रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड): केदारनाथ पैदल मार्ग पर आई त्रासदी के बाद रेस्क्यू अभियान चौथे दिन भी जारी है. त्रासदी के चौथे दिन सेना की मदद ली गई. 40 आर्मी के जवान सोनप्रयाग-गौरीकुंड के बीच बंद मार्ग को खोलने में जुटे हैं. आज सुबह से ही तीर्थ यात्रियों को पैदल मार्ग से लाने का भी रेस्क्यू जारी है. वहीं अभी तक 9099 तीर्थयात्रियों को रेस्क्यू किया जा चुका है.
सेना ने संभाली कमान: केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए शासन-प्रशासन लगातार मुस्तैदी से कार्य कर रहा है. रेस्क्यू कार्यों में तेजी लाने के लिए अब सेना की भी मदद ली जा रही है. जनपद में तैनात 6 ग्रेनेडियर यूनिट कर्नल हितेश वशिष्ठ के नेतृत्व में सेना रास्तों को पुनर्स्थापित करने और पुल बनाने के अलावा सर्च अभियान में मदद करेगी. प्राथमिकता के आधार पर पहले सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच वाश आउट हुए मार्ग पर पैदल पुल बनाया जा रहा है. जिलाधिकारी सौरभ गहरवार, पुलिस अधीक्षक डॉ. विशाखा अशोक भदाणे मौके पर मॉनिटरिंग कर रही हैं.
Uttarakhand | On the instructions of CM Pushkar Singh Dhami, The bridge construction has started at Sonprayag.
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 4, 2024
At least six people have died in rain-related incidents since Wednesday evening as heavy rains lashed different parts of Uttarakhand, while many pilgrims and tourists… pic.twitter.com/lXxBBqSejB
यात्रियों को लिंनचोली किया रवाना: सीईओ बीकेटीसी योगेंद्र सिंह ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन के चौथे दिन केदारनाथ धाम में फंसे हुए यात्रियों 373 यात्रियों, स्थानीय लोगों एवं मजदूरों को एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं अन्य सुरक्षा बलों की मदद से लिंनचोली तक पहुंचाने के लिए रवाना कर दिया गया है. लिनचोली से एयर लिफ्ट कर इन सभी को रेस्क्यू किया जाएगा. वहीं केदारनाथ हैलीपैड पर अभी 570 यात्री, स्थानीय लोग और मजदूर एयरलिफ्ट होने का इंतजार कर रहे हैं.
यात्रियों को रेस्क्यू कर चौमासी पहुंचाया: केदारनाथ में सभी लोगों के लिए जिला प्रशासन, बीकेटीसी और तीर्थ पुरोहित समाज द्वारा फूड पैकेट्स, पानी की बोतलें, फल उपलब्ध कराए जा रहे हैं. उधर रामबाड़ा चौमासी ट्रैक से एनडीआरएफ व एसडीआरएफ द्वारा 110 यात्रियों को रेस्क्यू कर चौमासी पहुंचा दिया गया है. ट्रैक पर सुरक्षा बलों द्वारा यात्रियों को लगातार फूड पैकेट्स, पानी सहित चिकित्सा उपचार उपलब्ध करवाया गया. अब तक इस मार्ग से 534 से अधिक यात्रियों एव स्थानीय लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है.
जंगल में भटक गए थे यात्री: बीती देर रात सोनप्रयाग कोतवाली से एसडीआरएफ सोनप्रयाग की टीम को सूचना प्राप्त हुई कि 11 श्रद्धालु त्रिजुगीनारायण से ऊपर 08 किलोमीटर की दूरी पर जंगल में भटक गए हैं. उनके पास खाने-पीने का सामान समाप्त हो चुका था, उन्हें तत्काल मदद की आवश्यकता है. सूचना प्राप्त होते ही मणिकांत मिश्रा, सेनानायक SDRF के निर्देश पर एसडीआरएफ की टीम 13 किलोमीटर के सड़क मार्ग से त्रिजुगीनारायण के लिए रवाना हुई.
ग्रामीणों और ड्रोन की ली मदद: इसी दौरान, सूचना मिली कि 11 में से 9 श्रद्धालु सकुशल वापस आ चुके हैं, लेकिन 2 लोग अब भी फंसे हुए हैं. एसडीआरएफ की टीम ने स्थानीय ग्रामीणों की मदद से ड्रोन का उपयोग कर सोन नदी के दूसरी ओर जंगल की सर्चिंग शुरू की. ड्रोन को ऊपर देख चट्टान पर बैठे दोनों युवकों ने आवाज लगाई. एसडीआरएफ जिसके बाद दोनों तक पहुंची. दोनों युवक अंकित पुत्र फाजिल मंडल और सुनील पुत्र महेश सिंह, सरिता विहार, दिल्ली के निवासी हैं.
'9099 people rescued till now from along Kedarnath Yatra route': Uttarakhand disaster management secretary
— ANI Digital (@ani_digital) August 3, 2024
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साथियों से बिछड़े थे दोनों: दोनों 31 जुलाई को बादल फटने के बाद वे गौरीकुंड में फंस गए थे. स्थानीय लोगों के कहने पर वे गौरीकुंड त्रिजुगी नारायण तोशी मार्ग पर चल दिए. उनकी संख्या 13 के करीब हो गई थी, लेकिन उनमें से कुछ लोग वापस चले गए और 9 सकुशल सोनप्रयाग पहुंच गए. ये दोनों युवक थकान और बिना खाने-पीने के कारण धीमे-धीमे आगे बढ़ रहे थे और अपने साथियों से बिछड़ गए. अपने को अकेला पाते हुए, उन्होंने तुरंत सोनप्रयाग कोतवाली को अपने फंसने की सूचना दी.
श्रद्धालुओं को किया जा रहा रेस्क्यू: गौर हो कि मौसम साफ होने के बाद हेलीकॉप्टर सेवा से रेस्क्यू किया जाएगा. चीरबासा और भीमबली में फंसे यात्रियों को जल्द रेस्क्यू किया जाएगा. एमआई 17 और चिनूक हेलीकॉप्टर से चारधाम हेलीपैड से यात्रियों को रेस्क्यू किया जाएगा. बता दें कि केदारनाथ धाम पैदल मार्ग पर आई त्रासदी के तीसरे दिन 729 श्रद्धालुओं को हेली से एयरलिफ्ट किया गया, वहीं पैदल मार्ग से होकर 1162 श्रद्धालुओं का रेस्क्यू किया गया.
साथ ही 117 यात्री केदारनाथ धाम से पैदल चैमासी पहुंचे. जिलाधिकारी सौरभ गहवार ने बताया कि केदारनाथ पैदल मार्ग मार्ग पर आई आपदा में अब तक हेलीकॉप्टर से 2082, पैदल मार्ग से 6,546 और वैकल्पिक मार्ग चैमासी गांव 420 तीर्थयात्री पहुंच चुके हैं. सौरभ गहवार ने बताया कि अब तक हुए रेस्क्यू में 9099 तीर्थयात्रियों की जान को बचाया गया है.
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