हैदराबादः आजादी के कई दशक बाद भी रेल में यात्रा करने के लिए टिकट की उपलब्धता आसान नहीं है. 4 माह पहले रिजर्वेशन टिकट के लिए पार्टल खुलता है. इसके कुछ दिन बाद ही वेटिंग या नो-रूम आने लगता है. इन सबके बीच रेलवे की ओर से गंभीर रोगों के मरीज, कुछ परिस्थितियों में उनके साथ एक अटेंडेंट/एस्कॉर्ट को यात्रा में रियायत दी जाती है. गंभीर मरीजों को इलाज व उनके नियमित जांच के लिए टिकट कंफर्म में वरीयता दी जाती है.
जानें किस श्रेणी के मरीज व एस्कॉर्ट को कितनी मिलता है रियायत
कैंसर के मरीज जो अकेले या एस्कॉर्ट के साथ इलाज/समय-समय पर जांच के लिए यात्रा करते हैं
- 2nd, 1st क्लास और AC चेयर कार में 75%
- SL और 3 AC में 100%
- 1 AC और 2AC में 50%
- एक एस्कॉर्ट को रियायत के समान तत्व के लिए पात्र माना जाएगा (SL और 3AC को छोड़कर जहां एस्कॉर्ट को 75% मिलता है)
थैलेसीमिया के मरीज जो अकेले या एस्कॉर्ट के साथ इलाज/समय-समय पर जांच के लिए यात्रा करते हैं
- 2nd, SL, 1st क्लास, 3AC, AC चेयर कार में 75%
- 1AC और 2AC में 50%
- एक एस्कॉर्ट को भी रियायत के समान तत्व के लिए पात्र माना जाएगा
हृदय के मरीज जो अकेले या एस्कॉर्ट के साथ इलाज/समय-समय पर जांच के लिए यात्रा करते हैं
- 2nd, SL, 1st क्लास में 75% क्लास, 3एसी, एसी चेयर कार
- 1एसी और 2एसी में 50%
- एक एस्कॉर्ट भी रियायत के समान तत्व के लिए पात्र है
किडनी ट्रांसप्लांट ऑपरेशन/डायलिसिस के लिए अकेले या एस्कॉर्ट के साथ यात्रा करने वाले किडनी मरीज
- 2nd, SL, 1st क्लास, 3एसी, एसी चेयर कार में 75%
- 1एसी और 2एसी में 50%
- एक एस्कॉर्ट भी रियायत के समान तत्व के लिए पात्र है
हीमोफीलिया के मरीज - गंभीर और - बीमारी से पीड़ित अकेले या एस्कॉर्ट के साथ उपचार/समय-समय पर जांच के लिए यात्रा करने वाले
- 2nd, SL, 1st क्लास, 3एसी, एसी चेयर कार में 75%
- एक एस्कॉर्ट भी रियायत के समान तत्व के लिए पात्र है
टीबी/ल्यूपस वेलगरिस के मरीज उपचार/समय-समय पर जांच
- 75% द्वितीय, एसएल, प्रथम श्रेणी में
- एक एस्कॉर्ट भी रियायत के समान तत्व के लिए पात्र है
A train softly passes by Deepor Beel in Guwahati, with the blue and green hues distinctly separated, admiring its reflection in the tranquil water. pic.twitter.com/a14wz3RLpc
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) July 29, 2024
गैर-संक्रामक कुष्ठ रोगी उपचार/समय-समय पर जांच के लिए
- 75% द्वितीय, एसएल, प्रथम श्रेणी में
- एक एस्कॉर्ट भी रियायत के समान तत्व के लिए पात्र है
एड्स रोगी नामित एआरटी केंद्रों पर उपचार/जांच के लिए
50% द्वितीय श्रेणी में
Think Twice, Print Double.
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) July 28, 2024
Contribute to paper conservation and set your printer to double-sided printing by default.#MissionLiFE #ChooseLiFE pic.twitter.com/fXqGAFCUGs
किसी भी उद्देश्य से यात्रा करने वाले ऑस्टोमी रोगी
- 50% एमएसटी और क्यूएसटी में
- -एक एस्कॉर्ट भी रियायत के समान तत्व के लिए पात्र है
सिकल सेल एनीमिया उपचार / आवधिक जांच के लिए
- 50 स्लीपर, एसी चेयर कार, एसी 3-टियर और एसी 2-टियर में
एप्लास्टिक एनीमिया उपचार / आवधिक जांच के लिए
- 50 स्लीपर, एसी चेयर कार, एसी 3-टियर और एसी 2-टियर में
लाभ के लिए रोगी रियायत प्रमाण पत्र है जरूरी
रेलवे में किसी भी प्रकार की रियायत के लिए प्रमाण के रूप में दस्तावेज प्रस्तुत करना पड़ता है. किसी गंभीर रोग से पीड़ित रोगी को इलाज या जांच कराने के लिए रेलवे की ओर से जारी फार्मेट में रोगी रियायत प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा. रोगी रियायत प्रमाण पत्र पर चिकित्सा पदाधिकारी से सत्यापित होना चाहिए. इसमें आउट वार्ड यात्रा के लिए अनुसंशा होता है. यह प्रमाण पत्र राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त अस्पताल / संस्थान / एड्स रोगियों के मामले में नामित एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) केंद्र के सक्षम पदाधिकारी की ओर से जारी की जाती है.