईरान ने सीरिया में अपने दूतावास पर बमबारी के लिए इजराइल को दोषी ठहराया. मध्य पूर्व में बढ़ रहे भू-राजनीतिक तनाव के बीच, विमानन उद्योग पर इसका असर पड़ रहा है और भारतीय एयरलाइंस कंपनियां तेल अवीव से उड़ान संचालन को निलंबित करने की घोषणा कर सकती हैं.
एयर इंडिया की एक उड़ान कल तेल अवीव अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुरक्षित रूप से उतरी और तेल अवीव से भारत के लिए उड़ान भरने वाली है. दो प्रमुख एयरलाइंस, एल अल और एयर इंडिया, इजराइल और भारत के बीच वाणिज्यिक उड़ानें संचालित कर रही हैं. शनिवार को टाटा के स्वामित्व वाली एयर इंडिया ने घोषणा की कि वह ईरानी हवाई क्षेत्र से परहेज करेगी. इसी तरह, विस्तारा ने भी घोषणा की कि वह इन तनावों के कारण क्षेत्र में मार्गों को बदल सकता है और इससे उड़ानों की अवधि लंबी हो सकती है.
इस क्षेत्र में ऐसे समय में तनाव बढ़ गया है. जब फिलिस्तीन में युद्ध पहले से ही भड़का हुआ है, अब पुराने दुश्मनों, ईरान और इजराइल के बीच प्रतिद्वंद्विता गहरी हो गई है, भारत सरकार ने भी एक एडवाजरी जारी की है. इसमें नागरिकों से ईरान की यात्रा से दूर रहने का आग्रह किया गया है.
विस्तारा एयर ने ईरान और इजराइल के बीच चल रहे तनाव के कारण उड़ान पथ में बदलाव के संबंध में एक बयान जारी किया. विस्तारा एयरलाइंस ने बयान में कहा, 'मध्य पूर्व के कुछ हिस्सों को प्रभावित करने वाली मौजूदा स्थिति के कारण, हम अपनी कुछ उड़ानों के उड़ान-पथ में बदलाव कर रहे हैं. इसके स्थान पर आकस्मिक मार्गों का उपयोग किया जा रहा है, जिन्हें ऐसी घटनाओं के दौरान परिचालन निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए उपलब्ध रखा जाता है'.
विस्तारा के प्रवक्ता ने ईटीवी भारत को बताया, 'इसके परिणामस्वरूप कुछ मार्गों पर उड़ान का समय लंबा हो सकता है और संबंधित देरी हो सकती है. स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है. जरूरत पड़ने पर और बदलाव किए जाएंगे'.
उल्लेखनीय है कि ईरान और यमन, सीरिया और इराक से संचालित उसके प्रतिनिधियों ने शनिवार रात इजराइल पर 200 से अधिक ड्रोन और मिसाइलें दागीं. ईरान ने सीरिया में अपने दूतावास पर कथित तौर पर इजराइल द्वारा किए गए हमले का बदला लेने की कसम खाई है. इसमें जनरल मोहम्मद रजा जाहेदी, जो ईरानी कुद्स फोर्स के एक वरिष्ठ नेता थे, सहित कम से कम 13 लोग मारे गए थे. फ्लाइट ट्रैकर वेबसाइट फ्लाइटरडार 24 के अनुसार, कई एयरलाइंस अब ईरानी हवाई क्षेत्र से बच रही हैं. वह अब इराक, जॉर्डन, लेबनान और इजराइली हवाई क्षेत्र का उपयोग कर रही हैं.